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रतन टाटा का निधन: जब मथुरा आए थे दरियादिल उद्योगपति, दिलों पर सादगी की छाप छोड़ गए थे दानवीर

एक निजी अस्पताल का उद्घाटन करने 2016 में आए थे, शख्सियत की छाप छोड़कर गए थे

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 2 hours ago

Updated : 1 hours ago

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देश के दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा नहीं रहे. (photo credit: ani)

मथुराः देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में देहांत हो गया. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर छा गई. पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई हस्तियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. उनके निधन से कान्हा की नगरी भी उदास है. वह 2016 में मथुरा आए थे.


मथुरा में कार्यक्रम में लिया था भाग: आठ वर्ष पहले रतन टाटा मथुरा आए थे. 28 फरवरी 2016 को वह द नयति मेडिसिटी के नाम से जिले के सबसे आधुनिक हॉस्पिटल का उद्घघाटन करने आए थे. उस दौरान उन्होंने अपनी सादगी से सभी का दिल जीत लिया था. उनकी दरियादिली आज भी लोगों के दिलों पर छाई हुई है.


कब हुआ था जन्म: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल और सूनू टाटा के परिवार (family) में हुआ था. उन्होंने हावर्ड समेत कई विश्वविद्यालयों से डिग्री अर्जित की थी. उके पिता नवल टाटा जाने-माने उद्योग पति थे. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप में असिस्टेंट के पद पर की थी. इसके बाद उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाया.


कर्मचारियों को मानते थे परिवार: रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि वह कर्मचारियों को अपना परिवार मानते थे. कर्मचारियों के हर सुख-दुख में वह साथ निभाते थे. शायद यही वजह कि टाटा ग्रुप के सभी कर्मचारी भी उन्हें अभिभावक के रूप में मानते हैं.


दान में सबसे आगे थे: कोविड जैसी महामारी के दौरान टाटा ग्रुप की ओर से 1500 करोड़ रुपए दान किए गए थे. इस धन से से वेंटिलेटर, पीपीई किट समेत कोविड से निपटने के लिए कई अहम इक्यूपमेंट जुटाए गए थे. इसके अलावा कोविड से निपटने के लिए हो रही टेस्टिंग में भी टाटा ग्रुप ने मदद की थी.



जीवन भर अविवाहित रहे: रतन टाटा जीवन भर अविवाहित रहे. उन्होंने शादी नहीं की. रतन टाटा की सादगी देश के हर शख्स के दिल पर आज भी राज करती है.


बाजार में लाए लखटकिया कारः रतन टाटा ने आम आदमी के लिए एक लाख की कार बाजार में उतारी थी. इसे नाम दिया गया था नैनो. आम बोलचाल की भाषा में इसे लखटकिया कार के नाम से पुकारा गया. इस कार को एक आम आदमी की कार कहा गया. यह कार लोगों को काफी पसंद आई.

जब टाटा ने उड़ाया था फाइटर जेटः बेंगलूरू के एक एयर शो में रतन टाटा ने 400 करोड़ का F-16 ब्लॉक 50 फाइटर जेट प्लेन उड़ाया था. उस दौरान उनकी उम्र 69 साल थी. रतन टाटा को फाइटर प्लेन उड़ाते जिस शख्स ने भी देखा तो वह हैरत में पड़ गया था.

सीएम योगी ने शोक जताया: रतन टाटा के निधन पर सीएम योगी ने शोक जताया है. उन्होंने लिखा है भारत के प्रख्यात उद्योगपति, 'पद्म विभूषण' श्री रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुःखद है. वह भारतीय उद्योग जगत के महानायक थे. उनका जाना उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका सम्पूर्ण जीवन देश के औद्योगिक और सामाजिक विकास को समर्पित था. वे सच्चे अर्थों में देश के रत्न थे. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों और प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.


