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यूपी में बढ़े तीन तलाक के मामले, कानून बनने के बावजूद नहीं दिख रहा असर

मोदी सरकार की लंबी जद्दोजहद के बाद पास हुए तीन तलाक बिल को कानून की शक्ल मिल गई. बावजूद इसके 21 दिनों के भीतर ही चौंकाने वाले आकंड़े सामने आए हैं.

मुस्लिम महिलाएं.
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Published : Aug 29, 2019, 12:53 PM IST

लखनऊ: तीन तलाक बिल को पास कराने और कानून की शक्ल देने के लिए मोदी सरकार को लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी. लेकिन तीन तलाक पर कानून बनने के बाद 21 दिनों के भीतर ही चौंकाने वाले आकंड़े सामने आए हैं. जिसमें पता चला कि यूपी में तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद तलाक से जुड़े मुकदमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

कानून बनने के बाद से यूपी में बढ़े तीन तलाक के मामले.
तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद हुई मामलों में बढ़ोत्तरी-
  • तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद यूपी में तलाक से जुड़े मुकदमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
  • आकड़ो के अनुसार कानून बनने के बाद से 21 अगस्त तक यूपी में कुल 216 मामले दर्ज किए जा चुकें हैं.
  • सबसे ज्यादा 26 मुकदमे यूपी के मेरठ और सहारनपुर में 17 मामले दर्ज हुए हैं.
  • वहीं यूपी के शामली और वाराणसी में 10-10 मामले दर्ज किए जा चुकें हैं.
    ये भी पढ़ें- बुलंदशहर: शादी के 19 साल बाद दिया तलाक, पीड़िता ने लगाई न्याय की गुहार

जानें धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने क्या कहा-

  • तीन तलाक कानून से पत्नी को फायदा होने के बजाय नुकसान उठाना पड़ रहा है.
  • इस कानून में पत्नी के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि पत्नी का घर बसने की जगह उजड़ रहा है.
  • अगर सरकार सजा की जगह पति की जायदाद में हिस्सेदारी का प्रावधान रख देती तो महिलाओं को भला हो सकता था.
  • साथ ही जायदाद जाने के डर से पति भी तीन तलाक देने से बचता.
  • समाज में हत्या, लूट, चोरी डकैती जैसे अपराधों में कमी आने के बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है.
  • जिससे यह साबित होता है कि लोगों में जेल जाने का और सजा काटने का खौफ नहीं है.
    ये भी पढ़ें- मुरादाबाद: ईद पर नया कपड़ा न मिला तो तलाक...तलाक...तलाक...!

कानून बनने के बाद से महिलाओं में हिम्मत आई है, पहले डर और इंसाफ न मिलने की उम्मीद से मामले दर्ज नहीं हो पाते थे. वहीं अब बिना डर के और इंसाफ की उम्मीद के दर्ज हो रहे हैं. जिसकी वजह से इन मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
- शहनाज सिदरत, सामाजिक कार्यकर्ता

लखनऊ: तीन तलाक बिल को पास कराने और कानून की शक्ल देने के लिए मोदी सरकार को लंबी जद्दोजहद करनी पड़ी. लेकिन तीन तलाक पर कानून बनने के बाद 21 दिनों के भीतर ही चौंकाने वाले आकंड़े सामने आए हैं. जिसमें पता चला कि यूपी में तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद तलाक से जुड़े मुकदमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है.

कानून बनने के बाद से यूपी में बढ़े तीन तलाक के मामले.
तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद हुई मामलों में बढ़ोत्तरी-
  • तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद यूपी में तलाक से जुड़े मुकदमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है.
  • आकड़ो के अनुसार कानून बनने के बाद से 21 अगस्त तक यूपी में कुल 216 मामले दर्ज किए जा चुकें हैं.
  • सबसे ज्यादा 26 मुकदमे यूपी के मेरठ और सहारनपुर में 17 मामले दर्ज हुए हैं.
  • वहीं यूपी के शामली और वाराणसी में 10-10 मामले दर्ज किए जा चुकें हैं.
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जानें धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास ने क्या कहा-

