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बिजली की खपत बढ़ने की उम्मीद, ऊर्जा क्षेत्र में 40 हजार करोड़ रुपए के निवेश का लक्ष्य

उत्तर प्रदेश में अगले पांच वर्ष में बिजली की खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई बड़ी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है. इसके लिए योगी सरकार काफी रियायतें भी दे रही है, जिसे देखकर देश ही नहीं विदेश की नामचीन कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है.

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Published : Dec 10, 2022, 5:23 PM IST

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले पांच वर्ष में बिजली की खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई बड़ी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है. इसके लिए योगी सरकार काफी रियायतें भी दे रही है, जिसे देखकर देश ही नहीं विदेश की नामचीन कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है. ऐसे में कंपनियों के आने से प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ने की पूरी उम्मीद है. जानकारों की मानें तो वर्ष 2028 में प्रदेश में बिजली की पीक डिमांड 53 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है, जो वर्तमान वर्ष 2022 में 26 हजार मेगावाट है. इस पर योगी सरकार ने एनर्जी स्रोत को बढ़ाने और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में इसकी भूमिका को देखते हुए इस क्षेत्र में 40 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में बिजली की अहम भूमिका होगी. दरअसल, प्रदेश में विदेश के साथ देश के अन्य राज्यों की नामचीन कंपनियों ने निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है. ऐसे में इन कंपनियों के संचालन के लिए बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति की जरूरत होगी, जिसे ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के माध्यम से पूरा किया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ने से इसको पूरा करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र की कंपनियां भी निवेश के लिए आएंगी, जो प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनाॅमी बनाने में अपनी भी अहम भूमिका निभाएंगी. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2022 में बिजली खपत की पीक डिमांड 26 हजार मेगावाट है, जो अगले पांच वर्ष 2028 में पीक डिमांड 53 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है. हर साल 16 प्रतिशत की दर से प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ेगी, जो बेस्ट इन क्लास में 11 प्रतिशत और बिजनेस एज यूजुअल में 8 प्रतिशत की दर से होगी. वहीं, इंडस्ट्रियल और कमर्शियल क्षेत्र में 23 प्रतिशत और आवासीय क्षेत्र में 14 प्रतिशत की दर से बिजली खपत की उम्मीद है. ऐसे में वर्ष 2028 में इंडस्ट्रियल खपत 98 हजार मिलियन यूनिट होगी.


बैठक में बताया गया कि प्रदेश में औद्योगिक बिजली की खपत सबसे अधिक पश्चिमी क्षेत्र में 62 प्रतिशत होने की उम्मीद है, क्योंकि यहां पर पहले से कई इंडस्ट्री चल रही हैं. ऐसे में निवेश के लिए बड़ी इंडस्ट्री प्रदेश में पश्चिमी क्षेत्र की ओर अपना रूख कर सकती हैं. ऐसे में वर्ष 2028 में प्रदेश में बिजली की कुल खपत 277 हजार मिलियन यूनिट होगी, जिसमें से औद्योगिक खपत 98 हजार मिलियन यूनिट होगी.

यह भी पढ़ें : शादी में हंगामा करने वाले चार गिरफ्तार, लाठी डंडों से की थी बारातियों की पिटाई

लखनऊ : उत्तर प्रदेश में अगले पांच वर्ष में बिजली की खपत में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी. दरअसल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई बड़ी कंपनियों को प्रदेश में निवेश के लिए आमंत्रित किया है. इसके लिए योगी सरकार काफी रियायतें भी दे रही है, जिसे देखकर देश ही नहीं विदेश की नामचीन कंपनियों ने प्रदेश में निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है. ऐसे में कंपनियों के आने से प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ने की पूरी उम्मीद है. जानकारों की मानें तो वर्ष 2028 में प्रदेश में बिजली की पीक डिमांड 53 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है, जो वर्तमान वर्ष 2022 में 26 हजार मेगावाट है. इस पर योगी सरकार ने एनर्जी स्रोत को बढ़ाने और वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी में इसकी भूमिका को देखते हुए इस क्षेत्र में 40 हजार करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है.



मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) को एक उच्चस्तरीय बैठक में अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश को वन ट्रिलियन डालर इकोनॉमी बनाने के लक्ष्य में बिजली की अहम भूमिका होगी. दरअसल, प्रदेश में विदेश के साथ देश के अन्य राज्यों की नामचीन कंपनियों ने निवेश के लिए अपनी रुचि दिखाई है. ऐसे में इन कंपनियों के संचालन के लिए बड़े पैमाने पर बिजली आपूर्ति की जरूरत होगी, जिसे ऊर्जा के विभिन्न स्रोतों के माध्यम से पूरा किया जाएगा. अधिकारियों की मानें तो प्रदेश में बिजली की खपत बढ़ने से इसको पूरा करने के लिए ऊर्जा के क्षेत्र की कंपनियां भी निवेश के लिए आएंगी, जो प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनाॅमी बनाने में अपनी भी अहम भूमिका निभाएंगी. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान वर्ष 2022 में बिजली खपत की पीक डिमांड 26 हजार मेगावाट है, जो अगले पांच वर्ष 2028 में पीक डिमांड 53 हजार मेगावाट होने की उम्मीद है. हर साल 16 प्रतिशत की दर से प्रदेश में बिजली की डिमांड बढ़ेगी, जो बेस्ट इन क्लास में 11 प्रतिशत और बिजनेस एज यूजुअल में 8 प्रतिशत की दर से होगी. वहीं, इंडस्ट्रियल और कमर्शियल क्षेत्र में 23 प्रतिशत और आवासीय क्षेत्र में 14 प्रतिशत की दर से बिजली खपत की उम्मीद है. ऐसे में वर्ष 2028 में इंडस्ट्रियल खपत 98 हजार मिलियन यूनिट होगी.


बैठक में बताया गया कि प्रदेश में औद्योगिक बिजली की खपत सबसे अधिक पश्चिमी क्षेत्र में 62 प्रतिशत होने की उम्मीद है, क्योंकि यहां पर पहले से कई इंडस्ट्री चल रही हैं. ऐसे में निवेश के लिए बड़ी इंडस्ट्री प्रदेश में पश्चिमी क्षेत्र की ओर अपना रूख कर सकती हैं. ऐसे में वर्ष 2028 में प्रदेश में बिजली की कुल खपत 277 हजार मिलियन यूनिट होगी, जिसमें से औद्योगिक खपत 98 हजार मिलियन यूनिट होगी.

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