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यूपी में नहरों और बांधों की खाली जमीन पर होगा बिजली का उत्पादन

योगी सरकार प्रदेश में सस्ती और ज्यादा बिजली उत्पादन के लिए अब सोलर एनर्जी का सहारा लेगी. अब सिंचाई विभाग के जलाशयों, नहरों और बांधों की खाली भूमि पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे.

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सिंचाई विभाग की खाली भूमि पर लगेंगे सोलर प्लांट.
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Published : Nov 6, 2020, 3:04 PM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को बिजली के भारी बिल से राहत दिलाने के लिए नई पहल की शुरुआत की है. बिजली की बचत और प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए अब सिंचाई विभाग के जलाशयों, नहरों और बांधों की खाली भूमि पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे.

रोशनी के लिए सूर्य की ऊर्जा का किया जाएगा इस्तेमाल

औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सौर ऊर्जा से बिजली के उत्पादन पर जोर दिया गया है. अब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन में सिंचाई विभाग के विशाल जलाशयों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए सिंचाई विभाग के खाली पड़े विशाल जलाशयों, नहरों और बांधों का सहारा लिया जाएगा.

जलाशयों और नहरों में मछली पालन पर नहीं पड़ेगा असर

सोलर पैनल स्थापित करने से जहां बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, तो वहीं भूमि की बचत होगी. इसके साथ ही मछलियां और जलाशयों में रहने वाले जन्तुओं को कोई नुकसान नहीं होगा और न ही इन सभी में कोई रुकावट आएगी. इसके अलावा पानी के वाष्पीकरण की गति भी धीमी नहीं होगी.

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रदेशवासियों को बिजली के भारी बिल से राहत दिलाने के लिए नई पहल की शुरुआत की है. बिजली की बचत और प्रदूषण नियंत्रित करने के लिए अब सिंचाई विभाग के जलाशयों, नहरों और बांधों की खाली भूमि पर सोलर प्लांट लगाए जाएंगे.

रोशनी के लिए सूर्य की ऊर्जा का किया जाएगा इस्तेमाल

औद्योगिकीकरण के क्षेत्र में तेजी से विकास करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से सौर ऊर्जा से बिजली के उत्पादन पर जोर दिया गया है. अब आने वाले समय में उत्तर प्रदेश में सौर ऊर्जा के उत्पादन में सिंचाई विभाग के विशाल जलाशयों का इस्तेमाल किया जाएगा. इसके लिए सिंचाई विभाग के खाली पड़े विशाल जलाशयों, नहरों और बांधों का सहारा लिया जाएगा.

जलाशयों और नहरों में मछली पालन पर नहीं पड़ेगा असर

सोलर पैनल स्थापित करने से जहां बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी, तो वहीं भूमि की बचत होगी. इसके साथ ही मछलियां और जलाशयों में रहने वाले जन्तुओं को कोई नुकसान नहीं होगा और न ही इन सभी में कोई रुकावट आएगी. इसके अलावा पानी के वाष्पीकरण की गति भी धीमी नहीं होगी.

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