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सरकारी स्कूलों में पहुंचने लगे छात्र, उपस्थिति 30 से 60% तक पहुंची

राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. पहले दिन जहां यह संख्या बेहद कम थी, वहीं बुधवार को तीसरे दिन तक उपस्थिति प्रतिशत 30 से 60% तक पहुंच गई. शिक्षकों का दावा है कि आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होगा.

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Published : Mar 4, 2021, 9:38 AM IST

सरकारी स्कूलों में पहुंचने लगे छात्र
सरकारी स्कूलों में पहुंचने लगे छात्र

लखनऊ: राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. पहले दिन जहां यह संख्या बेहद कम थी, वहीं बुधवार को तीसरे दिन तक उपस्थिति प्रतिशत 30 से 60% तक पहुंच गई. शिक्षकों का दावा है कि आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होगा. बता दें, राजधानी समेत प्रदेश भर के स्कूलों में 1 से 5 तक की कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दे दी गई है. यह कक्षाएं बीती 1 मार्च से शुरू हुई है.

सरकारी स्कूलों में पहुंचने लगे छात्र.

क्या बोला स्कूल प्रशासन
बेसिक स्कूल औरंगाबाद की इंचार्ज अध्यापिका मंजू बाला राय ने बताया कि स्कूल में कक्षा एक से पांच तक करीब 128 बच्चे पढ़ते हैं. पहले दिन करीब 49 बच्चे आए थे. दूसरे दिन की संख्या 53 और तीसरे दिन लगभग 57 बच्चे पहुंचे. उनकी मानें तो यह संख्या लगातार बढ़ रही हैं.

वहीं सरकारी सहायता प्राप्त लखनऊ मोंटेसरी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्रा बताते हैं कि 3 दिन में उनके स्कूल की उपस्थिति 60% तक पहुंच गई है. उनकी मानें तो, बच्चे करीब 1 साल से घरों में थे. अब जब स्कूलों में लौटे हैं तो उनमें एक उत्साह नजर आ रहा है. बच्चे स्कूल आना चाह रहे हैं.

बेसिक स्कूल अंबेडकर की शिक्षिका प्रज्ञा भारती ने बताया कि करीब 1 साल के बाद लौटे बच्चों का पढ़ाई से रुझान कम हुआ. वह स्कूल में वक्त जरूर गुजारना चाह रहे हैं . लेकिन, उनके लिए पढ़ पाना अभी इतना आसान नहीं है. पढ़ाई को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. पढ़ाने के तरीके को बदला गया है. फिलहाल अभी उनके लिए खेलकूद, चित्रकला जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं. ताकि वह स्कूल में वक्त गुजार सकें. यहां तक की उनके घरों में जाकर अभिभावकों को भी अब जागरूक किया जा रहा है.

लखनऊ: राजधानी के सरकारी स्कूलों में बच्चों की उपस्थिति अब धीरे-धीरे बढ़ने लगी है. पहले दिन जहां यह संख्या बेहद कम थी, वहीं बुधवार को तीसरे दिन तक उपस्थिति प्रतिशत 30 से 60% तक पहुंच गई. शिक्षकों का दावा है कि आने वाले समय में इस संख्या में और इजाफा होगा. बता दें, राजधानी समेत प्रदेश भर के स्कूलों में 1 से 5 तक की कक्षाएं संचालित करने की अनुमति दे दी गई है. यह कक्षाएं बीती 1 मार्च से शुरू हुई है.

सरकारी स्कूलों में पहुंचने लगे छात्र.

क्या बोला स्कूल प्रशासन
बेसिक स्कूल औरंगाबाद की इंचार्ज अध्यापिका मंजू बाला राय ने बताया कि स्कूल में कक्षा एक से पांच तक करीब 128 बच्चे पढ़ते हैं. पहले दिन करीब 49 बच्चे आए थे. दूसरे दिन की संख्या 53 और तीसरे दिन लगभग 57 बच्चे पहुंचे. उनकी मानें तो यह संख्या लगातार बढ़ रही हैं.

वहीं सरकारी सहायता प्राप्त लखनऊ मोंटेसरी इंटर कॉलेज के प्रिंसिपल प्रशांत मिश्रा बताते हैं कि 3 दिन में उनके स्कूल की उपस्थिति 60% तक पहुंच गई है. उनकी मानें तो, बच्चे करीब 1 साल से घरों में थे. अब जब स्कूलों में लौटे हैं तो उनमें एक उत्साह नजर आ रहा है. बच्चे स्कूल आना चाह रहे हैं.

बेसिक स्कूल अंबेडकर की शिक्षिका प्रज्ञा भारती ने बताया कि करीब 1 साल के बाद लौटे बच्चों का पढ़ाई से रुझान कम हुआ. वह स्कूल में वक्त जरूर गुजारना चाह रहे हैं . लेकिन, उनके लिए पढ़ पाना अभी इतना आसान नहीं है. पढ़ाई को दोबारा पटरी पर लाने के लिए पुरजोर कोशिश की जा रही है. पढ़ाने के तरीके को बदला गया है. फिलहाल अभी उनके लिए खेलकूद, चित्रकला जैसी व्यवस्थाएं की गई हैं. ताकि वह स्कूल में वक्त गुजार सकें. यहां तक की उनके घरों में जाकर अभिभावकों को भी अब जागरूक किया जा रहा है.

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