लखनऊ: बरसात के मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा काफी बना रहता है. यदि बरसात के मौसम में आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो, इसे नजरअंदाज न करें. कई बार वायरल को पहचान पाना मुश्किल होता है.
जानिए क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ
इस बारे में राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय कुमार विश्नोई ने महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी प्रोटीन भी कई बार इसे पहचान नहीं पाते हैं, क्योंकि यह तेजी से अपनी संरचना बदलते हैं. इसके लक्षणों में आंखों में जलन, लाली व खुजली मुख्य है.
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उन्होंने आगे बताया कि बरसात के मौसम में 2 तरीके से संक्रमण हो सकता है. पानी में भीगने से और उमस के बाद पसीना आने से, इन दोनों परिस्थिति में आंख लाल हो जाती है. गंदे कपड़े या तौलिया से पोछने से भी संक्रमण हो सकता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.
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डॉ. संजय कुमार कहते है कि मुंह पोछने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए. साफ तौलिया से आंख के साफ करना चाहिए. एक ही रुमाल से बार-बार आंख नहीं पोछना चाहिए. लोग खुद से ही दवा ले लेते हैं बिना किसी नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लिए दवा नहीं लेना चाहिए. मोतियाबिंद के ऑपरेशन को लेकर लोगों में कई भ्रांति है. इसका ऑपरेशन कभी भी किसी भी मौसम में कराया जा सकता है. पहले के समय में संसाधनों की कमी थी लेकिन अब ऐसा नहीं है.