लखनऊ: रामकृष्ण मठ की 21वीं वर्षगांठ पर सोमवार को निराला नगर स्थित मठ परिसर में पूजन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सामाजिक दूरी एवं कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया. कार्यक्रम निजी यूट्यूब चैनल ‘रामकृष्ण मठ लखनऊ’ के माध्यम से सीधा प्रसारित भी हुआ.
19 नवम्बर, 1999 को हुई थी स्थापना
रामकृष्ण मठ, निराला नगर की स्थापना रामकृष्ण मिशन बेलूर मठ के 13वें अध्यक्ष स्वामी रंगनाथानन्दजी महाराज ने 19 नवम्बर 1999 को की थी. तभी से यह मठ रामकृष्ण मिशन के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए समर्पित है.
सुबह से शुरू हो गया था पूजन कार्यक्रम
स्थापना दिवस पर मन्दिर में पूजा पाठ का कार्यक्रम सुबह 5 बजे से श्री रामकृष्ण जी की मंगल आरती के साथ शुरू हो गया था. इसके बाद जप यज्ञ आयोजित हुआ.
भक्तों ने ऑनलाइन पूजन में लिया भाग
जो भक्तगण शारीरिक रूप से उपस्थित नहीं हो पाए, उन भक्तगणों के लिए ऑनलाइन शामिल होने की व्यवस्था भी की गई थी. देश एवं दुनिया भर के बड़ी संख्या में भक्तों ने इन्टरनेट के माध्यम से जप यज्ञ में भाग लिया. मंगलगीत, वैदिक मंन्त्रोच्चार किया गया. ब्रह्मचारी अनादिचैतन्य द्वारा श्री श्री चण्डीपाठ किया गया तथा स्वामी इष्टकृपानन्दजी के द्वारा पूजा प्रारम्भ हुई. रामकृष्ण मठ के स्वामी पूर्णमयानन्दजी द्वारा भक्ति गीत की मधुर प्रस्तुति दी गयी. उसके बाद हवन हुआ.
भक्तों ने इंटरनेट के जरिए दी पुष्पांजलि
भक्तगणों को पुष्पांजलि देने के लिए ऑनलाइन व्यवस्था भी की गई थी, जिसमें देश एवं दुनिया भर के बड़ी संख्या में भक्तों ने इन्टरनेट के जरिये पुष्पांजलि में भाग लिया. मठ परिसर में मौजूद भक्तगणों ने फूल एवं चंदन तिलक इत्यादि अर्पण कर पुष्पांजलि दी.
स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चल रहा है मठ
संध्या आरती के उपरांत मठ के अध्यक्ष स्वामी मुक्तिनाथानन्दजी ने श्रीरामकृष्ण के सार्वभौमिक मन्दिर और श्री श्री जगद्धात्री पूजा के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि स्वामी विवेकानन्दजी ने समाज की जो परिकल्पना की थी, रामकृष्ण मठ उसका अक्षरशः अनुपालन कर रहा है. प्रवचन में भक्तों को वर्तमान में चल रहे कोविड महामारी को देखते हुए सरकार द्वारा लगाए गए अन्य प्रतिबंधों के मद्देनजर सामाजिक दूरी का अनुपालन किया गया.
देवी नाम संकीर्तन से हुआ समापन
कार्यक्रम का समापन वृहदनट मन्दिर मे ब्रहम्चारी अनादिचैतन्य के निर्देशन में देवीनाम संकीर्तन से हुआ, जिसमें भक्तों ने सामूहिक देवीनाम संकीर्तन किया. स्वामी जी के नेतृत्व में सामूहिक काली कीर्तन हुआ. कीर्तन मे तबला पर संगत दे रहे शुभम राज की प्रस्तुति पर लोग झूम उठे. भक्तों ने रामकृष्ण मिशन के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया.