सरगुजा: More the waste, better the taste इसी पंच लाइन के साथ छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में शुरू हुआ है देश का पहला गार्बेज कैफे. पॉलीथिन के खिलाफ एक नई और सराहनीय पहल. सफाई की सफाई और गरीबों को खाना भी. यहां आधा किलो पॉलीथिन जमा करने पर नाश्ता और एक किलो पॉलीथिन जमा करने पर खाना मिलेगा. इस कैफे का आगाज करने आए मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने भी सब्जी चखी तो मुंह से निकला, 'स्वाद तो अच्छा है.'
अंबिकापुर नगर निगम के इस नए आइडिया की स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने जमकर तारीफ की. मेयर की पीठ थपथपाई, साथ ही गांधी की 150वीं जयंती पर इसे प्लास्टिक के खिलाफ बड़ी लड़ाई बताया. सिंहदेव ने कहा कि अंबिकापुर नगर निगम की इस सोच को नेशनल, इंटरनेशनल पहचान मिली है.
- पॉलीथिन लाकर खाना खाने वालों को न सिर्फ खाना पसंद आया बल्कि उन्होंने इस आइडिया की तारीफ भी की, जिन्होंने इस सोच को डेवलप किया, प्लानिंग की और जमीन पर उतारा वह बड़े खुश दिखे.
- नगर निगम अंबिकापुर द्वारा खोले गए इस गार्बेज कैफे में रोड साइड पड़ी पॉलीथिन को लाने पर खाना या नाश्ता मुफ्त में दिया जाएगा.
- इसके तहत 1 किलो पॉलीथिन पर खाना और आधा किलो पॉलीथिन पर नाश्ता दिया जाना है.
- अंबिकापुर नगर निगम ने स्वच्छता के काम में लगी महिलाओं को प्लास्टिक एकत्र करने का जिम्मा दिया है.
- सड़क से प्लास्टिक लाने वाले लोग एसएलआरएम की महिलाओं को प्लास्टिक सौंपेंगे और महिलाएं प्लास्टिक का वजन करने के बाद उन्हें एक टोकन उपलब्ध कराएंगी.
- इस टोकन को गार्बेज कैफे में देने के बाद गार्बेज कैफे संचालक के द्वारा भोजन या नाश्ता मुफ्त में दिया जाएगा.