लखनऊ: राजधानी लखनऊ में पहली बार माटी बोर्ड के द्वारा माटी मेला का आयोजन किया जा रहा है. यह मेला लखनऊ के डाली बाग स्थित खादी भवन के प्रांगण में चल रहा है. इस माटी मेले का उद्घाटन मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने दीप प्रज्वलन कर किया है.
माटी मेले का मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने पहले उद्घाटन किया. उसके बाद बारी-बारी से प्रदर्शनी में आए प्रजापति समाज के शिल्पकारों की दुकानों पर जाकर उनके द्वारा बनाए गए मिट्टी के उत्पादों को देखा और उसके बारे जाना और उनका हालचाल लिया. मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह के साथ में माटी कला बोर्ड के चेयरमैन धर्मवीर प्रजापति, खादी ग्राम उद्योग के निदेशक नवनीत सहगल ने आधुनिक तरीके से मिट्टी के बर्तन बनाने वाले तरीकों के बारे में भी लोगों को बताया. उन्होंने कहा कि इससे एक तरफ चाइनीज प्रोडक्ट पर रोक लगेगी, तो वहीं दूसरी ओर लोकल फॉर वोकल के तहत देश में राष्ट्र में उत्पादित उत्पादों का इस्तेमाल बढ़ेगा.
प्रदर्शनी में फॉलो हो रही कोरोना गाइडलाइन
राजधानी में हस्तशिल्पकारों को बढ़ावा देने के लिए और मिट्टी से बनाए जाने वाले प्रोडक्ट की डिमांड बढ़ाने के लिए माटी मेले का आयोजन किया गया है. मेले में मिट्टी से उत्पादित घर में उपयोग किए जाने वाले सभी बर्तन साथ में मां लक्ष्मी, सरस्वती, सहित सभी देवी-देवताओं की मूर्तियां मिलेंगी. इस प्रदर्शनी में 35 दुकानें लगाई गई हैं, जो पूरे उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों से आए हस्तशिल्प कारीगरों के द्वारा लगाई गई हैं. इस मेले प्रांगण में करीब 1000 लोग एक साथ आ सकते हैं. इस प्रांगण में अपनी खरीदारी कर सकते हैं. मेले में कोविड-19 की गाइड लाइन को भी फॉलो किया जा रहा है. सरकार के द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार सारी चीजें उपलब्ध रहेंगी.
बोले मंत्री, बढ़ें हैं रोजगार के अवसर
इस दौरान मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि माटी कला बोर्ड गठन के बाद प्रजापति समाज के लोगों की आमदनी बढ़ी है. बोर्ड के द्वारा उन्हें आधुनिक चाक और इलेक्ट्रॉनिक यंत्र उपलब्ध कराए गए हैं, जिससे वह अपना माल अच्छे से बना सकेंगे. इस पहल से एक तरफ उनकी आमदनी बढ़ रही है. वहीं दूसरी और रोजगार के बढ़ते अवसर भी प्रदेश में देखने को मिल रहे हैं. लखनऊ में माटी मेला का आयोजन किया जा रहा है. इसमें प्रदेश भर के विभिन्न जनपदों से लोग मिट्टी के उत्कृष्ट उत्पादों को बेचने आए हैं, जिससे दीपावली के अवसर पर चीन के उत्पादों पर रोक लगेगी और वोकल फॉर लोकल के तहत देश में उत्पादित मिट्टी के दीपक, मूर्तियां और अन्य उपयोग की वस्तुओं का इस्तेमाल बढ़ेगा.