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UP Elections 2022: यूपी फतह करने के लिए कांग्रेस की छोटे दलों पर नजर

यूपी 2022 विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टियां अपनी-अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी हैं. कौन किसके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ेगा, इसको लेकर मंथन का दौर शुरू हो चुका है. सुनने में आ रहा है कि इस बार कांग्रेस, छोटे दलों के साथ गठबंधन करके चुनावी मैदान में उतरने वाली है.

UP Elections 2022
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Published : Jun 7, 2021, 9:12 PM IST

लखनऊ : "27 साल यूपी बेहाल" और "यूपी को साथ पसंद है" के नारे के साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाथ मिलाया था. साथ-साथ उन्होंने कदम बढ़ाए थे. उम्मीद थी कि नतीजे गठबंधन के पक्ष में आएंगे और एक बार फिर सत्ता "साइकिल" के "हाथ" में होगी. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया. सारे सपने चकनाचूर हो गए. इन चुनावों में 403 विधानसभा सीटों में से सपा कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 54 सीटें ही जीत पाया.

छोटे दलों से गठबंधन की तैयारी में दल

लिहाजा, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में उत्तरने से पहले ही, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन की बात से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने छोटे दलों से गठबंधन की बात कही है, वहीं कांग्रेस पार्टी भी इस बार किसी बड़े दल से गठबंधन के मूड में बिल्कुल नहीं है. पार्टी छोटे दलों से संपर्क साधने में जुट गई है. हालांकि कांग्रेस के साथ कौन से छोटे दल आएंगे इसको लेकर अभी कांग्रेस के नेता ही संशय की स्थिति में हैं.

UP Elections 2022

अनुप्रिया और शिवपाल से संपर्क में कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. और इस चुनाव को दिलचस्प बनाएंगे छोटे दल. यानी क्षेत्रीय दल बड़े दलों की राजनीति बिगाड़ेंगे भी और संवारेंगे भी. अब कौन छोटे दल किस बड़े दल की तरफ जाएंगे, इसके पत्ते अभी उन्होंने भी नहीं खोले हैं. हालांकि बड़ी राजनीतिक पार्टियां छोटे दलों को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं. कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश में इस बार किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल नहीं होना चाहती. लिहाजा, पार्टी के बड़े नेताओं ने छोटे दलों के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. पार्टी के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी अनुप्रिया पटेल को अपने साथ लाना चाहती है. अनुप्रिया इन दिनों भारतीय जनता पार्टी से नाराज बताई जा रही हैं. इसका मुख्य कारण पिछली बार मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहने के बावजूद इस बार उन्हें सरकार में शामिल नहीं किया गया. वहीं उत्तर प्रदेश में उनके पति और अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल को योगी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया. ऐसे में कांग्रेस की नजर अनुप्रिया की अपना दल पर है. अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल की अपना दल पार्टी पहले से ही कांग्रेस के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर चुकी है. वह इस बार भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आ रही है.

Elections 2022
Elections 2022

शिवपाल से संपर्क कर रही कांग्रेस !





शिवपाल यादव
शिवपाल यादव


दूसरी तरफ शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से भी कांग्रेस के नेता संपर्क साध रहे हैं. कुछ माह पहले बड़े स्तर पर नेताओं की मुलाकात भी हुई. हालांकि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया. शिवपाल का पहला लक्ष्य अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ जाना है, लेकिन वहां बात नहीं बनती है तो शिवपाल जन संकल्प मोर्चा का भी हिस्सा हो सकते हैं. इस मोर्चे का गठन योगी सरकार से रूठ कर जाने वाले ओमप्रकाश राजभर ने किया है. उनके साथ आईएमआईएम के मुखिया अससुद्दीन ओवैसी शामिल हो चुके हैं. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद भी इसका हिस्सा बनने को तैयार हैं. ऐसे में शिवपाल कांग्रेस के साथ आएंगे अभी यह कहना मुश्किल है, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि शिवपाल को अपने पाले में लाने में सफल होगी.




