लखनऊः अपनी नजाकत और नफासत के लिए मशहूर नवाबों के शहर पुराने लखनऊ की शान तांगे हुआ करते हैं, लेकिन कोरोनावायरस का कहर इसपर भी लकवा मार गया. तांगा चलाने वाले लोग इस समय खासा परेशान हैं. इनको अपना जीवन-यापन करने में भी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
पुराने लखनऊ के ऐतिहासिक इमामबाड़ा भूल भुलैया को देखने देश के कोने कोने से बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. इस दौरान पर्यटक पुराने लखनऊ की पहचान तांगा पर ही बैठ कर पर्यटक स्थलों पर घूमते हैं. लेकिन कोरोना ने तांगा चलाने वाले लोगों को भी नहीं बख्शा. तांगा चालक इस समय दाने- दाने के लिए मोहताज हो गए हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए जुग्गन का कहना है कि 6 माह से हम लोगों का काम बुरी तरह से काम प्रभावित हुआ है. तांगे लखनऊ की शाही सवारी कही जाती है और पर्यटक इसी तांगे पर बैठकर लखनऊ का नजारा लेते थे. लेकिन कोरोना के कारण यहां पर पर्यटकों की संख्या काफी कम हो गई है. इसकी वजह से जीवन-यापन करना मुश्किल हो रहा है.
वहीं इस बारे में तांगा चला कर अपना जीवन यापन करने वाले सिराज का कहना है कि 6 माह से हम लोगों को काफी समस्या हो रही है. हम लोगों के घोड़े और बच्चे भूखे मर रहे हैं. सरकार और प्रशासन की तरफ से हम लोगों को कोई मदद भी नहीं मिली, जिसके कारण हम लोगों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है.
बताते चलें कि पुराने लखनऊ में आज भी बड़ी संख्या में तांगे चलते हैं. इसके अलावा राजधानी में कहीं भी तांगे नहीं चलते. इमामबाड़ा पर आने वाले पर्यटक इन्हीं तांगा पर बैठकर शाही सवारी कर लखनऊ का नजारा लेते हैं.