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एक्सप्रेसवे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में बनेगा इण्डस्ट्रियल कारीडोर : सतीश महाना - सतीश महाना ने औद्योगिक कॉरिडोर बनाने के लिए बैठक की

औद्योगिक मंत्री सतीश महाना ने पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक विकास एवं निवेश के संबंध में बैठक की. बैठक के दौरान मंत्री ने एक्सप्रेसवे के किनारे औद्योगिक कॉरिडोर बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए.

एक्सप्रेसवे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में बनेगा इण्डस्ट्रियल कारीडोर
एक्सप्रेसवे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में बनेगा इण्डस्ट्रियल कारीडोर
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Published : Sep 1, 2021, 10:55 PM IST

लखनऊ : यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बुधवार को विधान भवन में पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक विकास एवं निवेश के लिए इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाने के संबंध में बैठक की. बैठक के दौरान औद्योगिक मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में औद्योगिक कॉरिडोर(Industrial Corridor) का विकास किया जाएगा.

इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए यूपीडा(Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है. बैठक के दौरान उन्होंने यूपीडा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यूपीसीडा से 3 विशेषज्ञ नियुक्त करने के निर्देश दिए. साथ ही भूमि अधिग्रहण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में उद्यमियों की सुविधा के लिए सड़क, बिजली-पानी सहित उच्च श्रेणी की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति की जा रही है. मंत्री सतीश महाना ने अधिकारियों से कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 10 किलोमीटर के अंदर ऐसे क्षेत्र को प्राथमिता दी जाय, जिसकी मेन रोड से कनेक्टीविटी हो और आस-पास बिजली घर भी मौजूद हो. मंत्री सतीश महाना ने बताया कि दोनो एक्सप्रेसवे के जद में आने वाले 23 जिलों के जिलाधिकारियों को इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिगृहण हेतु निर्देश दिए गये थे. जिसमें से 15 जिलों में भूमि अधिग्रहण कार्य हो चुका है. शेष जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

इसके अलावा यूपीसीडा द्वारा भी 9 जिलों में 77 एकड़ भूमि इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि लखनऊ के निकट होने के कारण बाराबंकी जनपद में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं. पेप्सिको जैसी कंपनियों ने लखनऊ के आस-पास उद्यम लगाने की इच्छा प्रकट की है. इसी प्रकार जनपद आजमगढ़ में कई लॉजिस्टिक ने निवेश की इच्छा जताई है. एक्सप्रेसवे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र का विकास होगा. साथ ही रोजगार के अधिक अवसर भी सृजित होंगे.

इसे पढ़ें- इलाहाबाद हाईकोर्ट का सुझाव, गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करे केंद्र सरकार

लखनऊ : यूपी के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना ने बुधवार को विधान भवन में पूर्वांचल एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेसवे के समीप औद्योगिक विकास एवं निवेश के लिए इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर विकसित किए जाने के संबंध में बैठक की. बैठक के दौरान औद्योगिक मंत्री ने कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे 10 किलोमीटर की परिधि में औद्योगिक कॉरिडोर(Industrial Corridor) का विकास किया जाएगा.

इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास के लिए यूपीडा(Uttar Pradesh Expressways Industrial Development Authority) को नोडल एजेंसी नामित किया गया है. बैठक के दौरान उन्होंने यूपीडा को और अधिक मजबूत बनाने के लिए यूपीसीडा से 3 विशेषज्ञ नियुक्त करने के निर्देश दिए. साथ ही भूमि अधिग्रहण कार्य में तेजी लाने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि प्रस्तावित इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर में उद्यमियों की सुविधा के लिए सड़क, बिजली-पानी सहित उच्च श्रेणी की मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.

भूमि अधिग्रहण के कार्य में तेजी लाने के लिए कन्सलटेंट की नियुक्ति की जा रही है. मंत्री सतीश महाना ने अधिकारियों से कहा कि एक्सप्रेसवे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए 10 किलोमीटर के अंदर ऐसे क्षेत्र को प्राथमिता दी जाय, जिसकी मेन रोड से कनेक्टीविटी हो और आस-पास बिजली घर भी मौजूद हो. मंत्री सतीश महाना ने बताया कि दोनो एक्सप्रेसवे के जद में आने वाले 23 जिलों के जिलाधिकारियों को इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अधिगृहण हेतु निर्देश दिए गये थे. जिसमें से 15 जिलों में भूमि अधिग्रहण कार्य हो चुका है. शेष जिलों में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया चल रही है.

इसके अलावा यूपीसीडा द्वारा भी 9 जिलों में 77 एकड़ भूमि इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए उपलब्ध कराई गई है. उन्होंने कहा कि लखनऊ के निकट होने के कारण बाराबंकी जनपद में निवेश की प्रबल संभावनाएं हैं. पेप्सिको जैसी कंपनियों ने लखनऊ के आस-पास उद्यम लगाने की इच्छा प्रकट की है. इसी प्रकार जनपद आजमगढ़ में कई लॉजिस्टिक ने निवेश की इच्छा जताई है. एक्सप्रेसवे के किनारे इण्डस्ट्रियल कॉरिडोर के विकास से औद्योगिक गतिविधियां बढ़ेंगी, जिससे क्षेत्र का विकास होगा. साथ ही रोजगार के अधिक अवसर भी सृजित होंगे.

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