UP Elections 2022
UP Elections 2022

रालोद से भी कांग्रेस को आस
चौधरी अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए केंद्र में कांग्रेस के साथ खड़े रहने और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाने की बात रखकर कांग्रेस पार्टी के नेता रालोद के वर्तमान अध्यक्ष जयंत चौधरी को अपने साथ लाने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि जयंत चौधरी का पूरा झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ है और पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का साथ नजर भी आया. दोनों पार्टियां काफी मजबूती से उभर कर सामने आईं. ऐसे में यहां पर कांग्रेस की उम्मीद जयंत चौधरी से धूमिल हो सकती है. हालांकि नेता कोशिश करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में रालोद की स्थिति काफी मजबूत हो गई है.

Elections 2022
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माकपा ने किया मना

पश्चिम बंगाल में भले ही कांग्रेस के साथ मिलकर लेफ्ट पार्टियों ने चुनाव लड़ा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति इसके उलट है. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता कांग्रेस का साथ देने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस काफी कमजोर है. ऐसे में समाजवादी पार्टी अगर गठबंधन की बात करती है, तो लेफ्ट पार्टियां सपा को साथ देने के लिए तैयार हैं. यानी यहां पर कांग्रेस को लेफ्ट का साथ नहीं मिलेगा.





Elections 2022
Elections 2022

आम आदमी पार्टी खड़ी करेगी दिक्कत
उत्तर प्रदेश में पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी वैसे तो सभी पार्टियों के लिए सिरदर्द बन सकती है. लेकिन कमजोर मानी जा रही कांग्रेस पार्टी को आप तगड़ा झटका दे सकती है. छोटे दलों से गठबंधन की जुगत भिड़ाने में जुटी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश में आने से झटका लग सकता है.

Elections 2022
Elections 2022


सपा कांग्रेस के गठबंधन का यह रहा था नतीजा
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया था तो उसका नतीजा दोनों ही पार्टियों के लिए खराब रहा था. 298 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने, 105 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन दोनों पार्टियां मिलकर सिर्फ 54 प्रत्याशी ही जिता पाईं. इसमें सपा को 47 और कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें ही मिली थीं.

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव


प्रशांत किशोर नहीं चाहते थे गठबंधन
2017 में रणनीतिकार प्रशांत किशोर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को विजय दिलाने की रणनीति बना रहे थे. उन्होंने इसे लेकर काफी काम भी किया. कार्यकर्ताओं में जोश भी भरा, लेकिन प्रशांत किशोर को दरकिनार करते हुए पार्टी आलाकमान ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया और इसे ही अब तक कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हार का बड़ा कारण मान रहे हैं. उनका मानना है कि अगर प्रशांत किशोर की रणनीति पर कांग्रेस काम करती और समाजवादी पार्टी से हाथ न मिलाती तो स्थिति काफी बेहतर होती.



इसे भी पढे़ं- शर्मनाक: नवजात बच्ची का शव लेकर घूमता रहा आवारा कुत्ता, लोग बनाते रहे वीडियो


कांग्रेस प्रवक्ता डॉ हिलाल नकवी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने अभी किसी भी दल से संपर्क स्थापित नहीं किया, लेकिन छोटे दल लगातार कांग्रेस से संपर्क स्थापित कर रहे हैं. अब यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है कि किन दलों से पार्टी को गठबंधन करना है या फिर अकेले ही चुनाव मैदान में उतरना है. अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.


लखनऊ : "27 साल यूपी बेहाल" और "यूपी को साथ पसंद है" के नारे के साथ 2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी के युवराज राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने हाथ मिलाया था. साथ-साथ उन्होंने कदम बढ़ाए थे. उम्मीद थी कि नतीजे गठबंधन के पक्ष में आएंगे और एक बार फिर सत्ता "साइकिल" के "हाथ" में होगी. लेकिन जब चुनाव परिणाम आए तो उम्मीदों पर पूरी तरह से पानी फिर गया. सारे सपने चकनाचूर हो गए. इन चुनावों में 403 विधानसभा सीटों में से सपा कांग्रेस गठबंधन सिर्फ 54 सीटें ही जीत पाया.

