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पैलेटिव पेशेंट की देखभाल के लिए नर्सों को दी जा रही ट्रेनिंग - उत्तर प्रदेश खबर

लखनऊ के केजीएमयू में एनीस्थियोलॉजी विभाग की ओर से पेन और पैलेटिव प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है. इस प्रशिक्षण कार्यशाला में पैलेटिव पेशेंट यानी लाइलाज बीमारी से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए नर्सेज को स्पेशल ट्रेनिंग दी जा रही है.

नर्सेज को दी जा रही ट्रेनिंग
नर्सेज को दी जा रही ट्रेनिंग
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Published : Mar 16, 2021, 7:55 AM IST

लखनऊ: पैलेटिव पेशेंट यानी लाइलाज बीमारी से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए नर्सेज को स्पेशल ट्रेनिंग देने की जरूरत होती है. क्योंकि, ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए नर्स के पास मरीज की न केवल पूरी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि उनमें कौशल और मरीज के प्रति संवेदना भी होनी चाहिए. यह बात विशेषज्ञों ने शुक्रवार को केजीएमयू में एनीस्थियोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित पेन और पैलेटिव प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान बताई.

कई तरह की चुनौतियां

कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली से आए डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के मरीज के मुख्यता शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आध्यात्मिक चुनौतियों से जूझते हैं. इसलिए उनको 3 एच यानी हेड, हॉट और हैंड के बारे में बताया जाता है. यानी मरीज के संबंध में पूरी जानकारी मरीज की समस्या के प्रति संवेदना और अपने काम में कुशल होना चाहिए.

इस आयोजन की सचिव डॉ सरिता ने बताया कि, लाइलाज बीमारियों के मरीजों की देखभाल के लिए देश में विशिष्ट प्रशिक्षण का अभाव है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है.

लखनऊ: पैलेटिव पेशेंट यानी लाइलाज बीमारी से पीड़ित मरीजों की देखभाल के लिए नर्सेज को स्पेशल ट्रेनिंग देने की जरूरत होती है. क्योंकि, ऐसे मरीजों की देखभाल के लिए नर्स के पास मरीज की न केवल पूरी जानकारी होनी चाहिए, बल्कि उनमें कौशल और मरीज के प्रति संवेदना भी होनी चाहिए. यह बात विशेषज्ञों ने शुक्रवार को केजीएमयू में एनीस्थियोलॉजी विभाग की ओर से आयोजित पेन और पैलेटिव प्रशिक्षण कार्यशाला के दौरान बताई.

कई तरह की चुनौतियां

कार्यक्रम के दौरान नई दिल्ली से आए डॉक्टरों ने कहा कि इस तरह के मरीज के मुख्यता शारीरिक, मनोवैज्ञानिक, सामाजिक और आध्यात्मिक चुनौतियों से जूझते हैं. इसलिए उनको 3 एच यानी हेड, हॉट और हैंड के बारे में बताया जाता है. यानी मरीज के संबंध में पूरी जानकारी मरीज की समस्या के प्रति संवेदना और अपने काम में कुशल होना चाहिए.

इस आयोजन की सचिव डॉ सरिता ने बताया कि, लाइलाज बीमारियों के मरीजों की देखभाल के लिए देश में विशिष्ट प्रशिक्षण का अभाव है. इसी को ध्यान में रखते हुए यह प्रशिक्षण कार्यक्रम किया जा रहा है.

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