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लोकसभा चुनाव: भाजपा को हराने के लिए आपसी जंग में उलझी कांग्रेस और महागठबंधन

यूपी में भाजपा के विजय रथ को रोकने के लिए कांग्रेस और गठबंधन के दलों में आपसी प्रतिद्वंदिता दिख रही है. हाल ही में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने कई सीटों पर वोटों का बंटवारा करने वाले प्रत्याशी उतारने की बात कही थी. समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इसका तीखा विरोध किया था. इन दलों में भाजपा विरोधी मतों को अपने पक्ष में करने की होड़ सतह पर आ गई है.

यूपी में कांग्रेस और गठबंधन के बीच भाजपा को हराने की जंग
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Published : May 3, 2019, 8:19 PM IST

लखनऊ: चौथे चरण का मतदान होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से की 41 सीटों पर मतदान होना है. इसे देखते हुए सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस खुद को मजबूत दिखाने की होड़ में जुटे हैं. साथ ही भाजपा को हराने के लिए इन दलों के बीच आपसी प्रतिद्वंदिता भी देखने को मिल रही है.

यूपी में कांग्रेस और गठबंधन के बीच भाजपा को हराने की जंग
मतदाताओं को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनकी पार्टी ही भाजपा को हरा सकती है इसलिए वोटरों को उन्हीं पर भरोसा करना चाहिए. राज्य की सीटों पर टिकट बंटवारे और प्रत्याशियों के समीकरण से विपक्षी पार्टियों के बीच तालमेल होने की बात कही जा रही थी. हाल ही में प्रियंका गांधी ने कहा था कि उन्होंने कई प्रत्याशी इस तरह से उतारे हैं जो वोट काटकर भाजपा को हराने का काम करेंगे. इससे गैर-भाजपा मतों के अलंबरदार बनने का सवाल खड़ा हो गया. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है कि वह गैर-भाजपा मतदाताओं के लिए सीधी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे.

गैर भाजपा मतों पर एकाधिकार करने की कांग्रेसी कोशिश से समाजवादी पार्टी भड़की हुई है. पार्टी प्रवक्ता अमीक जामई ने कांग्रेस और भाजपा पर आपस में सांठगांठ का भी आरोप लगाया. वह कहते हैं कि अगर कांग्रेस को भाजपा विरोधी मतों की इतनी ही परवाह थी तो उसने गुजरात दंगों के बाद 10 साल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की.

लखनऊ: चौथे चरण का मतदान होने के बाद अब राज्य के पूर्वी हिस्से की 41 सीटों पर मतदान होना है. इसे देखते हुए सपा-बसपा गठबंधन और कांग्रेस खुद को मजबूत दिखाने की होड़ में जुटे हैं. साथ ही भाजपा को हराने के लिए इन दलों के बीच आपसी प्रतिद्वंदिता भी देखने को मिल रही है.

यूपी में कांग्रेस और गठबंधन के बीच भाजपा को हराने की जंग
मतदाताओं को भरोसा दिलाया जा रहा है कि उनकी पार्टी ही भाजपा को हरा सकती है इसलिए वोटरों को उन्हीं पर भरोसा करना चाहिए. राज्य की सीटों पर टिकट बंटवारे और प्रत्याशियों के समीकरण से विपक्षी पार्टियों के बीच तालमेल होने की बात कही जा रही थी. हाल ही में प्रियंका गांधी ने कहा था कि उन्होंने कई प्रत्याशी इस तरह से उतारे हैं जो वोट काटकर भाजपा को हराने का काम करेंगे. इससे गैर-भाजपा मतों के अलंबरदार बनने का सवाल खड़ा हो गया. हालांकि, विशेषज्ञ मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है कि वह गैर-भाजपा मतदाताओं के लिए सीधी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे.

गैर भाजपा मतों पर एकाधिकार करने की कांग्रेसी कोशिश से समाजवादी पार्टी भड़की हुई है. पार्टी प्रवक्ता अमीक जामई ने कांग्रेस और भाजपा पर आपस में सांठगांठ का भी आरोप लगाया. वह कहते हैं कि अगर कांग्रेस को भाजपा विरोधी मतों की इतनी ही परवाह थी तो उसने गुजरात दंगों के बाद 10 साल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं की.

Intro:लखनऊ .भारतीय जनता पार्टी का उत्तर प्रदेश के विजय रथ रोकने के लिए कांग्रेस के साथ ही गठबंधन के दलों में भी होड़ लग गई है प्रियंका गांधी ने जब भाजपा को हराने के लिए ऐसी कैंडिडेट उतारने का जिक्र किया जो वोट का बंटवारा करेंगे तो समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने सबसे पहले इसका विरोध किया देश की राजनीति में अब भाजपा को हराना भी उपलब्ध में शामिल हो गया है.


Body:चौथे चरण का मतदान होने के बाद उत्तर प्रदेश में आप पूर्वी उत्तर प्रदेश की 41 सीटों पर मतदान होना है और इसके लिए समाजवादी पार्टी से लेकर कांग्रेश तक सभी दल यह साबित करने में जुट गए हैं कि उत्तर प्रदेश में भाजपा विरोधी मतों के मकसद को पूरा करने में वही असली हथियार है और मतदाताओं को भी उन्हीं पर भरोसा करना चाहिए उत्तर प्रदेश में सीटों पर टिकट बंटवारे और प्रत्याशियों के समीकरण से पहले भी इस तरह के तालमेल की गंद मिलती रही है लेकिन प्रियंका गांधी ने जब कहा कि उन्होंने कई प्रत्याशी इस तरह से उतारे हैं जो भाजपा को हराने के लिए काम करेंगे तो गैर भाजपा मतों के अलंबरदार बनने का सवाल खड़ा हो गया। लेकिन विशेषज्ञ मानते हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के लिए बेहद जरूरी है कि वह हो गैर भाजपा मतदाताओं के लिए सीधी लड़ाई लड़ते हुए दिखाई दे।

वाइट योगेश मिश्र राजनीतिक विश्लेषक

गैर भाजपा मतों पर एकाधिकार करने की कांग्रेसी कोशिश से समाजवादी पार्टी भड़की हुई है पार्टी के प्रवक्ता अमित जाने कांग्रेस और भाजपा पर आप से सांठगांठ का आरोप लगाने से भी नहीं चूकते।वह कहते हैं अगर गैर भाजपा मतों की कांग्रेश को इतनी परवाह थे तो उसने गुजरात के दंगों के बाद 10 साल में नरेंद्र मोदी के खिलाफ क्या कार्रवाई की।

बाइट अमीक जामई प्रवक्ता समाजवादी पार्टी


Conclusion:पीटीसी अखिलेश तिवारी

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