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लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती, जानिए वजह

लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के लिए उत्तर प्रदेश में खासी चुनौतियां हैं. बीते नौ साल से विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिर रहा है. निकाय चुनावों में भी कांग्रेस को खास सफलता नहीं मिली है. ऐसे में वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले आसन्न निकाय चुनाव में कड़ी मशक्त करनी पड़ेगी.

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Published : Apr 18, 2023, 7:37 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने की पूरी जी जान से लगी हुई है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी नए सिरे से संगठन के तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दलित नेता बृजलाल खाबरी को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी. इसके अलावा के प्रांतीय अध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी. इन सब पर जिम्मेदारी है कि 2022 में कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन को किस तरह से बेहतर किया जाए. बीते 9 साल से विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिरा है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को कुल 6% वोट मिले थे. वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को केवल 2.35% वोट ही मिले हैं. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव में वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जातिगत समीकरण, जिताऊ प्रत्याशियों पर फोकस कर रही है.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.

बीते विधानसभा चुनाव में लखनऊ में केवल 9 सीटों पर 2.35% वोट ही मिले


उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में कांग्रेस का वजूद वापस लाने के लिए पूरा जोर लगाया था. उन्होंने चुनाव में 40% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का बड़ा दांव भी खेला. इसके बावजूद कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव व 2019 के लोकसभा चुनाव में जितने मत मिले थे उसे भी दोहरा नहीं पाई. वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 11.36% वोट मिले थे. इसमें भी लखनऊ कैंट सीट पर पार्टी को सर्वाधिक 63052 वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस की प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने चुनाव जीता था. लखनऊ पश्चिम की सीट पर पार्टी को 36185 वोट, लखनऊ उत्तर सीट पर 45361, लखनऊ मध्य सीट पर 35630 वोट मिले. यह कांग्रेस का लखनऊ विधानसभा चुनाव में अंतिम बार सबसे अच्छा प्रदर्शन था. इसके बाद 2017 में पार्टी को 6.2% ही वोट मिले थे, जो 2022 के चुनाव में घटकर 2.5% ही रह गया. निकाय चुनाव में पार्टी की कोशिश है कि इस गिरे हुए मत प्रतिशत को किसी तरह से ऊपर ले जाया जाए.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.


2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 9 सीटों पर केवल 52000 से अधिक वोट मिले

वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी 9 विधानसभा सीटों से कुल 52659 वोट ही प्राप्त हो सका था. वर्ष 2012 के विधानसभा में कांग्रेस को अकेले कैंट विधानसभा सीट पर 63 हजार से अधिक वोट प्राप्त हुए थे. आलम यह था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट पार्टी को सरोजनीनगर विधानसभा में मिले थे. इस सीट पर पार्टी को 19711 वोट मिले थे. जबकि लखनऊ कैंट विधानसभा पर 6510 वोट मिले थे. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का कहना है कि इस बार के नगर निकाय व निकाय चुनाव में पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. हमारी कोशिश है कि पार्टी बीते चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन से उभर कर. नए सिरे से आगे बढ़े, इसके लिए हमारी कोशिश है कि हम अपने मत प्रतिशत को 2012 के मत प्रतिशत से ऊपर ले जाने की कोशिश करें. जहां पार्टी को 20% से अधिक वोट प्राप्त हुए थे.

यह भी पढ़ें : उमेश पाल की हत्या से पहले असद ने इस बिल्डर को धमकी देकर मांगे थे पैसे, ऑडियो वायरल

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी अपने खोए हुए जनाधार को वापस पाने की पूरी जी जान से लगी हुई है. वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी नए सिरे से संगठन के तैयारी शुरू कर दी है. पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर दलित नेता बृजलाल खाबरी को उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौंपी. इसके अलावा के प्रांतीय अध्यक्ष की नियुक्ति की गई थी. इन सब पर जिम्मेदारी है कि 2022 में कांग्रेस के अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन को किस तरह से बेहतर किया जाए. बीते 9 साल से विधानसभा चुनाव व लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का वोट प्रतिशत लगातार गिरा है. वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में जहां कांग्रेस को कुल 6% वोट मिले थे. वहीं 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को केवल 2.35% वोट ही मिले हैं. वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी निकाय चुनाव में वोट प्रतिशत को बढ़ाने के लिए जातिगत समीकरण, जिताऊ प्रत्याशियों पर फोकस कर रही है.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.

बीते विधानसभा चुनाव में लखनऊ में केवल 9 सीटों पर 2.35% वोट ही मिले


उत्तर प्रदेश कांग्रेस प्रभारी व राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी ने यूपी में कांग्रेस का वजूद वापस लाने के लिए पूरा जोर लगाया था. उन्होंने चुनाव में 40% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का बड़ा दांव भी खेला. इसके बावजूद कांग्रेस 2017 के विधानसभा चुनाव व 2019 के लोकसभा चुनाव में जितने मत मिले थे उसे भी दोहरा नहीं पाई. वर्ष 2012 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को 11.36% वोट मिले थे. इसमें भी लखनऊ कैंट सीट पर पार्टी को सर्वाधिक 63052 वोट मिले थे. इस सीट पर कांग्रेस की प्रोफेसर रीता बहुगुणा जोशी ने चुनाव जीता था. लखनऊ पश्चिम की सीट पर पार्टी को 36185 वोट, लखनऊ उत्तर सीट पर 45361, लखनऊ मध्य सीट पर 35630 वोट मिले. यह कांग्रेस का लखनऊ विधानसभा चुनाव में अंतिम बार सबसे अच्छा प्रदर्शन था. इसके बाद 2017 में पार्टी को 6.2% ही वोट मिले थे, जो 2022 के चुनाव में घटकर 2.5% ही रह गया. निकाय चुनाव में पार्टी की कोशिश है कि इस गिरे हुए मत प्रतिशत को किसी तरह से ऊपर ले जाया जाए.

लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.
लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में वोट बैंक बढ़ाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती.


2022 के विधानसभा चुनाव में सभी 9 सीटों पर केवल 52000 से अधिक वोट मिले

वर्ष 2022 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को सभी 9 विधानसभा सीटों से कुल 52659 वोट ही प्राप्त हो सका था. वर्ष 2012 के विधानसभा में कांग्रेस को अकेले कैंट विधानसभा सीट पर 63 हजार से अधिक वोट प्राप्त हुए थे. आलम यह था कि 2022 के विधानसभा चुनाव में सबसे अधिक वोट पार्टी को सरोजनीनगर विधानसभा में मिले थे. इस सीट पर पार्टी को 19711 वोट मिले थे. जबकि लखनऊ कैंट विधानसभा पर 6510 वोट मिले थे. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष बृजलाल खाबरी का कहना है कि इस बार के नगर निकाय व निकाय चुनाव में पार्टी ने अपने कार्यकर्ताओं को मजबूत प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है. हमारी कोशिश है कि पार्टी बीते चुनाव में अपने खराब प्रदर्शन से उभर कर. नए सिरे से आगे बढ़े, इसके लिए हमारी कोशिश है कि हम अपने मत प्रतिशत को 2012 के मत प्रतिशत से ऊपर ले जाने की कोशिश करें. जहां पार्टी को 20% से अधिक वोट प्राप्त हुए थे.

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