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बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने के मामले में आरोपियों को राहत नहीं, कोर्ट ने कहा आरोप गंभीर, नहीं मिलेगी जमानत - लखनऊ की न्यूज़

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने 16 बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने के मामले में आरोपी रफी और अब्दुल वहीद की जमानत याचिका कर दी है. विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्तों का अपराध काफी गंभीर है.

बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने के आरोपियों को राहत नहीं
बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने के आरोपियों को राहत नहीं
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Published : Feb 3, 2021, 10:22 PM IST

लखनऊः भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने आरोपी रफी अहमद और अब्दुल वहीद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इन पर 16 बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने का आरोप है. विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्तों का अपराध काफी गंभीर है, लिहाजा उनकी जमानत अर्जी स्वीकार नहीं की जा सकती है.

कोर्ट ने कहा अपराध गम्भीर, नहीं दे सकते जमानत

सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के मुताबिक इन बच्चों को झांसी कोविड एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी से बरामद किया गया था. 3 नवंबर 2020 को इस मामले की एफआईआर रेल सुरक्षा पोस्ट जंक्शन लखनऊ के एसआई त्रियुगी नारायण यादव ने थाना जीआरपी में दर्ज करायी थी. वो अपने सहयोगियों के साथ प्लेटफार्म नंबर 5 पर खड़ी कोविड एक्स्प्रेस ट्रेन का निरीक्षण कर रहे थे. इसी दौरान एक बोगी में एक साथ इतने बच्चों को देखकर पुलिस टीम हैरत में पड़ गयी. ये सभी बच्चे डरे-सहमे थे. पूछताछ में मालूम हुआ कि आरोपी इन बच्चों को साढ़े पांच हजार रुपये प्रति महीने पर काम कराने के लिए कर्नाटक ले जा रहे थे. बच्चों को उतारकर आशा केंद्र ले जाया गया, और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके ओर से दलील दी गयी कि पुलिस ने उन्हें मौके से नहीं गिरफ्तार किया है, बल्कि उनकी गिरफ्तारी कहीं और से की गयी है. उन्हें झूठे केस में फंसाने के लिए मौके से गिरफ्तारी दिखाई जा रही है. हालांकि कोर्ट ने पाया कि अभियुक्तों के खिलाफ प्रर्याप्त साक्ष्य हैं.

लखनऊः भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की विशेष अदालत ने आरोपी रफी अहमद और अब्दुल वहीद की जमानत याचिका खारिज कर दी है. इन पर 16 बच्चों को मजदूरी के लिए कर्नाटक ले जाने का आरोप है. विशेष अदालत ने कहा कि अभियुक्तों का अपराध काफी गंभीर है, लिहाजा उनकी जमानत अर्जी स्वीकार नहीं की जा सकती है.

कोर्ट ने कहा अपराध गम्भीर, नहीं दे सकते जमानत

सरकारी वकील अभय त्रिपाठी के मुताबिक इन बच्चों को झांसी कोविड एक्सप्रेस ट्रेन की बोगी से बरामद किया गया था. 3 नवंबर 2020 को इस मामले की एफआईआर रेल सुरक्षा पोस्ट जंक्शन लखनऊ के एसआई त्रियुगी नारायण यादव ने थाना जीआरपी में दर्ज करायी थी. वो अपने सहयोगियों के साथ प्लेटफार्म नंबर 5 पर खड़ी कोविड एक्स्प्रेस ट्रेन का निरीक्षण कर रहे थे. इसी दौरान एक बोगी में एक साथ इतने बच्चों को देखकर पुलिस टीम हैरत में पड़ गयी. ये सभी बच्चे डरे-सहमे थे. पूछताछ में मालूम हुआ कि आरोपी इन बच्चों को साढ़े पांच हजार रुपये प्रति महीने पर काम कराने के लिए कर्नाटक ले जा रहे थे. बच्चों को उतारकर आशा केंद्र ले जाया गया, और दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनके ओर से दलील दी गयी कि पुलिस ने उन्हें मौके से नहीं गिरफ्तार किया है, बल्कि उनकी गिरफ्तारी कहीं और से की गयी है. उन्हें झूठे केस में फंसाने के लिए मौके से गिरफ्तारी दिखाई जा रही है. हालांकि कोर्ट ने पाया कि अभियुक्तों के खिलाफ प्रर्याप्त साक्ष्य हैं.

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