लखनऊ: योगी सरकार ने अपने चौथे बजट में जल शक्ति एवं नमामि गंगे ग्रामीण जलापूर्ति को ध्यान में रखते हुए बड़े बजट का प्रावधान किया है. इन योजनाओं के लिए योगी सरकार ने 9 हजार 10 करोड़ 65 लाख रुपये दिए हैं. इस बजट में प्रदेश में लंबित पड़ी नहर परियोजनाओं को सरकार ने शामिल किया है. वहीं प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक हर खेत को पानी जैसी योजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए सरकार ने बजटीय प्रावधान किया है.
बजट की मुख्य बातें
- सरयू नहर परियोजना के लिए एक हजार 554 करोड़ रुपये. मध्य गंगा नहर के द्वितीय चरण के लिए 1736 करोड़ रुपये तथा अर्जुन सहायक परियोजना के लिए 252 करोड़ 65 लाख रुपये की व्यवस्था की गई है.
- राजघाट नहर परियोजना के लिए 393 करोड़ रुपये दिए गए हैं. वाटर सेक्टर रिस्ट्रक्चरिंग परियोजना के लिए 295 करोड़ रुपये तथा कनहर सिंचाई परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये दिए गए हैं.
- योगी सरकार ने अपने इस बजट में बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी परियोजना के लिए 966 करोड़ रुपये दिए हैं. नहरों की छतिग्रस्त पक्की संरचनाओं के निर्माण कार्यों के लिए 300 करोड़ की व्यवस्था की गई है.
- निशुल्क बोरिंग योजना मध्यम गहरे नलकूप योजना तथा गहरी बोरिंग योजना को समेकित रूप से मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के नाम से क्रियान्वित किए जाने के लिए 216 करोड़ रुपए की व्यवस्था इस बजट में की गई.
- प्रदेश में बढ़ती हुई जनसंख्या, भविष्य की जल आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए 1 हेक्टेयर से 5 हेक्टेयर के तालाबों को दोबारा विकसित करने की आवश्यकता के दृष्टिगत वर्षा जल संचयन के लिए 48 करोड़ की व्यवस्था की गई है. हालांकि वर्षा जल संचयन की दृष्टि से यह बजट में व्यवस्था की गई रकम बेहद कम मानी जा रही है.
- प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के घटक 'हर खेत को पानी' के अंतर्गत प्रदेश के 18 जिलों के 69 विकास खंडों में पूरी योजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. यह योजना उन्हीं विकास खंडों में लागू है, जिनमें 750 मिलीमीटर से अधिक वर्षा होती है.
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