लखनऊ: कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते खतरे के बीच शिक्षकों ने पंचायत चुनाव की मतगणना टालने की मांग उठाई है. शिक्षकों का कहना है कि स्थितियां बेहद खराब हैं. यह परिस्थितियां शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मतगणना के बहिष्कार के लिए बाध्य कर रही हैं.
जानकारी देते प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र. उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ की गुरुवार को हुई बैठक के बाद यह घोषणा की गई. उत्तर प्रदेश शिक्षक महासंघ के अध्यक्ष डॉ दिनेश चंद्र शर्मा, संयोजक हेम सिंह पुंडीर पूर्व एमएलसी, विधान परिषद में नेता शिक्षक दल सुरेश कुमार त्रिपाठी एवं सदस्य विधान परिषद ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी उत्तर प्रदेश से त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन की आगामी 2 मई को प्रस्तावित मतगणना को स्थगित करने के लिए पत्र भी भेजा है. शिक्षक और कर्मचारियों के जीवन से ना करें खिलवाड़
उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेशीय मंत्री एवं प्रवक्ता डॉ. आरपी मिश्र ने बताया कि पत्र में निर्वाचन अधिकारी को उन परिस्थितियों से अवगत कराया गया है जिन परिस्थितियों में मतदान संपन्न हुए हैं. मतदान में कोविड-19 का पालन न होने से हजारों शिक्षक और कर्मचारी संक्रमित हुए. यहां तक कि बाद में भारी संख्या में शिक्षकों एवं कर्मचारियों की मृत्यु भी हो गई. संगठन का कहना है कि कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति में मतगणना कराया जाना उचित नहीं है. यह परिस्थितियां शिक्षकों एवं कर्मचारियों को मतगणना के बहिष्कार के लिए बाध्य कर रही हैं, इसलिए जब परिस्थितियां सामान्य हो जाए तब मतगणना कराया जाना चाहिए. राजकीय शिक्षक संघ ने लिखा पत्र. इसे भी पढ़ें-यूपी में कोरोना के 35,156 नए मरीज, 24 घंटे में रिकॉर्ड 298 मौतें
राजकीय शिक्षक संघ ने की क्षतिपूर्ति की मांग
राजकीय शिक्षक संघ ने भी गुरुवार को मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग उठाई है. संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष सुनील कुमार भड़ाना और प्रांतीय महामंत्री डॉ रवि भूषण यादव का कहना है कि इस मतगणना से प्रदेश के नागरिकों के साथ शिक्षकों,कर्मचारियों और अधिकारियों सभी की जान खतरे में डाली जा रही है. साथ ही उन्होंने पत्र में चुनावी ड्यूटी में कोरोना संक्रमण से मृत्यु और बीमार हुए शिक्षक और कर्मचारियों के परिवारों को हुई क्षति पूर्ति के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करने की भी मांग की है.