लखनऊ: संस्कृत विद्यालयों पर योगी सरकार मेहरबान दिख रही है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृत विद्यालयों में मानदेय के आधार पर शिक्षकों की तैनाती करने के निर्देश दिए हैं. इन विद्यालयों में पढ़ने वाले छात्रों को संस्कृत के साथ तकनीकी शिक्षा से भी जोड़ा जाएगा. संस्कृत विद्यालयों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से भी जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को आदेश दिए हैं.
सीएम योगी का प्लान है कि संस्कृत के साथ ही साथ छात्रों को कंप्यूटर और तकनीक से भी लैस किया जाए. सीएम योगी ने संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों के लिए भोजन और छात्रावास की व्यवस्था भी करने के आदेश दिए हैं. नियमित शिक्षकों की तैनाती होने तक मानदेय पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. इससे संस्कृति विद्यालयों की स्थिति सुधरने के साथ ही वहां पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य भी संवरेगा. प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पदों का डाटा शासन ने मंगाया था, जिसके आधार पर भर्ती की जानी है. जब तक नियमित भर्ती नहीं हो पाती है, तब तक के लिए संस्कृत विद्यालयों में मानदेय के आधार पर शिक्षकों की तैनाती की जाएगी. प्रदेश में करीब एक हजार संस्कृत विद्यालय हैं.
मालूम हो कि प्रदेश में संस्कृत शिक्षा के लिए दो राजकीय विद्यालय और 973 सहायता प्राप्त विद्यालय हैं. इनका संचालन माध्यमिक शिक्षा निदेशालय करता है. जबकि दूसरे राज्यों में संस्कृत शिक्षा के लिए अलग से निदेशालय है. हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में संस्कृत शिक्षा की समीक्षा के बाद संस्कृत निदेशालय बनाने का एलान किया है.
प्रदेश में सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों में 973 प्राचार्य के पद में से 604 पद और सहायक अध्यापकों के 3974 में से 2054 पद खाली हैं. इस तरह कुल 4947 पदों में से 2658 पद रिक्त हैं. मुख्यमंत्री ने इन पदों पर स्थाई भर्ती होने तक संविदा के आधार पर भर्ती करने के निर्देश दिए हैं. संस्कृत शिक्षा परिषद 1200 से अधिक पदों पर भर्ती के लिए माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को अधियाचन भेज चुका है.