ये भी पढ़ेंः नहीं रहे दिग्गज उद्योगपति रतन टाटा, पीएम मोदी समेत बड़े नेताओं ने जताया शोक

मथुराः देश के जाने-माने उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का 86 वर्ष की आयु में मुंबई के एक अस्पताल में देहांत हो गया. पद्म भूषण और पद्म विभूषण से सम्मानित रतन टाटा के निधन से पूरे देश में शोक की लहर छा गई. पीएम मोदी, सीएम योगी समेत कई हस्तियों ने उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है. उनके निधन से कान्हा की नगरी भी उदास है. वह 2016 में मथुरा आए थे.


मथुरा में कार्यक्रम में लिया था भाग: आठ वर्ष पहले रतन टाटा मथुरा आए थे. 28 फरवरी 2016 को वह द नयति मेडिसिटी के नाम से जिले के सबसे आधुनिक हॉस्पिटल का उद्घघाटन करने आए थे. उस दौरान उन्होंने अपनी सादगी से सभी का दिल जीत लिया था. उनकी दरियादिली आज भी लोगों के दिलों पर छाई हुई है.


कब हुआ था जन्म: रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर, 1937 को नवल और सूनू टाटा के परिवार (family) में हुआ था. उन्होंने हावर्ड समेत कई विश्वविद्यालयों से डिग्री अर्जित की थी. उके पिता नवल टाटा जाने-माने उद्योग पति थे. रतन टाटा ने अपने करियर की शुरुआत टाटा ग्रुप में असिस्टेंट के पद पर की थी. इसके बाद उन्होंने कंपनी को आगे बढ़ाया.


कर्मचारियों को मानते थे परिवार: रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि वह कर्मचारियों को अपना परिवार मानते थे. कर्मचारियों के हर सुख-दुख में वह साथ निभाते थे. शायद यही वजह कि टाटा ग्रुप के सभी कर्मचारी भी उन्हें अभिभावक के रूप में मानते हैं.


दान में सबसे आगे थे: कोविड जैसी महामारी के दौरान टाटा ग्रुप की ओर से 1500 करोड़ रुपए दान किए गए थे. इस धन से से वेंटिलेटर, पीपीई किट समेत कोविड से निपटने के लिए कई अहम इक्यूपमेंट जुटाए गए थे. इसके अलावा कोविड से निपटने के लिए हो रही टेस्टिंग में भी टाटा ग्रुप ने मदद की थी.



जीवन भर अविवाहित रहे: रतन टाटा जीवन भर अविवाहित रहे. उन्होंने शादी नहीं की. रतन टाटा की सादगी देश के हर शख्स के दिल पर आज भी राज करती है.


बाजार में लाए लखटकिया कारः रतन टाटा ने आम आदमी के लिए एक लाख की कार बाजार में उतारी थी. इसे नाम दिया गया था नैनो. आम बोलचाल की भाषा में इसे लखटकिया कार के नाम से पुकारा गया. इस कार को एक आम आदमी की कार कहा गया. यह कार लोगों को काफी पसंद आई.

जब टाटा ने उड़ाया था फाइटर जेटः बेंगलूरू के एक एयर शो में रतन टाटा ने 400 करोड़ का F-16 ब्लॉक 50 फाइटर जेट प्लेन उड़ाया था. उस दौरान उनकी उम्र 69 साल थी. रतन टाटा को फाइटर प्लेन उड़ाते जिस शख्स ने भी देखा तो वह हैरत में पड़ गया था.

सीएम योगी ने शोक जताया: रतन टाटा के निधन पर सीएम योगी ने शोक जताया है. उन्होंने लिखा है भारत के प्रख्यात उद्योगपति, 'पद्म विभूषण' श्री रतन टाटा जी का निधन अत्यंत दुःखद है. वह भारतीय उद्योग जगत के महानायक थे. उनका जाना उद्योग जगत के लिए अपूरणीय क्षति है. उनका सम्पूर्ण जीवन देश के औद्योगिक और सामाजिक विकास को समर्पित था. वे सच्चे अर्थों में देश के रत्न थे. प्रभु श्री राम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान तथा उनके शोकाकुल परिजनों और प्रशंसकों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करें.


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Last Updated : 1 hours ago
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