  • तीन तलाक कानून से पत्नी को फायदा होने के बजाय नुकसान उठाना पड़ रहा है.
  • इस कानून में पत्नी के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि पत्नी का घर बसने की जगह उजड़ रहा है.
  • अगर सरकार सजा की जगह पति की जायदाद में हिस्सेदारी का प्रावधान रख देती तो महिलाओं को भला हो सकता था.
  • साथ ही जायदाद जाने के डर से पति भी तीन तलाक देने से बचता.
  • समाज में हत्या, लूट, चोरी डकैती जैसे अपराधों में कमी आने के बजाए दिन प्रतिदिन बढ़ोतरी हो रही है.
  • जिससे यह साबित होता है कि लोगों में जेल जाने का और सजा काटने का खौफ नहीं है.
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कानून बनने के बाद से महिलाओं में हिम्मत आई है, पहले डर और इंसाफ न मिलने की उम्मीद से मामले दर्ज नहीं हो पाते थे. वहीं अब बिना डर के और इंसाफ की उम्मीद के दर्ज हो रहे हैं. जिसकी वजह से इन मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है.
- शहनाज सिदरत, सामाजिक कार्यकर्ता

Intro:मोदी सरकार द्वारा लम्बी जद्दोजहद के बाद पास हुए ट्रीपल तलाक बिल को मिली कानून की शक्ल के बाद से ही इन मामलों में तेज़ी देखी गई है। दरअसल कानून बनने के बाद से ही 21 दिनों के भीतर चौकाने वाले आकंड़े सामने आए जिससे तीन तलाक पर लगने वाली अंकुश की बात पर बड़ा सवाल खड़ा होता दिखाई दे रहा है।


Body:तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद उत्तर प्रदेश में तलाक से जुड़े मुकदमों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है। आकड़ो पर नज़र डालें तो तीन तलाक रोधी कानून बनने के बाद से 21 अगस्त तक उत्तरप्रदेश में 216 मामले दर्ज किए जा चुकें है जहाँ सबसे ज़्यादा 26 मुक़दमे यूपी के मेरठ में और सहारनपुर में 17 मामले दर्ज हुए है वहीं यूपी के शामली और वाराणसी में 10-10 मामले दर्ज किए जा चुकें है। हालांकि धर्मगुरु मौलाना सैफ अब्बास का इन मामलों पर कहना है कि तीन तलाक कानून से पत्नी को फायदा होने के बजाय नुख्सान उठाना पड़ रहा है। मौलाना सैफ अब्बास का कहना है कि इस कानून में पत्नी के लिए कुछ भी नही क्योंकि पत्नी का घर बसने की जगह और उजड़ रहा है अगर सरकार सज़ा की जगह पती की जायदाद में बड़ी हिस्सेदारी का प्रावधान रख देता तो उससे महिलाओं को भला हो सकता था और जायदाद के डर से पती भी तीन तलाक देने से बचता लेकिन सज़ा आज हर कानून में मौजूद है ऐसे में हत्या, लूट, चोरी डकैती जैसे अपराधों में कमी आने के बजाए दिन पर दिन बढ़ोतरी हो रही जिससे यह साबित होता है कि लोगों में जेल जाने का और सज़ा काटने का खौफ नही है। दूसरी ओर इन मामलों में बढ़ोतरी पर सामाजिक कार्यकर्ता और तीन तलाक मामलों की जानकार शहनाज़ सिदरत का मानना है कि कानून बनने के बाद से महिलाओं में हिम्मत आयी है और जो पहले डर और इंसाफ मिलने की ना उम्मीद से मामले दर्ज नही हो पाते थे वहीं अब बिना डर के और इंसाफ की उम्मीद के दर्ज हो रहें जिसकी वजह से इन मामलों में बढ़ोतरी देखी जा रही है।

बाइट- मौलाना सैफ अब्बास, शिया धर्मगुरु
बाइट2- शहनाज़ सिदरत, समाजिक कार्यकर्ता


Conclusion:बता दें कि मोदी सरकार ने पहले लोकसभा में और उसके बाद राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास कराया था जिसके बाद राष्ट्रपति की मुहर लगने के बाद से ही इसने कानून का रूप ले लिया था वहीं इस बिल को लेकर जमीयत उलमा समेत कई याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है जिसपर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस भेज जवाब देने को कहा है।
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