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लखनऊ : बरसात के मौसम में आंख लाल पड़े या चुभे तो खुद से न करें इलाज, बरतें ये सावधानी

बरसात के मौसम में यदि आंख लाल पड़े या चुभे तो नेत्र विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें. इस मौसम में यदि आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो इसे नजरअंदाज न करें.

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Published : Sep 9, 2019, 8:51 AM IST

Updated : Sep 9, 2019, 9:26 AM IST

डॉ संजय कुमार विश्नोई

लखनऊ: बरसात के मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा काफी बना रहता है. यदि बरसात के मौसम में आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो, इसे नजरअंदाज न करें. कई बार वायरल को पहचान पाना मुश्किल होता है.

जानकारी देते डॉ संजय कुमार विश्नोई.

जानिए क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ

इस बारे में राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय कुमार विश्नोई ने महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी प्रोटीन भी कई बार इसे पहचान नहीं पाते हैं, क्योंकि यह तेजी से अपनी संरचना बदलते हैं. इसके लक्षणों में आंखों में जलन, लाली व खुजली मुख्य है.

इसे भी पढ़ें- रिटायरमेंट के बाद भी यह डॉक्टर लोगों को दे रहे है सेवाएं, ऐसे हैं ये पद्मश्री शख्सियत

उन्होंने आगे बताया कि बरसात के मौसम में 2 तरीके से संक्रमण हो सकता है. पानी में भीगने से और उमस के बाद पसीना आने से, इन दोनों परिस्थिति में आंख लाल हो जाती है. गंदे कपड़े या तौलिया से पोछने से भी संक्रमण हो सकता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

इसे भी पढ़ें- चित्रकूट: निशुल्क नेत्र शिविर का आयोजन, फ्री में मिली दवाइयां और चश्में

डॉ. संजय कुमार कहते है कि मुंह पोछने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए. साफ तौलिया से आंख के साफ करना चाहिए. एक ही रुमाल से बार-बार आंख नहीं पोछना चाहिए. लोग खुद से ही दवा ले लेते हैं बिना किसी नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लिए दवा नहीं लेना चाहिए. मोतियाबिंद के ऑपरेशन को लेकर लोगों में कई भ्रांति है. इसका ऑपरेशन कभी भी किसी भी मौसम में कराया जा सकता है. पहले के समय में संसाधनों की कमी थी लेकिन अब ऐसा नहीं है.

लखनऊ: बरसात के मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा काफी बना रहता है. यदि बरसात के मौसम में आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो, इसे नजरअंदाज न करें. कई बार वायरल को पहचान पाना मुश्किल होता है.

जानकारी देते डॉ संजय कुमार विश्नोई.

जानिए क्या कहते हैं नेत्र विशेषज्ञ

इस बारे में राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल के वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉक्टर संजय कुमार विश्नोई ने महत्वपूर्ण जानकारी दी. उन्होंने बताया कि हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी प्रोटीन भी कई बार इसे पहचान नहीं पाते हैं, क्योंकि यह तेजी से अपनी संरचना बदलते हैं. इसके लक्षणों में आंखों में जलन, लाली व खुजली मुख्य है.

इसे भी पढ़ें- रिटायरमेंट के बाद भी यह डॉक्टर लोगों को दे रहे है सेवाएं, ऐसे हैं ये पद्मश्री शख्सियत

उन्होंने आगे बताया कि बरसात के मौसम में 2 तरीके से संक्रमण हो सकता है. पानी में भीगने से और उमस के बाद पसीना आने से, इन दोनों परिस्थिति में आंख लाल हो जाती है. गंदे कपड़े या तौलिया से पोछने से भी संक्रमण हो सकता है. ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए.

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डॉ. संजय कुमार कहते है कि मुंह पोछने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए. साफ तौलिया से आंख के साफ करना चाहिए. एक ही रुमाल से बार-बार आंख नहीं पोछना चाहिए. लोग खुद से ही दवा ले लेते हैं बिना किसी नेत्र विशेषज्ञ से सलाह लिए दवा नहीं लेना चाहिए. मोतियाबिंद के ऑपरेशन को लेकर लोगों में कई भ्रांति है. इसका ऑपरेशन कभी भी किसी भी मौसम में कराया जा सकता है. पहले के समय में संसाधनों की कमी थी लेकिन अब ऐसा नहीं है.

Intro:बरसात के मौसम में आंख लाल पड़े या चुभे तो खुद से न करें इलाज

लखनऊ : बरसात के मौसम में यदि आंख लाल पड़े या चुभे तो नेत्र विशेषज्ञ की राय जरूर लें। बदलता मौसम और अनियमित जीवनशैली से हमारी आंखों पर काफी असर पड़ा रहा है। इस मौसम में यदि आंखों में किसी प्रकार की दिक्कत होती है तो इसे नजरअंदाज मत करें। बरसात के मौसम में आंखों के संक्रमण का खतरा काफी बना रहता है। कई बार वायरल को पहचानना मुश्किल होता है हमारे शरीर में मौजूद एंटीबॉडी प्रोटीन भी कई बार इसे पहचान नहीं पाते हैं क्योंकि यह तेजी से अपनी संरचना बदलते हैं। इसके लक्षणों में आंखों में जलन लाली व खुजली मुख्य है। इस मामले पर राजाजीपुरम स्थित रानी लक्ष्मीबाई अस्पताल के वरिष्ठ परामर्शदाता व नेत्र सर्जन स्पेशलिस्ट डॉक्टर संजय कुमार विश्नोई ने दी महत्वपूर्ण जानकारी।


Body:बाइट- डॉ संजय कुमार विश्नोई, नेत्र सर्जन स्पेशलिस्ट

बरसात के मौसम में 2 तरीके से संक्रमण हो सकता है। पानी में भीगने से और उमस के बाद पसीना आने से आंख लाल पड़ जाती है। गंदे कपड़े या तौलिया से पूछने से भी संक्रमण हो जाता है। ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। पहली बात मुंह पूछने से पहले हाथों को अच्छी तरह से धो लेना चाहिए। दूसरी बात धुली तौलिया से आंख पूछनी चाहिए, एक ही रुमाल से बार-बार वह किसी दूसरे के तौलिए से आंख नहीं पहुंचना चाहिए। तीसरी सबसे महत्वपूर्ण बात लोग खुद से ही दवा ले लेते हैं। बिना किसी नेत्र विशेषज्ञ से राय लिए दवा मत लें। मोतियाबिंद के ऑपरेशन को लेकर लोगों में कई भ्रांति है। इसका ऑपरेशन कभी भी किसी भी मौसम में कराया जा सकता है। पहले के समय में संसाधनों की कमी थी। लेकिन अब ऐसा नहीं है।



Conclusion:राहुल श्रीवास्तव, लखनऊ
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Last Updated : Sep 9, 2019, 9:26 AM IST
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