लखनऊ : यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटर कॉलेजों की मान्यता पहले तीन वर्ष के लिए ही दी जाएगी. बाद में मान्यता (UP board schools given recognition for three years) की शर्तों को पूरा करने व विद्यालय की व्यवस्थाओं को देखते हुए 5 साल के लिए उसका नवीनीकरण किया जाएगा. अभी तक मान्यता के लिए स्थलीय निरीक्षण व्यवस्था थी कि डीआईओएस कार्यालय के समक्ष खड़े होकर अपना व भवन का फोटो खिंचवाकर रिपोर्ट के साथ सलग्न करेंगे, लेकिन अब व्यवस्था के तहत जनपद यह समिति विस्तृत निरीक्षण करेगी. अब मान्यता 30 वर्ष की रजिस्टर्ड लीज डीड के तहत अनिवार्य कर दी गई है. इस संबंध में प्रमुख सचिव माध्यमिक की ओर से शासनादेश जारी किया गया है.
समिति द्वारा निरीक्षण के समय विद्यालय भवन प्रयोगशाला, खेल के मैदान, बाउंड्रीवॉल, पुस्तकालय आदि की वीडियोग्राफी व फोटोग्राफी की जाएगी. इसे परिषद की वेबसाइट पर अपलोड किया जाएगा. इसके अलावा नई शर्तों में विद्यालय में छात्र शिक्षक अनुपात 40:1 से अधिक नहीं होगा. स्कूल में प्रत्येक विषय का एक शिक्षक अनिवार्य होगा. साथ ही विद्यालय द्वारा लिया जा रहा शुल्क का विवरण भी अपलोड करना होगा. शिक्षक को कम से कम 70% शैक्षिक व अन्य कर्मियों के वेतन पर खर्च करना होगा. इसके अलावा और शिक्षकों को उपस्थिति बोर्ड की वेबसाइट पोर्टल पर प्रत्येक कार्य दिवस में दर्ज करानी होगी.
विद्यालय की वेबसाइट ईमेल फोन नंबर के अलावा आधारभूत सुविधाओं जैसे भवन, क्लास रूम की संख्या, कंप्यूटर, खेल, पुस्तकालय, लाइट, पंखे आदि का विवरण वेबसाइट पर देना होगा. साथ ही योग्यता सहित शिक्षकों का विवरण, क्लास वाइज छात्र-छात्राओं की संख्या, प्रत्येक वर्ष का परीक्षाफल, शुल्क का विवरण भी प्रदर्शित करना होगा. पानी के लिए समर्सिबल, पाइप पेयजल, टैंक, हैंड वॉश प्लेटफार्म अलग-अलग आयु वर्ग के बच्चों की लंबाई के हिसाब से अलग-अलग ऊंचाई के लिए प्लेटफार्म की व्यवस्था करनी होगी.
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