लखनऊ: कोरोना वायरस लगातार हमलावर हो रहा है. अस्पतालों में कोविड मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं का पता लगाने के लिए मंगलवार को मॉकड्रिल होगी. लखनऊ के 11 अस्पतालों में व्यवस्थाएं परखी जाएंगी. मरीजों की भर्ती, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन आदि के इंतजाम देखे जाएंगे. केजीएमयू, बलरामपुर, लोकबंधु समेत दूसरे अस्पतालों में मॉकड्रिल होगी. सोमवार को 61 और लोग कोरोना संक्रमित मिले थे. सक्रिय मरीजों की संख्या 273 पहुंच गई है. इससे स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है. अधिकारियों ने सर्विलांस बढ़ाने के निर्देश दिए हैं.
चिनहट में सबसे ज्यादा मरीज: कोरोना वायरस का संक्रमण सबसे ज्यादा चिनहट में हमलावर हुआ. यहां 14 लोगों में वायरस की पुष्टि हुई है. इंदिरानगर में नौ लोग संक्रमित पाए गए हें. अलीगंज में आठ और एनके रोड में सात लोग संक्रमित मिले हैं. आलमबाग में छह, सिल्वर जुबली में पांच, टूडियागंज चार, सरोजनीनगर में तीन, ऐशबाग में दो लोग पॉजिटिव पाए गए हैं. गोसाईगंज, मोहनलालगंज व रेडक्रास में एक-एक लोग कोरोना की जद में आ गए हैं.
12 मरीज भर्ती: स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 11 मरीजों ने वायरस को मात देने में कामयाबी हासिल की है. 12 मरीज अस्पतालों में भर्ती हैं. इसमें केजीएमयू में सात और लोकबंधु में पांच मरीज भर्ती हैं. 261 मरीज होम आइसोलेशन में हैं. सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि आरआरटी में वृद्धि की गई है. रोजाना 2200 से अधिक लोगों की जांच हो रही है. ऑपरेशन से पहले व इमरजेंसी में भर्ती के वक्त मरीजों की जांच भी कराई जा रही है. इससे समय पर संक्रमितों की पहचान करने में मदद मिलेगी. संक्रमण का प्रसार भी रुकेगा. सभी अस्पतालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए कहा गया है. कोविड अस्पतालों में डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ व दूसरे कर्मचारियों की ड्यूटी लगा दी गई है.
बलरामपुर अस्पताल के चिकित्सकों ने किया महिला का जटिल ऑपरेशन: मरीज़ अनीता सिंह उम्र 45 वर्ष एक लंबे अंतराल से पेट में दर्द और सूजन की समस्या से पीड़ित थी. लगभग पिछले कई महीनों से वह अन्य अस्पतालों में इसकी इलाज की सलाह ले रही थी. लेकिन उनको आराम नहीं मिल रहा था. बलरामपुर अस्पताल में मुख्य परामर्शदाता सर्जन व अपर निदेशक डॉ. एसके सक्सेना से संपर्क किया. उनके जांच करने पर पता चला कि महिला के पेट में दाहिने अंडाणु में एक बहुत बड़ा ट्यूमर है. इसको निकाला जाना आवश्यक है, नहीं तो इसमें कैंसर होने की संभावना है.
जांच के बाद इस मरीज़ की सफल शल्य क्रिया की गयी. इस ट्यूमर का समूचा निकाला जाना आवश्यक था. ट्यूमर से स्पिलेज होने पर इस ट्यूमर की पूरे पेट में फलाने की संभावना थी. इसे सावधानी से समूचा निकाला गया. ट्यूमर लगभग सात किलो का था. यह 30 सीएम लंबा 22 सेंटीमीटर चौड़ा और 20 सेंटीमीटर मोटा था. यह ऑपरेशन मुख्य परमर्शदाता सर्जन डॉ. एसके सक्सेना के द्वारा किया गया. इसमें डॉ. चंदेल, डॉ. भट्ट, स्टाफ़ महेंद्र श्रीवास्तव, उमा और अतुल ने सहयोग किया. निदेशक डॉ. रमेश गोयल ने इस केस में सफलता को लकर प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए सराहना की.
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