लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजनीति में मंगलवार को बड़ी हलचल हुई है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तारीख की घोषणा होने के चौथे ही दिन मंगलवार को राज्य सरकार के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. इस पूरे घटनाक्रम पर केंद्रीय राज्यमंत्री कौशल किशोर ने बताया कि भाजपा सरकार सभी वर्गों के साथ सबका साथ, सबका विकास के तहत कार्य कर रही है. किसी भी वर्ग की उपेक्षा नहीं हुई है. पार्टी से इस्तीफा देने वाले वही विधायक हैं, जिन्हें अपना टिकट कटने का डर सता रहा था. प्रदेश की योगी सरकार में मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य ने मंत्रिमंडल से इस्तीफा देकर हलचल मचा दी है. वह सपा में जा रहे हैं या नहीं इस पर उन्होंने साफ-साफ कुछ नहीं कहा है. उन्होंने कहा कि अभी अखिलेश यादव से इस पर बात होनी है. हालांकि, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव की तरफ से किए गए ट्वीट में वे कहा गया है कि सामाजिक न्याय और समता-समानता की लड़ाई लड़ने वाले लोकप्रिय नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एवं उनके साथ आने वाले अन्य सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और समर्थकों का सपा में ससम्मान हार्दिक स्वागत व अभिनंदन है.
'भाजपा सरकार में दलितों, वंचितों और पिछड़ों का हुआ उत्थान'
यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र व माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार में दलितों, वंचितों और पिछड़ों का उत्थान हुआ है और निरंतर विकास और सम्मान मिल रहा है. इसलिए इस बार जन-जन का आशीर्वाद भाजपा के साथ है और पिछली बार से ज्यादा सीटें जीतकर भाजपा प्रचंड बहुमत की सूबे में सरकार बनाने जा रही है.
टिकट कटने के डर से दिया इस्तीफा
लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री आवासन एवम शहरी कार्य कौशल किशोर ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि पार्टी में वही विधायक इस्तीफे दे रहे हैं. जिन्होंने अपने क्षेत्र में कुछ विकास नहीं किया है और वहां की जनता उनसे काफी निराश है. वो जान गए हैं कि उनका टिकट कटने वाला है. इसलिए वो इस्तीफा देकर अन्य दलों में जा रहे हैं.
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद क्या बोले स्वामी प्रसाद मौर्य
मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं सभी नेताओं का सम्मान करता हू्ं और अपने ट्वीटर के माध्यम से 'पीएम मोदी, अमित शाह और यूपी के सीएम से मिले स्नेह के लिए मैनें उनका धन्यवाद भी किया है'. मेरी लड़ाई व्यक्तिगत नहीं वैचारिक है. मैं अम्बेडकर वादी हूं. पिछड़ों के दर्द ने मुझे भाजपा की ओर आकर्षित किया था. लेकिन सरकार बनने के बाद जिन दलितों और पिछड़ों ने बड़े पैमाने पर वोट देकर भाजपा को प्रचंड बहुमत दिलाने का काम किया था, सरकार ने उन्हीं के लिए कोई कदम नहीं उठाया.
भाजपा सरकार सभी वर्गों की उपेक्षा कर रही है: स्वामी
मौर्य ने मीडिया से बातचीत में भाजपा सरकार पर हमलावर होते हुए कहा कि योगी सरकार में दलित, पिछड़े, अति पिछड़े, किसान, मजदूर और बेरोजगारों से जो व्यवहार हुआ है, उस पर मैंने पार्टी के मंचों पर सवाल उठाए और अब मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया हूं. मौर्य के इस्तीफा देने के बाद कई भाजपा विधायक उनके आवास पर मौजूद थे. मौर्य के साथ ही तिंदवारी से विधायक बृजेश प्रजापति, बिल्हौर से विधायक भगवती सागर और तिलहर से विधायक रोशन लाल वर्मा ने इस्तीफा दे दिया है.
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