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ग्रीन कॉरिडोर की मॉनिटरिंग के लिए चयनित होंगे तीन अधिकारी

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Published : Jun 4, 2021, 4:47 AM IST

गोमती नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन काॉरिडोर (green corridor) प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी एलडीए है. इसके निर्माण कार्य को लेकर पिछले दिनों डीपीआर बनाए जाने को लेकर टाटा कंसल्टेंसी का चयन किया गया था. जिसके बाद अब प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट यानी पीआईयू के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. इस पीआईयू में डिप्टी कलेक्टर और वास्तुविद शामिल किए जाएंगे.

लखनऊ विकास प्राधिकरण
लखनऊ विकास प्राधिकरण

लखनऊः गोमती नदी के किनारे बनाए जा रहे ग्रीन कॉरिडोर (green corridor) प्रोजेक्ट को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण (lucknow development authority) इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए तीन अधिकारियों को तैनात करेंगा, जिससे इससे सम्बंधित कार्यों को रफ्तार दी जा सके.

टाटा कंसल्टेंसी बनाएगी ग्रीन कॉरिडोर डीपीआर
गोमती नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन काॉरिडोर प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी एलडीए है. इसके निर्माण कार्य को लेकर पिछले दिनों डीपीआर बनाए जाने को लेकर टाटा कंसल्टेंसी का चयन किया गया था. जिसके बाद अब प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट यानी पीआईयू के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. इस पीआईयू में डिप्टी कलेक्टर और वास्तुविद शामिल किए जाएंगे.


कई विभागों के समन्वय से होगा काम
इसमें पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, राजस्व और सिंचाई विभाग के अधिकारी भी काम करेंगे और ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा कराए जाने को लेकर पूरी मॉनिटरिंग करेंगे. वहीं दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व नगर नियोजक व अन्य अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से इसको लेकर एक इंटरव्यू भी आयोजित किया गया था जिसमें ब्यूरोक्रेट और पूर्व नगर नियोजक की तरफ से दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है.

पढ़ें- राजधानी में अवैध निर्माण पर सीएम कार्यालय ने जताई नाराजगी, मांगी रिपोर्ट


ब्यूरोक्रेट के लिए फिर से होगी प्रक्रिया
लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह का कहना है कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता के लिए 6 आवेदकों का इंटरव्यू हो गया है. इसके अलावा ब्यूरोक्रेट और मुख्य नगर नियोजक के चयन के लिए दोबारा से पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से काम शुरू कराया जा सके.

डीपीआर और डिजाइन बनाने का काम जारी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश का कहना है कि डीपीआर और डिजाइन बनाए जाने को लेकर टाटा कंसलटेंसी का चयन किया गया था. उसे जल्द से जल्द काम पूरा करके देने को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद है कि 1 महीने में डिजाइन और डीपीआर फाइनल हो जाएगा. उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर आगे की टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी.

लखनऊः गोमती नदी के किनारे बनाए जा रहे ग्रीन कॉरिडोर (green corridor) प्रोजेक्ट को लेकर तैयारियां तेज हो गई हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण (lucknow development authority) इस पूरे प्रोजेक्ट की मॉनिटरिंग के लिए तीन अधिकारियों को तैनात करेंगा, जिससे इससे सम्बंधित कार्यों को रफ्तार दी जा सके.

टाटा कंसल्टेंसी बनाएगी ग्रीन कॉरिडोर डीपीआर
गोमती नदी के किनारे बनने वाले ग्रीन काॉरिडोर प्रोजेक्ट की नोडल एजेंसी एलडीए है. इसके निर्माण कार्य को लेकर पिछले दिनों डीपीआर बनाए जाने को लेकर टाटा कंसल्टेंसी का चयन किया गया था. जिसके बाद अब प्रोजेक्ट इंप्लीमेंट यूनिट यानी पीआईयू के गठन की प्रक्रिया भी तेज कर दी गई है. इस पीआईयू में डिप्टी कलेक्टर और वास्तुविद शामिल किए जाएंगे.


कई विभागों के समन्वय से होगा काम
इसमें पीडब्ल्यूडी, नगर निगम, राजस्व और सिंचाई विभाग के अधिकारी भी काम करेंगे और ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट को जल्द से जल्द पूरा कराए जाने को लेकर पूरी मॉनिटरिंग करेंगे. वहीं दूसरी तरफ इस प्रोजेक्ट को लेकर पूर्व नगर नियोजक व अन्य अधिकारी दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं. लखनऊ विकास प्राधिकरण की तरफ से इसको लेकर एक इंटरव्यू भी आयोजित किया गया था जिसमें ब्यूरोक्रेट और पूर्व नगर नियोजक की तरफ से दिलचस्पी नहीं दिखाई गई है.

पढ़ें- राजधानी में अवैध निर्माण पर सीएम कार्यालय ने जताई नाराजगी, मांगी रिपोर्ट


ब्यूरोक्रेट के लिए फिर से होगी प्रक्रिया
लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह का कहना है कि ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के मुख्य अभियंता के लिए 6 आवेदकों का इंटरव्यू हो गया है. इसके अलावा ब्यूरोक्रेट और मुख्य नगर नियोजक के चयन के लिए दोबारा से पूरी प्रक्रिया अपनाई जाएगी. जिससे इस प्रोजेक्ट को लेकर तेजी से काम शुरू कराया जा सके.

डीपीआर और डिजाइन बनाने का काम जारी
लखनऊ विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष अभिषेक प्रकाश का कहना है कि डीपीआर और डिजाइन बनाए जाने को लेकर टाटा कंसलटेंसी का चयन किया गया था. उसे जल्द से जल्द काम पूरा करके देने को लेकर भी दिशा निर्देश दिए गए हैं. उम्मीद है कि 1 महीने में डिजाइन और डीपीआर फाइनल हो जाएगा. उसके बाद ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के निर्माण को लेकर आगे की टेंडर प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी.

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