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'द स्माइल बास्केट' से आपकी 'यूजलेस' चीजें बनेंगी किसी के लिए 'यूजफुल'! - lucknow news

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में विजडम ऑफ वुमन संस्था ने सिटी मॉल और सार्थक फाउंडेशन के साथ मिलकर एक इनीशिएटिव शुरू किया है, जिसके तहत वह आपकी बेकार चीजों को कुछ ऐसे लोगों के लिए कामगार बना सकते हैं, जिन्हें उनकी जरूरत है.

द स्माइल बास्केट से आपकी यूजलेस चीजें बनेंगी किसी के लिए यूज़फुल.
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Published : Sep 23, 2019, 9:42 AM IST

लखनऊ: अक्सर हमारे पास कुछ ऐसी चीजें रखी होती हैं, जो हमारे काम की नहीं होती हैं. हम सोचते हैं कि इन चीजों का क्या किया जाए और वह पड़ी-पड़ी खराब होती रहती हैं. इन चीजों के बेहतर इस्तेमाल और किसी अन्य के काम आने के लिए विजडम ऑफ वुमन संस्था ने सिटी मॉल और सार्थक फाउंडेशन के साथ मिलकर एक इनीशिएटिव शुरू किया है, जिसके तहत वह आपकी बेकार चीजों को कुछ ऐसे लोगों के लिए कामगार बना सकते हैं, जिन्हें उनकी जरूरत है.

देखें वीडियो.

लोगों को जागरूक करना है उद्देश्य
विजडम ऑफ वुमन संस्था से आई दर्शना भट्टाचार्य कहती हैं कि अक्सर हमारे घर में ही किताबों से लेकर कपड़ों तक तमाम ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं कर पाते और सोचते हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति को दे दी जाए, जिसके वो काम आए, लेकिन वह व्यक्ति हमें नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में हमने यह इनीशिएटिव शुरू किया है, जिससे उन लोगों को वह सामान मिल जाए जिन्हें उनकी जरूरत है. इस इनीशिएटिव के तहत हमने सिटी मॉल एसआरएस में द स्माइल बास्केट रखी है. यह स्माइल बास्केट 25 दिसंबर तक यहीं रखी रहेगी. इस बास्केट में कोई भी इंसान अपने काम न आने वाली चीजें मसलन किताबें, जूते, चप्पल, कपड़े और वह हर चीज रख सकता है जो किसी और के काम आ सकती हैं.

गोमती नगर स्थित सिटी मॉल एसआरएस की मीडिया प्रभारी मीनाक्षी कहती हैं कि एक मॉल में हर तरह के लोग आते हैं. मॉल ही ऐसी जगह है जहां से लोगों को जागरूक किया जा सकता है कि उनके काम न आने वाली चीज को वह यहां पर रख सकता है, ताकि जिन्हें इसकी जरूरत है वह उन्हें मिल जाए. हम अक्सर ऐसे काम किया करते हैं ताकि जरूरतमंदों को खुशी मिले और साथ ही उनकी जरूरत का सामान भी.

लखनऊ: अक्सर हमारे पास कुछ ऐसी चीजें रखी होती हैं, जो हमारे काम की नहीं होती हैं. हम सोचते हैं कि इन चीजों का क्या किया जाए और वह पड़ी-पड़ी खराब होती रहती हैं. इन चीजों के बेहतर इस्तेमाल और किसी अन्य के काम आने के लिए विजडम ऑफ वुमन संस्था ने सिटी मॉल और सार्थक फाउंडेशन के साथ मिलकर एक इनीशिएटिव शुरू किया है, जिसके तहत वह आपकी बेकार चीजों को कुछ ऐसे लोगों के लिए कामगार बना सकते हैं, जिन्हें उनकी जरूरत है.

देखें वीडियो.