छोटे दलों से गठबंधन की तैयारी में दल

लिहाजा, 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव में उत्तरने से पहले ही, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन की बात से पूरी तरह पल्ला झाड़ लिया. उन्होंने छोटे दलों से गठबंधन की बात कही है, वहीं कांग्रेस पार्टी भी इस बार किसी बड़े दल से गठबंधन के मूड में बिल्कुल नहीं है. पार्टी छोटे दलों से संपर्क साधने में जुट गई है. हालांकि कांग्रेस के साथ कौन से छोटे दल आएंगे इसको लेकर अभी कांग्रेस के नेता ही संशय की स्थिति में हैं.

UP Elections 2022

अनुप्रिया और शिवपाल से संपर्क में कांग्रेस
उत्तर प्रदेश में 2022 का विधानसभा चुनाव काफी दिलचस्प होने वाला है. और इस चुनाव को दिलचस्प बनाएंगे छोटे दल. यानी क्षेत्रीय दल बड़े दलों की राजनीति बिगाड़ेंगे भी और संवारेंगे भी. अब कौन छोटे दल किस बड़े दल की तरफ जाएंगे, इसके पत्ते अभी उन्होंने भी नहीं खोले हैं. हालांकि बड़ी राजनीतिक पार्टियां छोटे दलों को लुभाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही हैं. कांग्रेस पार्टी भी उत्तर प्रदेश में इस बार किसी बड़ी पार्टी के साथ गठबंधन में शामिल नहीं होना चाहती. लिहाजा, पार्टी के बड़े नेताओं ने छोटे दलों के नेताओं से संपर्क साधना शुरू कर दिया है. पार्टी के सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी अनुप्रिया पटेल को अपने साथ लाना चाहती है. अनुप्रिया इन दिनों भारतीय जनता पार्टी से नाराज बताई जा रही हैं. इसका मुख्य कारण पिछली बार मोदी सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री रहने के बावजूद इस बार उन्हें सरकार में शामिल नहीं किया गया. वहीं उत्तर प्रदेश में उनके पति और अपना दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष सिंह पटेल को योगी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया. ऐसे में कांग्रेस की नजर अनुप्रिया की अपना दल पर है. अनुप्रिया पटेल की मां कृष्णा पटेल की अपना दल पार्टी पहले से ही कांग्रेस के साथ 2019 के लोकसभा चुनाव में गठबंधन कर चुकी है. वह इस बार भी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ खड़ी नजर आ रही है.

Elections 2022
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शिवपाल से संपर्क कर रही कांग्रेस !





शिवपाल यादव
शिवपाल यादव


दूसरी तरफ शिवपाल सिंह यादव की पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से भी कांग्रेस के नेता संपर्क साध रहे हैं. कुछ माह पहले बड़े स्तर पर नेताओं की मुलाकात भी हुई. हालांकि इसे सार्वजनिक नहीं किया गया. शिवपाल का पहला लक्ष्य अपने भतीजे अखिलेश यादव के साथ जाना है, लेकिन वहां बात नहीं बनती है तो शिवपाल जन संकल्प मोर्चा का भी हिस्सा हो सकते हैं. इस मोर्चे का गठन योगी सरकार से रूठ कर जाने वाले ओमप्रकाश राजभर ने किया है. उनके साथ आईएमआईएम के मुखिया अससुद्दीन ओवैसी शामिल हो चुके हैं. भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद भी इसका हिस्सा बनने को तैयार हैं. ऐसे में शिवपाल कांग्रेस के साथ आएंगे अभी यह कहना मुश्किल है, लेकिन कांग्रेस को उम्मीद है कि शिवपाल को अपने पाले में लाने में सफल होगी.




