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पार्थ सुसाइड केस: सपा MLC आशुतोष सिन्हा ने CBI जांच के लिए CM योगी को लिखा पत्र

समाजवादी पार्टी के वाराणसी स्नातक खंड से विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री योगी को पत्र लिखकर पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या की जांच सीबीआई से कराने की मांग की है. उनका आरोप है कि मामले में पुलिस लीपापोती कर रही है.

पार्थ सुसाइड केस
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Published : May 26, 2021, 10:36 PM IST

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मीडिया सेल में कार्यरत पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है. बुधवार को समाजवादी पार्टी के वाराणसी स्नातक खंड से विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, पूरे प्रकरण की CBI जांच कराने व पीड़ित परिवार की सुरक्षा एवं उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान किए जाने की मांग की है. MLC ने सीधे तौर पर साफ-साफ कहा है कि पार्थ आत्महत्या प्रकरण में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है. अभी तक खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई, इससे लोगों में आक्रोश है.

पार्थ सुसाइड केस में सीबीआई जांच की मांग
पार्थ सुसाइड केस में सीबीआई जांच की मांग
पुलिस की भूमिका संदिग्ध आशुतोष सिन्हा का कहना था कि पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस में आरोपी पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा की अभी तक गिरफ्तारी तो दूर बयान तक दर्ज नहीं हो सका. पुलिस का दावा है कि आरोपी शैलजा संक्रमित हैं, जिसकी वजह से उनसे पूछताछ नहीं हो सकी है. दूसरे आरोपी पुष्पेंद्र को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दी गई है लेकिन, अभी तक उसने अपना बयान दर्ज नहीं कराया है. पुलिस पूरे मामले में लीपापोती में जुटी हुई है. सूत्रों की मानें तो जिस आरोपी पुष्पेंद्र सिंह को पुलिस खोजने का दावा कर रही है, आज वह एक पुलिस अफसर के ऑफिस में घंटों अपनी बेगुनही के सुबूत पेश कर रहा था. इंस्पेक्टर इंदिरानगर अजय प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सुबूत एकत्र किया जा रहा है.

इसे भी पढ़ें- सोशल मीडिया से सरकार ने कहा, नए नियम निजता के खिलाफ नहीं

ये है पूरा मामला

बीते 19 मई की सुबह मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पार्थ ने आत्महत्या करने से पूर्व ट्विटर पर 2 पेज का सुसाइड नोट पोस्ट करते हुए मौत के पीछे सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा को दोषी ठहराया था. मगर उसके सुसाइड करने के बाद पुलिस कस्टडी में ट्विटर से वह सुसाइड नोट डिलीट कर दिया गया. पार्थ श्रीवास्तव के 2 पेज के सुसाइड नोट में कई नाम दर्ज हैं. इनमें पार्थ ने पुष्पेंद्र सिंह और अन्य सहकर्मियों पर आरोप लगाए हैं. पार्थ ने सुसाइड नोट में अभय, प्रणय, महेंद्र और शैलजा नाम की महिलाकर्मी के नाम का भी जिक्र किया है. पार्थ के दोस्त सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए "जस्टिस फॉर पार्थ" कैंपेन चला रहे हैं. अब सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी आत्महत्या प्रकरण पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.

लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मीडिया सेल में कार्यरत पार्थ श्रीवास्तव की आत्महत्या प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की गई है. बुधवार को समाजवादी पार्टी के वाराणसी स्नातक खंड से विधान परिषद सदस्य आशुतोष सिन्हा ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर, पूरे प्रकरण की CBI जांच कराने व पीड़ित परिवार की सुरक्षा एवं उन्हें आर्थिक सहयोग प्रदान किए जाने की मांग की है. MLC ने सीधे तौर पर साफ-साफ कहा है कि पार्थ आत्महत्या प्रकरण में साक्ष्यों के साथ छेड़छाड़ की गई है. अभी तक खिलाफ विधि सम्मत कार्रवाई नहीं की गई, इससे लोगों में आक्रोश है.

पार्थ सुसाइड केस में सीबीआई जांच की मांग
पार्थ सुसाइड केस में सीबीआई जांच की मांग
पुलिस की भूमिका संदिग्ध आशुतोष सिन्हा का कहना था कि पार्थ श्रीवास्तव सुसाइड केस में आरोपी पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा की अभी तक गिरफ्तारी तो दूर बयान तक दर्ज नहीं हो सका. पुलिस का दावा है कि आरोपी शैलजा संक्रमित हैं, जिसकी वजह से उनसे पूछताछ नहीं हो सकी है. दूसरे आरोपी पुष्पेंद्र को बयान दर्ज कराने के लिए नोटिस दी गई है लेकिन, अभी तक उसने अपना बयान दर्ज नहीं कराया है. पुलिस पूरे मामले में लीपापोती में जुटी हुई है. सूत्रों की मानें तो जिस आरोपी पुष्पेंद्र सिंह को पुलिस खोजने का दावा कर रही है, आज वह एक पुलिस अफसर के ऑफिस में घंटों अपनी बेगुनही के सुबूत पेश कर रहा था. इंस्पेक्टर इंदिरानगर अजय प्रकाश त्रिपाठी का कहना है कि आरोपियों के खिलाफ सुबूत एकत्र किया जा रहा है.

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ये है पूरा मामला

बीते 19 मई की सुबह मुख्यमंत्री की सोशल मीडिया टीम के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव ने घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. पार्थ ने आत्महत्या करने से पूर्व ट्विटर पर 2 पेज का सुसाइड नोट पोस्ट करते हुए मौत के पीछे सीनियर पुष्पेंद्र सिंह और शैलजा को दोषी ठहराया था. मगर उसके सुसाइड करने के बाद पुलिस कस्टडी में ट्विटर से वह सुसाइड नोट डिलीट कर दिया गया. पार्थ श्रीवास्तव के 2 पेज के सुसाइड नोट में कई नाम दर्ज हैं. इनमें पार्थ ने पुष्पेंद्र सिंह और अन्य सहकर्मियों पर आरोप लगाए हैं. पार्थ ने सुसाइड नोट में अभय, प्रणय, महेंद्र और शैलजा नाम की महिलाकर्मी के नाम का भी जिक्र किया है. पार्थ के दोस्त सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए "जस्टिस फॉर पार्थ" कैंपेन चला रहे हैं. अब सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने भी आत्महत्या प्रकरण पर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है.

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