संभलः शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा के दौरान दंगाईयों के निशाने पर हिंदू पक्ष के अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन थे. दंगाइयों में शामिल वारिस को शारिक साठा गैंग ने हथियार मुहैया कराए थे. वारिस ने हथियार लेकर हिंसा के दौरान गोलियां चलाई थी.
वारिस की गोली लगने से मोहम्मद कैफ और नईम की मौत हुई थी. वारिस को गिरफ्तार करते हुए यह खुलासा शनिवार को सदर कोतवाली में ASP श्रीश चंद्र ने किया. ASP ने बताया कि 24 नवंबर को हुई हिंसा में गिरफ्तार आरोपी वारिस का मकसद बड़े स्तर पर लोगों की धार्मिक भावनाओं को भड़काकर देश भर में दंगा फैलाना था. ताकि पुलिस प्रशासन की संपूर्ण व्यवस्था छिन्न भिन्न हो जाए.
बता दें कि संभल में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुए बवाल में चार लोगों की मौत हुई थी, जबकि 29 पुलिसकर्मी घायल हुए थेय इस मामले में पुलिस ने चार युवकों में से दो बिलाल और अयान की हत्या के आरोप में शारिक साठा गैंग के सदस्य मुल्ला अफ़रोज़ को 19 जनवरी को गिरफ्तार किया था. जबकि नईम और कैफ की हत्या के आरोप में शनिवार को वारिस को शनिवार को गिरफ्तार किया है.
ASP श्रीश चंद्र ने बताया कि वारिस भी शारिक साठा गैंग से जुड़ा हुआ है. वारदात वाले दिन इसी गैंग की ओर से वारिस को हथियार उपलब्ध कराए गए थे. गिरफ्तार आरोपी वारिस ने शारिक साठा गैंग के साथियों के उकसाने पर सक्रिय भागीदारी निभाई थी. आरोपी के अन्य साथियों की तलाश की जा रही है. आरोपी के कब्जे से एक देसी तमंचा 315 बोर, 2 जिंदा कारतूस 315 बोर, एक खोखा कारतूस 315 बोर व एक खोखा कारतूस नाल में फंसा हुआ बरामद किया गया है. आरोपी को जेल भेज दिया गया है. अब तक हिंसा में 72 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है.
हिंसा वाले दिन आरोपी वारिस का एक ऑडियो वायरल हुआ था. जिसमें उसके द्वारा कथित तौर पर सामान यानी हथियार लेकर आने की बात कही गई थी. ऑडियों में कहा गया था कि 'हमको अपनी मस्जिद की हिफाजत करनी है और बाहर से आए वकील को मार देना है, जो हमारे नबी की शान में गुस्ताखी कर रहा है इन्हें मार कर मस्जिद की हिफाजत करनी है'.