लखनऊ : यूपी में अगले वर्ष विधानसभा चुनाव (Up Assembly Election 2022) होने है. जिसको लेकर सभी राजनीतिक दलों ने जोर-शोर से तैयारियां शुरू कर दीं है. सभी दल अपने पाले में वोटरों को लाने के लिए चुनावी गोट बिछा रहे हैं. सभी दल अलग-अलग जातियों को साधने के लिए अलग-अलग चाल रहे हैं. बसपा ब्राह्मणों को लुभाने के लिए प्रबुद्ध वर्ग सम्मेंलन(Prabuddh Varg Sammenlan) कर रही है. वहीं सपा मुर्ति लगाकर वोटरों को साधने की कोशिश कर रही है. इसी क्रम में कांग्रेस पार्टी दलितों को जोड़ने के लिए अभियान चलाएगी.
कांग्रेस के इस अभियान की खास बात यह होगी, कि इस बार पार्टी गांधी परिवार के चेहरों के साथ ही नहीं बल्कि अम्बेडकर की यादों को लेकर लोगों तक पहुंचेगी. पार्टी कार्यकर्ता दलितों को बताएंगे कि कांग्रेस पार्टी ही उनका उत्थान करती आई है और आगे भी करेगी. सपा, बसपा और भाजपा को दलित विरोधी करार देने के लिए कांग्रेस समाज के बीच कुछ तथ्य भी रखेगी. कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल कहते हैं कि दलितों का उत्थान केवल कांग्रेस ने किया है. सपा उन्हें प्रताड़ित करती आई है. बसपा ने केवल वोट लेकर सत्ता हासिल की और भाजपा तो दलित की धुर विरोधी है.
पहली संसद से लेकर अब तक तमाम ऐसे प्रमाण हैं जो यह दर्शाते हैं कि कांग्रेस ने दलितों को बढ़ाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी. इन सभी दलों ने दलितों के साथ सिर्फ वोट का संबंध रखा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उत्तर प्रदेश में दलितों के बीच जा रही है. पार्टी के लोग उन्हें बता रहे हैं कि कांग्रेस ने किस तरह से उनके लिए काम किया है. सपा-बसपा तो बाहर नहीं निकली है, बसपा तो बीजेपी की बी टीम की तरह काम कर रही है. योगी सरकार में जब-जब दलितों का उत्पीड़न हुआ, तब कांग्रेस ही उनके साथ खड़ी हुई है.
प्रदेश भर में 29 अगस्त को कांग्रेस निकालेगी दलित स्वाभिमान यात्रा
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप नरवाल ने बताया कि 3 अगस्त को कांग्रेस ने दलित सम्मान दिवस मनाया था. 3 अगस्त को ही बाबा साहब अम्बेडकर को कैबिनेट में जाने का निर्णय लिया गया था. 29 अगस्त को डॉक्टर अम्बेडकर ड्राफ्ट कमेटी के चेयरमैन नियुक्त हुए थे. उस दिन कांग्रेस दलित स्वाभिमान दिवस मनाएंगी. कांग्रेस उत्तर प्रदेश के हर जिले में दलित स्वाभिमान यात्रा निकालेंगी. प्रदीप नरवाल ने कहा कि इंदिराद गांधी ने दलितों के उत्थान के लिए कई कार्य किए हैं. इस बारे में कांग्रेस दलित भाइयों से जानकारी साझा करेगी. कांग्रेस दलित परिवारों के घरों पर पार्टी का झंडा लगाएगी.
क्या कहते हैं राजनीतिक जानकार ?
कांग्रेस पार्टी भले ही अम्बेडकर के सहारे दलितों को अपने पाले में लाने की कोशिश कर रही हो, लेकिन राजनीतिक विश्लेषक इससे इतर सोचते हैं. वरिष्ठ पत्रकार सियाराम पांडेय कहते हैं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश में पूरी तरह से जमीन खो चुकी है. कांग्रेस को बीजेपी से लड़ना है, उसे बेहद सक्रिय रहने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली पार्टी से लड़ना है. ऐसे में कांग्रेस को सबसे पहले अपने संगठन को मजबूत करना होगा. कार्यकर्ताओं को खड़ा करना होगा. योगी के सामने कांग्रेस का कौन सा चेहरा ऐसा है, जो मुख्यमंत्री के रूप में प्रोजेक्ट किया जाएगा. कांग्रेस को समय रहते मुख्यमंत्री पद का चेहरा स्पष्ट करना चाहिए. कांग्रेस के सीएम वाले चेहरे को यूपी में अपनी सक्रियता दिखानी होगी, तभी कांग्रेस स्थिर हो सकती है.
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