लखनऊ : आगामी लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सभी राजनीतिक पार्टियों में तैयारियां शुरू हो गई. उत्तर प्रदेश को लेकर सभी पार्टियों में यहां की 80 लोकसभा सीटों को जीतने की हर कोशिश कवायद में जुटी हुई है. वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा समर्थित गठबंधन में यूपी की 80 में से 73 लोकसभा सीटें जीती थीं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा व उसके गठबंधन ने 64 सीटों पर जीत हासिल की थी. आगामी लोकसभा चुनाव को देखते हुए भाजपा अपने गठबंधन के कुनबे को बढ़ाने में जुटी हुई है. वहीं कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में एक बार फिर से सपा बसपा के साथ ग्रैंड अलायंस करने की कोशिश कर रही है. हालांकि पार्टी ने अभी उत्तर प्रदेश में किसी भी गठबंधन को लेकर कोई बात नहीं कही है. कांग्रेस की तरफ से जिस तरह से चुनाव की तैयारियां चल रही हैं. उसे देखकर यही कहा जा रहा है कि देर सवेर यूपी में भी गैर भाजपाई दलों का गठबंधन देखने को मिलेगा. कॉन्ग्रेस इसी को ध्यान में रखकर आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में तैयारी कर रही है.
वर्ष 2009 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिन सीटों पर जीत हासिल की थी उन पर सबसे अधिक फोकस बनाना शुरू कर दिया है. इसके अलावा पार्टी उन 20 सीटों पर भी फोकस कर रही है. जहां पर 2014 व 2019 के लोकसभा चुनाव में वह दूसरे व तीसरे नंबर पर रही थी. सूत्रों का कहना है कि लोकसभा चुनाव 2009 में पार्टी ने कुल 21 सीटें उत्तर प्रदेश में जीती थीं. वहीं बीते 2 लोकसभा चुनाव में पार्टी उत्तर प्रदेश की 20 लोकसभा सीटों पर दूसरे नंबर पर रही. इन सभी लोकसभा सीट्स लिए पार्टी की ओर से विशेष रणनीति भी बनाई जा रही है. इन लोकसभा सीट्स पर दोबारा से जीत हासिल करने के लिए हर 15 दिनों में इन सभी सीट्स की रिपोर्ट पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष को भेजी जाएगी.
कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि वर्ष 2009 के बाद हुए दोनों लोकसभा चुनाव की अगर बात किए जाए तो पार्टी 20 के करीब सीटों पर दूसरे नंबर पर थी. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी गठबंधन में चुनाव लड़ रही थी. इसके बाद भी इन दोनों पार्टियों को 15 सीटों पर जीत हासिल हुई थी. कांग्रेस इतनी ही सीटों पर दूसरे नंबर पर थी. ऐसे में पार्टी सूत्रों का कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को पूरी तरह से नकारना आसान नहीं है.
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