UP Elections 2022
UP Elections 2022

रालोद से भी कांग्रेस को आस
चौधरी अजीत सिंह के राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहते हुए केंद्र में कांग्रेस के साथ खड़े रहने और यूपीए सरकार में केंद्रीय मंत्री बनाने की बात रखकर कांग्रेस पार्टी के नेता रालोद के वर्तमान अध्यक्ष जयंत चौधरी को अपने साथ लाने की कोशिश कर सकते हैं. हालांकि जयंत चौधरी का पूरा झुकाव समाजवादी पार्टी की तरफ है और पंचायत चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल का साथ नजर भी आया. दोनों पार्टियां काफी मजबूती से उभर कर सामने आईं. ऐसे में यहां पर कांग्रेस की उम्मीद जयंत चौधरी से धूमिल हो सकती है. हालांकि नेता कोशिश करने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे, क्योंकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में रालोद की स्थिति काफी मजबूत हो गई है.

Elections 2022
Elections 2022


माकपा ने किया मना

पश्चिम बंगाल में भले ही कांग्रेस के साथ मिलकर लेफ्ट पार्टियों ने चुनाव लड़ा हो, लेकिन उत्तर प्रदेश में स्थिति इसके उलट है. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के नेता कांग्रेस का साथ देने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस काफी कमजोर है. ऐसे में समाजवादी पार्टी अगर गठबंधन की बात करती है, तो लेफ्ट पार्टियां सपा को साथ देने के लिए तैयार हैं. यानी यहां पर कांग्रेस को लेफ्ट का साथ नहीं मिलेगा.





Elections 2022
Elections 2022

आम आदमी पार्टी खड़ी करेगी दिक्कत
उत्तर प्रदेश में पहला विधानसभा चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी वैसे तो सभी पार्टियों के लिए सिरदर्द बन सकती है. लेकिन कमजोर मानी जा रही कांग्रेस पार्टी को आप तगड़ा झटका दे सकती है. छोटे दलों से गठबंधन की जुगत भिड़ाने में जुटी कांग्रेस को आम आदमी पार्टी के उत्तर प्रदेश में आने से झटका लग सकता है.

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सपा कांग्रेस के गठबंधन का यह रहा था नतीजा
2017 के यूपी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने गठबंधन किया था तो उसका नतीजा दोनों ही पार्टियों के लिए खराब रहा था. 298 सीटों पर समाजवादी पार्टी ने, 105 सीटों पर कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार मैदान में उतारे थे, लेकिन दोनों पार्टियां मिलकर सिर्फ 54 प्रत्याशी ही जिता पाईं. इसमें सपा को 47 और कांग्रेस को सिर्फ सात सीटें ही मिली थीं.

अखिलेश यादव
अखिलेश यादव


प्रशांत किशोर नहीं चाहते थे गठबंधन
2017 में रणनीतिकार प्रशांत किशोर उत्तर प्रदेश में कांग्रेस को विजय दिलाने की रणनीति बना रहे थे. उन्होंने इसे लेकर काफी काम भी किया. कार्यकर्ताओं में जोश भी भरा, लेकिन प्रशांत किशोर को दरकिनार करते हुए पार्टी आलाकमान ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर लिया और इसे ही अब तक कांग्रेस पार्टी के नेता और कार्यकर्ता हार का बड़ा कारण मान रहे हैं. उनका मानना है कि अगर प्रशांत किशोर की रणनीति पर कांग्रेस काम करती और समाजवादी पार्टी से हाथ न मिलाती तो स्थिति काफी बेहतर होती.



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कांग्रेस प्रवक्ता डॉ हिलाल नकवी कहते हैं कि कांग्रेस पार्टी ने अभी किसी भी दल से संपर्क स्थापित नहीं किया, लेकिन छोटे दल लगातार कांग्रेस से संपर्क स्थापित कर रहे हैं. अब यह फैसला केंद्रीय नेतृत्व को लेना है कि किन दलों से पार्टी को गठबंधन करना है या फिर अकेले ही चुनाव मैदान में उतरना है. अभी इस पर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.


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