लखनऊ: राजधानी लखनऊ में बिजली बिल न जमा होने के चलते 17 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल बंद हो गए थे. इसके चलते कुछ वाहन सवारों ने मनमानी की. एडीसीपी ट्रैफिक पूर्णेंदु सिंह ने बताया कि इन चौराहों पर ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने यातायात व्यवस्था संभाली. इसके बाद संयुक्त पुलिस आयुक्त नवीन अरोड़ा के प्रयासों से एसीपी ट्रैफिक द्वारा बिजली का भुगतान कराकर सभी 19 चौराहों के ट्रैफिक सिग्नल शुरू कराए गए.
ITMS से समन्वय कर लगाए गए ट्रैफिक सिग्नल
ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने के लिए चौराहों पर ITMS से समन्वय कर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे. बिल नहीं जमा होने के कारण मंगलवार को कुछ जगहों पर सिग्नल की लाइट बंद हो गई थी. बुधवार को 17 चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल लाइट बन्द हो गए थे. इसके कारण सड़कों पर गुजर रहे लोगों को भी तकलीफों का सामना करना पड़ रहा था. सिग्नल को चालू रखने के लिए ट्रैफिक पुलिसकर्मियों ने चौराहों पर मोर्चा संभाला था.
स्मार्ट सिटी में कार्यरत अशोक कुमार के मुताबिक सिग्नल लगवाने का ठेका निजी कंपनी को दिया गया था. हर दो महीने में बिल जमा करने के बाद फाइल को स्मार्ट सिटी में भुगतान के लिए लगवाते हैं. निजी कंपनी के मुताबिक दो महीने में भुगतान किया जाता है, लेकिन चार महीने हो गए स्मार्ट सिटी कंपनी ने भुगतान नहीं किया. इसके कारण ही यह समस्या आई थी.
ट्रैफिक सिग्नल बंद रहने से लखनऊ के हजरतगंज, आईजीपी, सिकंदर बाग, सीएमएस चौराहा, हैनीमैन, कठौता, ग्वारी, मनोज पांडेय, नीलम फॉर्मेसी, एलडीए मोड़, अब्दुल हमीद, कटाई पुल, रामराम बैंक चौराहा, आईटी, लालबत्ती, केकेसी और बंदरिया बाग जैसे चौराहों पर परेशानी बनी रही.
हर महीने ढाई से तीन लाख रुपये आता है बिल
बिजली विभाग के अधिकारी की माने तो शहर में 70-80 प्रतिशत चौराहों पर स्मार्ट मीटर लगे हैं. अगर इन चौराहों पर रिचार्ज न कराया जाए तो अपने आप लाइट कट जायेगी. हर महीने ढाई से तीन लाख रुपये बिजली बिल आता है.