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लखनऊ: वकीलों ने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पीड़िता को मिलेगा न्याय

उन्नाव रेप कांड प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच 7 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

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Published : Aug 1, 2019, 6:04 PM IST

लखनऊ बार महामंत्री सुरेश पांडे के साथ मौजूद वकील.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड को लेकर जहां एक ओर पूरे देश में चर्चाएं हो रही हैं. उसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कठोर निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है. सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद उम्मीद जगी है कि अब जल्द से जल्द पीड़िता को न्याय मिलेगा. कोर्ट द्वारा आदेश जारी करने के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने कोर्ट के आदेशों का स्वागत किया है.

मामले की जानकारी देते सुरेश पांडे लखनऊ बार महामंत्री
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये कड़े निर्देश-
  • उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच 7 दिन में पूरी हो.
  • रेप पीड़िता से जुड़े हुए मामले की प्रतिदिन सुनवाई होनी चाहिए.
  • कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि 45 दिन में ट्रायल पूरा किया जाएगा.
  • गवाहों की सुरक्षा के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया गया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की मां व गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए हैं
  • सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को ₹25 लाख मुआवजा भी देने को भी कहा है.


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब पीड़िता को मिल सकेगा और दूध का दूध पानी का पानी होगा. अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हरकत में नहीं आती तो यह मामला लंबा खिंचता. मामले के लंबा खींचने का मतलब है कि मामले में हेरफेर की संभावना रहती लेकिन अब जब सारी चीजें फटाफट होनी हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी हैं तो फिर हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं बचती है. हम सभी वकील सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा.
-सुरेश पांडे, लखनऊ बार महामंत्री

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित उन्नाव रेप कांड को लेकर जहां एक ओर पूरे देश में चर्चाएं हो रही हैं. उसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कठोर निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है. सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद उम्मीद जगी है कि अब जल्द से जल्द पीड़िता को न्याय मिलेगा. कोर्ट द्वारा आदेश जारी करने के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने कोर्ट के आदेशों का स्वागत किया है.

मामले की जानकारी देते सुरेश पांडे लखनऊ बार महामंत्री
सुप्रीम कोर्ट ने दिए ये कड़े निर्देश-
  • उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच 7 दिन में पूरी हो.
  • रेप पीड़िता से जुड़े हुए मामले की प्रतिदिन सुनवाई होनी चाहिए.
  • कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा कि 45 दिन में ट्रायल पूरा किया जाएगा.
  • गवाहों की सुरक्षा के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया गया है.
  • सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता की मां व गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए हैं
  • सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को ₹25 लाख मुआवजा भी देने को भी कहा है.


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब पीड़िता को मिल सकेगा और दूध का दूध पानी का पानी होगा. अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हरकत में नहीं आती तो यह मामला लंबा खिंचता. मामले के लंबा खींचने का मतलब है कि मामले में हेरफेर की संभावना रहती लेकिन अब जब सारी चीजें फटाफट होनी हैं और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी हैं तो फिर हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं बचती है. हम सभी वकील सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा.
-सुरेश पांडे, लखनऊ बार महामंत्री

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित रेप कांड उन्नाव रेप कांड को लेकर जहां एक और पूरे देश में चर्चाएं हो रही हैं उसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कठोर निर्णय लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया है। सुप्रीम कोर्ट से निर्देश मिलने के बाद उम्मीद जगी है कि आप जल्द से जल्द पीड़िता को न्याय मिलेगा। कोर्ट द्वारा आदेश जारी करने के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने कोर्ट के आदेशों का स्वागत किया है।


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उन्नाव रेप कांड प्रकरण को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए उन्नाव रेप पीड़िता के साथ हुए सड़क हादसे की जांच 7 दिन में पूरी करने के निर्देश दिए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने रेप पीड़िता से जुड़े हुए मामले की डेट टुडे सुनवाई करने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने सख्त लहजे में कहा है कि 45 दिन में ट्रायल पूरा किया जाएगा। गवाहों की सुरक्षा के लिए भी उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देशित किया गया है।
एक ओर जहां सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता पीड़िता की मां व गवाहों को सुरक्षा उपलब्ध कराने के लिए निर्देश दिए हैं तो वहीं उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़िता को ₹2500000 मुआवजा भी देने को भी कहा है।


सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद राजधानी लखनऊ के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि सुप्रीम कोर्ट के इस निर्णय के बाद अब पीड़िता को मिल सकेगा और दूध का दूध पानी का पानी होगा। अगर सुप्रीम कोर्ट इस मामले में हरकत में नहीं आती तो यह मामला लंबा खींचता। मामले के लंबा खींचने का मतलब है कि मामले में हेरफेर की संभावना रहती लेकिन अब जब सारी चीजें फटाफट होनी है और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में होनी है तो फिर हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं बचती है। हम सभी वकील सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि पीड़िता को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।


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सुरेश पांडे
लखनऊ बार महामंत्री


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