लखनऊ : कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बयान पर हमला बोलते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का शिगूफा जो प्रधानमंत्री के द्वारा छोड़ा गया है. वह इसके पीछे वह अपनी नाकामियों को छुपाना चाहते हैं. देश में बढ़ती बेरोजगारी, महंगाई, किसानों की बदहाल होती स्थिति और अर्थव्यवस्था के जो मौजूदा हाल हैं उससे देश का ध्यान भटकाना चाहते हैं. देश की विविधता और बहुलता को भारत का संविधान मान्यता देता है.
कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी का कहना है कि प्रधानमंत्री ने यूसीसी की वकालत करते हुए एक राष्ट्र को एक परिवार के बराबर बताया है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बोलने से पहले कम से कम जिस परिवार का उदाहरण बता रहे हैं. उसी से स्थिति समझ लेते एक परिवार में चार लड़के होते हैं जो अलग-अलग कार्यक्षेत्र, पहनावा और खानपान अलग होने के बावजूद एक होते हैं. उसी तरह भारत को भी बहुलता और विविधता के बावजूद कानूनी दस्तावेज "संविधान" द्वारा एक साथ लाया जाता है जो हमें अलग-अलग धर्मों, संस्कृतियों, विचारों, जातियों, अलग शिक्षा के बावजूद भारतीय के रूप में एक होने का अहसास कराता है.
यूसीसी भाजपा और आरएसएस का निजी स्वार्थ
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि 2018 में देश के विधि आयोग की ओर से प्रस्तुत रिपोर्ट को प्रधानमंत्री और भाजपा नेताओं को पढ़ना चाहिए. उन्होंने कहा कि आयोग ने उस समय बताया था कि सामान नागरिक संहिता संभव नहीं है. अब ऐसे में भाजपा विधि आयोग को हाईजैक कर अपना एजेंडा थोप रही है. अंशु अवस्थी ने कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी लगातार इस बात को उठाते रहे हैं किस तरह से भाजपा सारे संवैधानिक संस्थाओं पर कब्जा कर देश के संविधान के साथ खिलवाड़ कर रही है. भाजपा की कथनी और करनी के कारण आज देश बंटा हुआ है. लोगों पर थोपा गया यूसीसी केवल विभाजन को बढ़ाएगा. प्रधानमंत्री यूसीसी की इतनी वकालत इसलिए कर रहे हैं, जिससे देश में बढ़ती बेरोजगारी, मंहगाई, घृणा, अपराध, भेदभाव और राज्यों के अधिकारों को नकारने से ध्यान भटकाना है. अपनी नाकामियों को छिपाने, शासन में विफल होने के बाद, भाजपा ध्रुवीकरण कर अगला चुनाव प्रभावित करने का प्रयास कर रही है.
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