लोगों को जागरूक करना है उद्देश्य
विजडम ऑफ वुमन संस्था से आई दर्शना भट्टाचार्य कहती हैं कि अक्सर हमारे घर में ही किताबों से लेकर कपड़ों तक तमाम ऐसी चीजें होती हैं, जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं कर पाते और सोचते हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति को दे दी जाए, जिसके वो काम आए, लेकिन वह व्यक्ति हमें नहीं मिल पाते हैं. ऐसे में हमने यह इनीशिएटिव शुरू किया है, जिससे उन लोगों को वह सामान मिल जाए जिन्हें उनकी जरूरत है. इस इनीशिएटिव के तहत हमने सिटी मॉल एसआरएस में द स्माइल बास्केट रखी है. यह स्माइल बास्केट 25 दिसंबर तक यहीं रखी रहेगी. इस बास्केट में कोई भी इंसान अपने काम न आने वाली चीजें मसलन किताबें, जूते, चप्पल, कपड़े और वह हर चीज रख सकता है जो किसी और के काम आ सकती हैं.

गोमती नगर स्थित सिटी मॉल एसआरएस की मीडिया प्रभारी मीनाक्षी कहती हैं कि एक मॉल में हर तरह के लोग आते हैं. मॉल ही ऐसी जगह है जहां से लोगों को जागरूक किया जा सकता है कि उनके काम न आने वाली चीज को वह यहां पर रख सकता है, ताकि जिन्हें इसकी जरूरत है वह उन्हें मिल जाए. हम अक्सर ऐसे काम किया करते हैं ताकि जरूरतमंदों को खुशी मिले और साथ ही उनकी जरूरत का सामान भी.

Intro:लखनऊ। अक्सर हमारे पास कुछ ऐसी चीजें रखी होती है जो हमारे काम के नहीं होती हम सोचते हैं कि इन चीजों का क्या किया जाए और वह पड़ी-पड़ी खराब होती रहती है। इन चीजों के बेहतर इस्तेमाल और किसी अन्य के काम आने के लिए विजडम ऑफ वुमन संस्था ने सिटी मॉल और सार्थक फाउंडेशन के साथ मिलकर एक इनीशिएटिव शुरू किया है जिसके तहत वह आपकी बेकार चीजों को कुछ ऐसे लोगों के लिए कामगार बना सकते हैं जिन्हें उनकी जरूरत है।


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विजडम ऑफ वुमन संस्था से आई दर्शना भट्टाचार्य कहती है कि अक्सर हमारे घर में ही किताबों से लेकर कपड़ों तक तमाम ऐसी चीजें होती हैं जिन्हें हम इस्तेमाल नहीं कर पाते और सोचते हैं कि किसी ऐसे व्यक्ति को दे दी जाए जो इसके काम आए। पर वह व्यक्ति हमें नहीं मिल पाते। ऐसे में हमने यह इनीशिएटिव शुरू किया है जिससे उन लोगों को वह सामान मिल जाए जिन्हें उनकी जरूरत है। इस इनीशिएटिव के तहत हमने सिटी मॉल एसआरएस में द स्माइल बास्केट रखी है। यह स्माइल बास्केट 25 दिसंबर तक यही रखी रहेगी। इस बास्केट में कोई भी इंसान अपने काम न आने वाली चीजें मसलन किताबें, जूते, चप्पल, कपड़े और वह हर चीज रख सकता है जो किसी और के काम आ सकती हैं।

गोमती नगर स्थित सिटी मॉल एसआरएस की मीडिया प्रभारी मीनाक्षी कहती हैं कि एक मॉल में हर तरह के लोग आते हैं और मॉल ही ऐसी जगह है जहां से लोगों को जागरूक किया जा सकता है कि उनके काम ना आने वाली चीज है वह यहां पर रख जाए ताकि जिन्हें इसकी जरूरत है वह उन्हें मिल जाए। मैं कहती है कि हम अक्सर ऐसे काम किया करते हैं ताकि जरूरतमंदों को खुशी मिले और साथ ही उनकी जरूरत का सामान भी।




Conclusion:यह पूरा आयोजन सार्थक एनजीओ, विजडम ऑफ वुमन संस्था, सिटी मॉल एसआरएस और टेंडर हार्ट स्कूल की तरफ से आयोजित किया जा रहा है। इस आयोजन में टेंडर हार्ट स्कूल के लगभग 2000 बच्चे भी प्रतिभाग कर रहे हैं और अपने घरों से उनके लिए किसी काम न आने वाली चीजों को 'स्माइल बास्केट' में लाकर रख रहे हैं।

बाइट- दर्शना भट्टाचार्य सदस्य विजडम आफ वुमन संस्था
बाइट- मीनाक्षी मीडिया प्रभारी सिटी मॉल एसआरएस

रामांशी मिश्रा
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