लखनऊ : सर्दियों के मौसम में हार्ट अटैक के मरीज तेजी से बढ़ गए हैं. यही कारण है कि अस्पतालों की इमरजेंसी में भी अब दिल का दौरा पड़ने से मरीज को भर्ती किया जा रहा है. फिलहाल राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के लारी कॉर्डियोलॉजी विभाग की बदहाल स्वास्थ्य विभाग में सुधार नहीं हो रहा है. इमरजेंसी में दिल के गंभीर मरीजों को भर्ती में कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है. भर्ती से पहले मरीज-तीमारदारों को बाउंसर का सामना करना पड़ रहा है. बाउंसर चाहेंगे तो ही इमरजेंसी में मरीज दाखिल हो सकते हैं. वहीं लारी काॅर्डियोलाॅजी में सोमवार रात मरीज की भर्ती को लेकर तीमारदार और बाउंसर में नोकझोंक हुई. तीमारदारों ने हंगामा भी किया.
सीतापुर निवासी किशन को सोमवार की रात सिविल अस्पताल में भर्ती करवाया गया. डॉक्टरों ने मरीज को दिल का दौरा पड़ने की आशंका जाहिर की. मरीज को लारी कॉर्डियोलॉजी ले जाने की सलाह दी. परिवारीजन रात करीब 12 बजे मरीज को एम्बुलेंस से लेकर लारी पहुंचे. तीमारदार मरीज को लेकर इमरजेंसी में जाने लगे. परिवारीजनों का आरोप है कि बाउंसर ने मरीज को भीतर ले जाने से रोका. कहा, "लाइन से मरीज भीतर जाएंगे. अभी मरीज को टीन शेड के नीचे बिठा दो." तीमारदारों ने मरीज की हालत गंभीर होने का हवाला दिया, लेकिन बाउंसर ने कुछ भी सुनने से इनकार कर दिया. प्रवीण के अनुसार, उनकी हालत अब भी बेहद नाजुक है. इस बात को लेकर तीमारदार और बाउंसर में नोकझोंक शुरू हो गई. आरोप है कि बाउंसर और सुरक्षाकर्मियों ने तीमारदारों से अभद्रता शुरू कर दी. पूरे मामले की जानकारी तीमारदारों ने सोशल मीडिया पर साझा की. बेबस तीमारदारों ने पुलिस को सूचना देने का प्रयास किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. करीब आधे घंटे मरीज बाहर तड़पता रहा. इसके बाद इमरजेंसी के अंदर जाने की अनुमति मिली.
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर का कहना है कि "तोड़फोड़ की घटनाओं को रोकने के लिए बाउंसर व सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं. मरीज से अभद्रता की जानकारी नहीं मिली है. अगर किसी के द्वारा केजीएमयू प्रशासन तक शिकायत आती तो जरूर उस पर कार्रवाई होगी, फिलहाल ऐसी कोई भी सूचना नहीं प्राप्त हुई है.
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