लखनऊः प्राथमिक विद्यालयों में छात्रों के अपार आईडी बनाने में आ रही दिक्कतों को लेकर शिक्षकों की तरफ से महानिदेशक स्कूल शिक्षा से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगाई गई है. शिक्षकों का कहना है कि विद्यालय व विभाग को के प्रयास के बावजूद भी तहसील व खंड विकास अधिकारी कार्यालय के स्तर से छात्रों के जन्म प्रमाण पत्र समय से नहीं जारी होने के कारण छात्रों के आधार कार्ड नहीं बने हैं. इसके कारण अपार आईडी बना पाना शिक्षकों के लिए संभव नहीं हो पा रहा है और छात्रों के आधार कार्ड न होने के कारण छात्रों को डीबीटी के माध्यम से प्राप्त होने वाली धनराशि भी प्राप्त नहीं हो पा रही है. वहीं वहीं दूसरी तरफ लखनऊ के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी की तरफ से सीबीएसई, आईसीएसई और बेसिक शिक्षा विभाग के 887 निजी विद्यालयों को नोटिस जारी किया गया है जिसमें सभी स्कूल प्रबंधन को को 5 फरवरी तक अपार आईडी बनाने का निर्देश दिया है.
क्या है अपार आईडीः यह एक तरह का डिजिटल स्टोर है. यह छात्रों का परीक्षा परिणाम, स्वास्थ्य कार्ड, अन्य उपलब्धियों जैसे कि खेल आदि के प्रमाणपत्र स्टोर रखेगा. APAAR ID यूनीक आइडेंटिटी सिस्टम है. एनटीए द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षाएं, एडमिशन, छात्रवृत्ति वितरण, सरकारी लाभों का हस्तांतरण, पुरस्कार जारी करना, छात्रों, शिक्षकों और अन्य यूजर्स के लिए मान्यता आदि के लिए किया जा सकेगा. ये आईडी बन जाने से छात्रों को ओरिजनल एजूकेशनल डॉक्यूमेंट लेकर चलने की जरूरत नहीं. महज ये आईडी नंबर बताने से ही डॉक्यूमेंट ऑनलाइन दिखने लगेंगे. इसके लिए लिए https://apaar.education.gov.in/ के जरिए भी आवेदन किया जा सकता है. इसके लिए नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, आधार कार्ड, डेट ऑफ बर्थ और एड्रेस आदि देना अनिवार्य है. ओटीपी भरने के बाद वेरीफाई होने के बाद यह प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
क्या समस्या आ रहीः प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने महानिदेशक स्कूली शिक्षा को पत्र लिखकर कहा है कि विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों और विद्यालय के यू डायस पर प्रदर्शित हो रहे हैं. उन विद्यालयों के प्रधानाचार्य के द्वारा उन्हें ड्रॉप आउट बॉक्स में न डालने के कारण उनका इंपोर्ट नहीं किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में उन छात्रों की अपार आईडी जेनरेट कर पाना शिक्षकों के स्तर से संभव नहीं है. इसके अलावा विद्यालय अभिलेख में छात्र की डिटेल और उनके आधार कार्ड की डिटेल भी अलग है. ऐसी स्थिति में अपार आईडी जेनरेट करना भी शिक्षक को के लिए संभव नहीं है.
ये भी दिक्कत हैः वहीं कई छात्रों के विद्यालय के अभिलेख में मां-बाप दोनों के नाम और उनके आधार कार्ड के नाम में अंतर होने के कारण अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रही है. दूसरे विद्यालय से इंपोर्ट किए गए छात्रों की डिटेल आधार की डिटेल से अलग है, ऐसी स्थिति में अपार आईडी जेनरेट कर पाना शिक्षकों के लिए संभव नहीं है. विनय सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार के द्वारा सूचना के अधिकार के तहत उपलब्ध कराए गए जानकारी के अनुसार अपार आईडी की अनिवार्यता नहीं है. जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों के द्वारा मानसिक प्रताड़ना एवं दबाव बनाया जा रहा है. इसके कारण शिक्षक को के साथ रास्ते एवं विद्यालय में कोई अप्रिय घटना घटित होती है, तो जिससे उनका परिवार प्रभावित होता है.
बोर्ड परीक्षा होने तक अपार आईडी बनाने पर लगे रोकः वहीं उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश मंत्री संजय द्विवेदी ने बोर्ड परीक्षा समाप्त होने तक अपार आईडी (ऑटोमेटड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री) को बनाने से रोकने की मांग की है. अपार आईडी निर्माण की वजह से बोर्ड परीक्षा की तैयारियों, प्रयोगात्मक परीक्षा के संपादन व अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा करने में कठिनाई हो रही है. तकनीकी कठिनाइयों के कारण अपार आईडी का काम पूरा न होने के कारण प्रदेश के अनेक जनपदों में शिक्षकों का वेतन रोक दिया है जिससे शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है. संजय द्विवेदी ने बताया कि महानिदेशक स्कूल शिक्षा के द्वारा 21 जनवरी 2025 को प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को पत्र भेजकर अपार आईडी के निर्माण के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए गए. जिसको संज्ञान में लेकर प्रदेश के सभी जिला विद्यालय निरीक्षक अपने-अपने जनपद के राजकीय, सहायता प्राप्त व वित्त विहीन विद्यालयों के प्रबंधक, प्रधानाचार्य को निर्देश जारी कर अपार आईडी को पूर्ण करने का आदेश जारी किया है.
डाटा भी मैच नहीं हो पा रहाः प्रदेश के सभी विद्यालयों में अपार आईडी निर्माण का कार्य चल रहा है लेकिन अपार आईडी निर्माण करने के दौरान शिक्षकों कई तकनीकी दिक्कत आ रही है. अपार आईडी निर्माण के दौरान विद्यार्थियों के यू डायस, आधार कार्ड व विद्यायल का एसआर रजिस्टर पर उपलब्ध डाटा मैच नहीं कर रहा है, जिसके कारण अपार आईडी जेनरेट नहीं हो पा रहा है. उन्होंने ने बताया कि 23 फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षा है। 01 फरवरी से प्रयोगात्मक परीक्षा शुरू हो रही है. इस समय प्रदेश के अधिकांश विद्यालयों में शिक्षक अपने अधूरे पाठ्यक्रम को पूरा करने व प्रयोगात्मक परीक्षा की तैयारी में लगे है. अपार आईडी के निर्माण के दबाव से बोर्ड परीक्षा से संबंधित कार्य प्रभावित हो रहे हैं. जिला विद्यालय निरीक्षक निरंतर पत्र भेजकर विद्यालय के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को वेतन रोकने व मान्यता प्रत्याहारन करने की धमकी दे रही है, जिससे पूरे प्रदेश में अपराध अपनी मची हुई है.
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