लखनऊ : प्रदेश सरकार के एक जनपद, एक उत्पाद योजना के तहत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय के तकनीकी संस्थानों के छात्रों को अब इससे जोड़ा जा रहा है. प्रबंधन से जुड़े छात्र ओडीओपी उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय बाजारों में बेचने की कला कारोबारियों को सिखाएंगे.
उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने की कोशिश
इसका उद्देश्य प्रदेश के हर जनपदों में बनने वाले उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के साथ कामगारों को रोजगार दिलाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है. इसके लिए पौष्टिक काला चावल के साथ फिरोजाबाद के कांच उत्पाद, मुरादाबाद के पीतल उद्योग के साथ दुर्लभ और अकल्पनीय गेहूं डंठल शिल्प, विश्व प्रसिद्ध चिकनकारी के साथ जरी-जरदोजी के काम और मृत पशुओं के सींगों और हड्डियों बनने वाले शिल्प कला के काम को इसमें शामिल किया गया है.
उत्पादों को तकनीक से जोड़कर बेहतर बनाने का प्रयास
एमएसएमई से समझौते के बाद एकेटीयू पूरे प्रदेश के 250 से अधिक तकनीकी और प्रबंधन संस्थानों के छात्रों के लिए हैकाथन का आयोजन करेगा. इसमें बीटेक और एमबीए के छात्र-छात्राएं एक जनपद, एक उत्पाद योजना से जुड़े उत्पादों को कैसे तकनीक से जोड़कर बेहतर बनाया जाए, जिससे वह उत्पाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बना सके. इस पर अपने आइडियाज देंगे.
इनोवेटिव आइडिया से उत्पादों को एक नई पहचान
एकेटीयू के कुलपति प्रो विनय कुमार पाठक ने वताया कि छात्रों के इनोवेटिव आइडिया से उत्पादों को एक नई पहचान मिलेगी. वहीं ओडीओपी को बढ़ावा देने के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय में एक इनक्यूबेशन सेंटर भी बनने जा रहा है. एकेटीयू के प्रवक्ता आशीष मिश्र ने बताया कि अभी छात्रों की सेमेस्टर परीक्षाएं चल रही हैं. परीक्षाओं के बाद हैकाथॉन आयोजित करने की योजना बनाई जा रही है.