लखनऊ: राजधानी के गोमती नदी के किनारे बनने वाले फोरलेन ग्रीन कॉरिडोर निर्माण के लिए डिजाइन और डीपीआर बनाने वाली कंपनी का चयन कर लिया गया है. कई बड़ी नामचीन कंपनियां टेंडर प्रक्रिया में शामिल थीं, जिनमें से टाटा कंसल्टेंसी (इंजीनियर्स) का चयन लखनऊ विकास प्राधिकरण ने किया है. विकास टाटा कंसल्टेंसी को पांच साल के लिए आर्किटेक्ट सलाहकार के रूप में चुना है.
एलडीए देगा 9.8 करोड़ रुपये
यह कंपनी 5 साल तक लखनऊ विकास प्राधिकरण को ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के निर्माण डिजाइन डीपीआर में सहायता करेगी. लखनऊ विकास प्राधिकरण इस कंपनी को 9.8 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा. फिलहाल नियम और शर्तों के अनुसार, लखनऊ विकास प्राधिकरण ने डीपीआरओ डिजाइन का काम पूरा करने के लिए टाटा कंसल्टेंसी को 9 महीने का समय दिया है.
कई कम्पनियों ने टेंडर में दिखाई थी रुचि
लखनऊ विकास प्राधिकरण के मुख्य अभियंता इंदु शेखर सिंह ने बताया कि टेंडर प्रक्रिया में कई विदेशी कंपनियां भी शामिल हुई थीं. तकनीकी बिड, वित्तीय बिड के अलावा प्रेजेंटेशन के आकलन के बाद टाटा कंसल्टेंसी को चुना गया है. शासन से सहमति के बाद वीसी के निर्देश पर कंपनी को काम दिए जाने का आदेश जारी किया गया है.
टाटा कंसल्टेंसी अब 20 किलोमीटर लंबे इस ग्रीन कॉरिडोर प्रोजेक्ट के लिए साइट सर्वे शुरू करेगी. इसके आधार पर डीपीआर तैयार कर पर्यावरणीय प्रभाव का आकलन कर अनुमति लेगी. इसके बाद डीपीआर फाइनल कर प्रोजेक्ट पर काम शुरू होगा. प्रोजेक्ट के शुरू होने पर भी कार्यदाई संस्था को सलाह और डिजाइन दिए जाने का काम चलता रहेगा.
इन कंपनियों ने टेंडर प्रक्रिया में लिया था हिस्सा
अधिकारियों के अनुसार, ग्रीन कारीडोर के लिए आयोजित प्री-बिड में अमेरिका की प्रसिद्ध कंपनी एर्नस्ट एंड यंग ने हिस्सा लिया था. इसके अलावा ग्रीन कॉरिडोर निर्माण को लेकर जिन कंपनियोंं की तरफ से टेंडर प्रक्रिया में हिस्सा लिया गया था, उनमें स्काईलाइन व डिजाइन प्वॉइंट कंपनी भी शामिल थी.