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लखनऊ: दलितों पर हमले का विधानसभा में उठा मुद्दा, सीएम ने दिया कार्रवाई का आश्वासन

यूपी विधानसभा में सोमवार को शून्यकाल के दौरान कानपुर देहात के मंगरा गांव में दलित पर हुए हमले का मुद्दा उठाया गया. इस मुद्दे को विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस ने उठाया.

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विधानसभा में गूंजा दलितों पर हमले का मुद्दा.
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Published : Feb 17, 2020, 5:18 PM IST

लखनऊ: विधानसभा में आज शून्य प्रहर के दौरान कानपुर देहात के मंगरा गांव में हुई हिंसा का मामला उठाया गया. दलितों पर हुए हमले की घटना को लेकर विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया. इस दौरान पहले संसदीय कार्य मंत्री और नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ पीड़ितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.

विधानसभा में गूंजा दलितों पर हमले का मुद्दा.

सीएम योगी ने कहा ऐसे मुद्दों पर राजनीति न हो

मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. हम अपना दायित्व ठीक तरह से समझते हैं और उसका निर्वहन करेंगे. प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देते हैं. मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी दलों ने सदन का सांकेतिक बहिष्कार किया.

विधानसभा में बोलते हुए बसपा नेता लालजी वर्मा ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया. लालजी वर्मा ने कानपुर देहात में दलितों पर हुए हमले की घटना को उठाते हुए कहा कि यह जघन्य अपराध हुआ है. इससे बढ़कर दलितों के खिलाफ और कोई अन्याय नहीं हो सकता. इस पर चर्चा कराई जाए. प्रत्येक पीड़ित को सरकार पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करे. दलित परिवार शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उसे लाइसेंस दिया जाए.

कांग्रेस नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने भी इस घटना को विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि करीब 200 लोग लाठी-डंडे लेकर गांव में पहुंचे थे. पांच साल के बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया, उसे मारा पीटा गया. क्या कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है. केवल उस गांव में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है.

मंगटा गांव में 200 से अधिक संख्या में अराजक लोगों ने हमला किया और लोगों को मारा गया. महिलाओं, बच्चों पर जानलेवा हमला किया गया. मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि स्थानीय अपराध बताया. हमने लाख रुपये के मुआवजे की मांग की लेकिन सरकार कह रही है दलित एक्ट के अंर्तगत मिलेगा. सुबह नौ बजे की घटना है, रात आठ बजे एफआईआर लिखी जा रही है. बसपा ने सदन से बहिर्गमन किया.

लालजी वर्मा, बसपा नेता विधानमंडल दल

13 फरवरी को जब महामहिम का अभिभाषण चल रहा था, उस समय मंगटा गांव के दलितों को गांव में दबंग लोग मार रहे थे. कांग्रेस का दल उस गांव में गया और आज इस मुद्दे को सदन में उठाया तो मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आप लोगों को गांव नहीं जाना चाहिए था. इनके आंसू नहीं पोंछने चाहिए थे. कांग्रेस की मांग है कि पीड़ित को पांच लाख का मुआवजा दिया जाए और एक-एक पक्का मकान दिया जाये.

आराधना मिश्रा, कांग्रेस नेता, विधानमंडल दल

लखनऊ: विधानसभा में आज शून्य प्रहर के दौरान कानपुर देहात के मंगरा गांव में हुई हिंसा का मामला उठाया गया. दलितों पर हुए हमले की घटना को लेकर विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को उठाया. इस दौरान पहले संसदीय कार्य मंत्री और नेता सदन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष को आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ पीड़ितों को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.

विधानसभा में गूंजा दलितों पर हमले का मुद्दा.

सीएम योगी ने कहा ऐसे मुद्दों पर राजनीति न हो

मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष को इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. हम अपना दायित्व ठीक तरह से समझते हैं और उसका निर्वहन करेंगे. प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा की गारंटी देते हैं. मुख्यमंत्री के जवाब से असंतुष्ट होकर विपक्षी दलों ने सदन का सांकेतिक बहिष्कार किया.

विधानसभा में बोलते हुए बसपा नेता लालजी वर्मा ने कानून व्यवस्था का मुद्दा उठाया. लालजी वर्मा ने कानपुर देहात में दलितों पर हुए हमले की घटना को उठाते हुए कहा कि यह जघन्य अपराध हुआ है. इससे बढ़कर दलितों के खिलाफ और कोई अन्याय नहीं हो सकता. इस पर चर्चा कराई जाए. प्रत्येक पीड़ित को सरकार पांच लाख रुपये की आर्थिक मदद करे. दलित परिवार शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन करता है, तो उसे लाइसेंस दिया जाए.

कांग्रेस नेता विधानमंडल दल आराधना मिश्रा ने भी इस घटना को विधानसभा में उठाया. उन्होंने कहा कि करीब 200 लोग लाठी-डंडे लेकर गांव में पहुंचे थे. पांच साल के बच्चे को स्कूल से निकाल दिया गया, उसे मारा पीटा गया. क्या कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है. केवल उस गांव में ही नहीं बल्कि पूरे प्रदेश में कानून का राज समाप्त हो गया है.

मंगटा गांव में 200 से अधिक संख्या में अराजक लोगों ने हमला किया और लोगों को मारा गया. महिलाओं, बच्चों पर जानलेवा हमला किया गया. मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से नहीं लिया, बल्कि स्थानीय अपराध बताया. हमने लाख रुपये के मुआवजे की मांग की लेकिन सरकार कह रही है दलित एक्ट के अंर्तगत मिलेगा. सुबह नौ बजे की घटना है, रात आठ बजे एफआईआर लिखी जा रही है. बसपा ने सदन से बहिर्गमन किया.

लालजी वर्मा, बसपा नेता विधानमंडल दल

13 फरवरी को जब महामहिम का अभिभाषण चल रहा था, उस समय मंगटा गांव के दलितों को गांव में दबंग लोग मार रहे थे. कांग्रेस का दल उस गांव में गया और आज इस मुद्दे को सदन में उठाया तो मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि आप लोगों को गांव नहीं जाना चाहिए था. इनके आंसू नहीं पोंछने चाहिए थे. कांग्रेस की मांग है कि पीड़ित को पांच लाख का मुआवजा दिया जाए और एक-एक पक्का मकान दिया जाये.

आराधना मिश्रा, कांग्रेस नेता, विधानमंडल दल

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