लखनऊ : फरवरी महीने में प्रस्तावित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit 2023) को लेकर सरकार के मंत्रियों और अधिकारियों के विदेश दौरे हुए हैं. सरकार इससे काफी उत्साहित है. निवेश लाने के लिए कई स्तर पर रणनीति तय की गई है. निवेशकों को तमाम स्तर पर सहूलियत देने एनओसी देने सहित कई कामकाज को लेकर रणनीति बनाई गई है. जिससे निवेशकों को यूपी लाने में सफलता मिले और बड़ी मात्रा में निवेश आए और सरकार विकास के एजेंडे को आगे बढ़ा सके.
मंत्रियों और अफसरों के दौरे के बाद सरकार ने यह तय किया है कि जो भी निवेश प्रस्ताव तैयार होंगे उन्हें जल्द से जल्द धरातल पर उतारने की प्रक्रिया तेज की जाएगी. इसके अलावा सभी एनओसी आदि की प्रक्रिया भी तेज की जाएगी. निवेश प्रस्ताव को आगे बढ़ाने में कई स्तर पर रणनीति तय की गई है. इसके अंतर्गत कई सुधार और काम किए जाएंगे. इसको लेकर कई स्तर पर सुधार, बेहतर कानून व्यवस्था, हवाईअड्डों, एक्सप्रेसवे, मेट्रो रेल, औद्योगिक गलियारों आदि सहित अत्याधुनिक ग्रीनफील्ड बुनियादी ढांचे के विकास के आधार पर राज्य में अच्छा निवेश वातावरण तैयार किए जाने की कोशिश की जा रही है.
इसके अंतर्गत प्रमुख पूर्वी निर्यात केंद्रों जैसे प्रयागराज, वाराणसी को हल्दिया बंदरगाह से जोड़ने वाला देश का पहला अंतर्देशीय जलमार्ग (इनलैंड वॉटरवे), विकसित किया जा रहा है. वाराणसी से हल्दिया (लगभग 1,100 किलोमीटर लंबा) तक का मार्ग राज्य में पहले से ही संचालित है. बन्दरगाह विकसित करने की भी योजना है. समुद्री बंदरगाहों पर निर्यात होने वाले सामान के आवागमन को सुविधाजनक बनाने के लिए, हमारी सरकार ड्राई-पोर्ट्स के विकास को बढ़ावा दे रही है. उत्तर प्रदेश भारत में खाद्यान्न, दूध तथा गन्ने का सबसे बड़ा उत्पादक है. इसे उद्योग के रूप में और आगे बढ़ाना है.
औद्योगिक विकास विभाग के सचिव अभिषेक प्रकाश ने कहा कि सभी प्रमुख देशों से निवेश के कई प्रस्तावों पर करार हुआ है. हम उद्यमियों को बेहतर सहूलियत दे रहे हैं. अच्छा वातावरण, बेहतर कानून व्यवस्था सर्वोपरि है. इन सभी चीजों को देखते हुए निवेशक उत्तर प्रदेश की तरफ आकर्षित हो रहे हैं और जहां जरूरत हो रही है उसके अनुसार उन पर काम किया जा रहा है.
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