लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार बुंदेलखंड को पर्यटन का नया हब बनाने की तैयारी कर रही है. इनमें तमाम ऐसे किले और अन्य विरासतें भी शामिल हैं, जिनके विषय में अब तक लोगों को ज्यादा जानकारी नहीं थी. मौजूदा समय में बुंदेलखंड के सभी पर्यटक स्थलों के विकास के लिए सरकार 750 करोड़ से अधिक की योजना संचालित कर रही हैं. इसके तहत बुंदेलखंड के सभी सात जिलों को पर्यटन से जोड़ने का खाका तैयार किया गया है. इनमें से कुछ कामों को अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले पूरा कराने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. साथ ही इन जिलों में पड़ने वाले 31 किलों को हेरिटेज के रूप में विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा वाॅटर स्पोर्ट्स, इको टूरिज्म, रोपवे, हेलीपोर्ट जैसे आधुनिक टूरिज्म की सुविधाएं बनाई जा रही हैं. बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से पूरे बुंदेलखंड को देश के दूसरे एक्सप्रेसवे से जोड़ा जा रहा है.
प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम ने बताया कि अगले एक साल के अंदर बुंदेलखंड में कई 750 करोड़ की योजनाओं को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया. योजना में प्रमुख रूप से झांसी का राम जानकी मंदिर, लठवारा का हनुमान मंदिर व परीछा बांध पर इको टूरिज्म को विकसित करना है. इसके अलावा यहां पर आने वाले पर्यटकों के लिए सभी सुविधाओं मुहैया कराने का काम अंतिम चरण में पहुंचने वाला है.
इसके तहत राम जानकी मंदिर व हनुमान मंदिर लठवारा आसपास के सभी रोड को ऑल वेदर रोड बनाने के काम चल रहा है. साथ ही यहां पर फसाड लाइट के साथ ही पर्यटकों की सुविधाओं के लिए अत्याधुनिक कैक्टस का निर्माण किया जा रहा है. परीछा बांध पर इस साल के अंत तक या अगले साल के शुरुआत में वाॅटर स्पोर्ट्स एक्टिविटीज शुरू करने की तैयारी है. इसके लिए टेंडर की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगा. बुंदेलखंड के सभी सातों जिलों को आपस में जोड़ने के लिए रोड का काम बहुत तेजी से किया जा रहा है.