लखनऊ : राजधानी के लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में 'उद्यमिता विकास, रोजगार सृजन और विकास का आधार' के विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है. इसका आरंभ गुरुवार को विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में हुआ. जिसमें प्रथम दिन मुख्य अतिथि के तौर पर कानून मंत्री बृजेश पाठक उपस्थित रहे.
इस दौरान कानून मंत्री बृजेश पाठक ने कहा की विश्वविद्यालय परिवर्तन के वाहक हैं. उद्यमिता और समावेशी विकास को यदि धरातल पर अग्रसारित करना है तो इसके लिए हमें छात्रों में उद्यमी गुणों का विकास करना होगा. उन्होंने वाणिज्य विभाग को ऐसे सेमिनार आयोजित करने के लिए बधाई दी, साथ ही कहा भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों का आयोजन होते रहना चाहिए.
ओडीओपी और स्किल इंडिया के माध्यम से होगा पूरा
इस दौरान उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश एक बड़ा बाजार है और इस बाजार की मांग को ओडीओपी और स्किल इंडिया के माध्यम से पूरा किया जा सकता है. उन्होंने कॉन्फ्रेंस मैनेजिंग टीम को आश्वासन दिया कि जो भी आवश्यकताएं सम्मेलन से बाहर आएंगी, उन्हें प्रासंगिक स्तर पर उचित सहायता प्रदान की जाए. वहीं विवि वीसी ने कहा कि चूंकि सम्मेलन 'ए रोडमैप' में प्रवेश करता है, वह उम्मीद करते हैं कि कुछ व्यावहारिक सबक और इससे बाहर आने चाहिए. हमें उच्च शिक्षा के लिए एक शैक्षणिक संस्थान के रूप में उद्यमियों के लिए एक इको सिस्टम के विकास में सूत्रधार के रूप में आने वाली उन अंतर्दृष्टि का उपयोग करना चाहिए. इसके अलावा उन्होंने विफलताओं के साथ-साथ सफलता की कहानियों को बताने में रुचि दिखाई.
युवा अपनी उद्यमिता से कर रहे आश्चर्यचकित
मुख्य वक्ता के तौर पर उपस्थित प्रोफेसर फुरकान कमर ने उद्यमिता की महत्ता को वर्णित करते हुए कहा की व्यवसायियों को ब्रांड का नाम, वृद्धि, विकास और उद्यमिता के बारे में अवश्य जानना चाहिए. व्यवसायी के तौर पर संगोष्ठी में उपस्थित किरोन चोपड़ा ने अपने अनुभवों को साझा किया. उन्होंने कहा युवा अपनी उद्यमिता की क्षमता से दुनिया को प्रत्येक दिन आश्चर्यचकित कर रहे हैं. प्रथम तकनीकी सत्र में विषय उद्यमिता और संस्थागत सहयोग में चेयर पर्सन के रूप में प्रोफेसर एसके श्रीवास्तव और द्वितीय तकनीकी सत्र विषय में निगमीय उद्यमिता, सामाजिक उद्यमिता में चेयर पर्सन के रूप में प्रोफेसर ए पी तिवारी उपस्थित रहे.