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कई अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टरों की अब बढ़ेगी समस्या, जाने क्या है पूरा मामला - lucknow latest news

आयुष्मान भारत डिजिटल योजना (Ayushman Bharat Digital Scheme) के तहत प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों का पंजीकरण पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य कर दिया गया है. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr Manoj Agarwal) ने बताया कि पोर्टल पर 200 से अधिक अस्पतालों ने अपना डेटा दर्ज करा लिया है.

देश के कई अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टरों की अब बढ़ेगी समस्या
देश के कई अस्पतालों में सेवा दे रहे डॉक्टरों की अब बढ़ेगी समस्या
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Published : Oct 18, 2022, 3:56 PM IST

लखनऊ: आयुष्मान भारत डिजिटल योजना (Ayushman Bharat Digital Scheme) के तहत पूरे प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों का पंजीकरण (ABDM ) पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य हो चुका है. जिसमें सरकारी व निजी क्षेत्र में काम कर रहे डॉक्टर भी अपना पंजीकरण करेंगे. रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने से एक साथ कई अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों कि समस्या बढ़ सकती है.

बता दें कि पोर्टल रजिस्ट्रेशन के बाद एक साथ कई प्राइवेट अस्पतालों के बाहर नाम का बोर्ड लगाने वाले डाक्टरों को परेशानी होगी. क्योंकि ऐसे तमाम डाक्टर हैं, जो एक साथ कई प्राइवेट अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे होते हैं. जबकि उनके नाम का पंजीकरण एक ही अस्पताल में होता है. इससे पैथोलॉजिस्ट चिकित्सकों को काफी दिक्तत आयेगी. क्योंकि एक-एक चिकित्सक के नाम से कई पैथोलाजी संचालित होने का मामला भी प्रकाश में आता रहता है. पोर्टल पर जानकारी देने को लेकर ऐसे चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है. जो एक से ज्यादा जगह अपनी सेवा दे रहे हैं.

आयुष्मान भारत डिजिटल योजना के तहत प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को क्या करना होगा, जाने इस रिपोर्ट से...
मरीजों का तैयार होगा रिकॉर्डइस योजना के अंतर्गत लाभार्थी मरीजों का पोर्टल पर पंजीकरण होने से प्रत्येक रोगी का मेडिकल रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा. मरीज किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जाएगा तो इस पोर्टल पर यूएचआईडी (UHID) अंकित करने पर मरीज द्वारा पूर्व में प्राप्त कर चुके इलाज व जांच सम्बंधित पूरी जानकारी डॉक्टर को ऑनलाइन मिलेगी. मरीजों को अपने पर्चे और जांच की रिपोर्ट लेकर अस्पतालों के चक्कर काटने से भी आजादी मिलेगी. परिवार के सदस्यों का भी देना होगा विवरणयूएचआईडी (UHID) जारी करने के लिए लाभार्थी को अपने परिवार सदस्य, स्थान और संपर्क विवरण की विस्तृत जानकारी देनी होगी. इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या (ABHA) का उपयोग विशेष तौर पर व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें प्रमाणित करने और उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड केवल रोगी की सूचित सहमति के साथ दिया जाएगा.क्नीनिकों का भी होगा पंजीकरणइस पोर्टल पर चिकित्सकीय सुविधाएं दे रहे सभी अस्पताल, क्लीनिक, लैब, पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर्स व फार्मेसी आदि सभी पंजीकृत होंगे. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr Manoj Agarwal) ने बताया कि पोर्टल पर अबतक 200 से ज्यादा अस्पतालों ने अपना डेटा दर्ज करा लिया है. इसके अलावा डेटा दर्ज की प्रक्रिया जारी है. इस प्रक्रिया में अब तक गलत सूचना देने वालों को समस्या जरूर होगी.

यह भी पढ़ें- स्मार्ट सिटी की तर्ज पर विकसित होंगे स्मार्ट गांव : केशव मौर्य

लखनऊ: आयुष्मान भारत डिजिटल योजना (Ayushman Bharat Digital Scheme) के तहत पूरे प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों का पंजीकरण (ABDM ) पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य हो चुका है. जिसमें सरकारी व निजी क्षेत्र में काम कर रहे डॉक्टर भी अपना पंजीकरण करेंगे. रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होने से एक साथ कई अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे डॉक्टरों कि समस्या बढ़ सकती है.

बता दें कि पोर्टल रजिस्ट्रेशन के बाद एक साथ कई प्राइवेट अस्पतालों के बाहर नाम का बोर्ड लगाने वाले डाक्टरों को परेशानी होगी. क्योंकि ऐसे तमाम डाक्टर हैं, जो एक साथ कई प्राइवेट अस्पतालों में अपनी सेवा दे रहे होते हैं. जबकि उनके नाम का पंजीकरण एक ही अस्पताल में होता है. इससे पैथोलॉजिस्ट चिकित्सकों को काफी दिक्तत आयेगी. क्योंकि एक-एक चिकित्सक के नाम से कई पैथोलाजी संचालित होने का मामला भी प्रकाश में आता रहता है. पोर्टल पर जानकारी देने को लेकर ऐसे चिकित्सकों में हड़कंप मच गया है. जो एक से ज्यादा जगह अपनी सेवा दे रहे हैं.

आयुष्मान भारत डिजिटल योजना के तहत प्रदेश के निजी व सरकारी अस्पतालों के डॉक्टरों को क्या करना होगा, जाने इस रिपोर्ट से...
मरीजों का तैयार होगा रिकॉर्डइस योजना के अंतर्गत लाभार्थी मरीजों का पोर्टल पर पंजीकरण होने से प्रत्येक रोगी का मेडिकल रिकॉर्ड तैयार हो सकेगा. मरीज किसी भी अस्पताल में इलाज के लिए जाएगा तो इस पोर्टल पर यूएचआईडी (UHID) अंकित करने पर मरीज द्वारा पूर्व में प्राप्त कर चुके इलाज व जांच सम्बंधित पूरी जानकारी डॉक्टर को ऑनलाइन मिलेगी. मरीजों को अपने पर्चे और जांच की रिपोर्ट लेकर अस्पतालों के चक्कर काटने से भी आजादी मिलेगी. परिवार के सदस्यों का भी देना होगा विवरणयूएचआईडी (UHID) जारी करने के लिए लाभार्थी को अपने परिवार सदस्य, स्थान और संपर्क विवरण की विस्तृत जानकारी देनी होगी. इसे आयुष्मान भारत स्वास्थ्य खाता संख्या (ABHA) का उपयोग विशेष तौर पर व्यक्तियों की पहचान करने, उन्हें प्रमाणित करने और उनके स्वास्थ्य रिकॉर्ड केवल रोगी की सूचित सहमति के साथ दिया जाएगा.क्नीनिकों का भी होगा पंजीकरणइस पोर्टल पर चिकित्सकीय सुविधाएं दे रहे सभी अस्पताल, क्लीनिक, लैब, पैथोलॉजी और डायग्नोस्टिक सेंटर्स व फार्मेसी आदि सभी पंजीकृत होंगे. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल (CMO Dr Manoj Agarwal) ने बताया कि पोर्टल पर अबतक 200 से ज्यादा अस्पतालों ने अपना डेटा दर्ज करा लिया है. इसके अलावा डेटा दर्ज की प्रक्रिया जारी है. इस प्रक्रिया में अब तक गलत सूचना देने वालों को समस्या जरूर होगी.

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