लखनऊ: ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर हुआ है. दरअसल लखनऊ के समाज कल्याण विभाग के कर्मचारियों के जर्जर बिल्डिंग में काम करने के संबंध में खबर प्रकाशित की थी. इसका संज्ञान लेते हुए समाज कल्याण विभाग के निदेशालय के अधिकारी हरकत में आ गए हैं. जिम्मेदारों का कहना है कि जल्द ही उनके ऑफिस को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाएगा.
जान जोखिम में डाल काम कर रहे कर्मचारी
राजधानी लखनऊ के ठाकुरगंज में समाज कल्याण विभाग सन 1975 से भिक्षुक गृह संचालित कर रहा था. बताया जाता है जिस बिल्डिंग में यह भिक्षुक गृह चल रहा था वह 100 साल से भी अधिक पुरानी थी. बावजूद इसके इस जर्जर बिल्डिंग में समाज कल्याण विभाग के कर्मचारी काम कर रहे हैं. ऐसे में बिल्डिंग में तैनात कर्मचारियों को हर समय उनकी जान की फ्रिक बनी रहती है.
इस भिक्षुक गृह को भिक्षुकों को स्वावलंबी बनाने के लिए समाज कल्याण विभाग के द्वारा 1975 में शुरू किया गया था. भिक्षुकों को स्वावलंबी बनाने के लिए यहां उन्हें सिलाई, कढ़ाई, शिल्पकला की ट्रेनिंग दी जाता है. यह उन व्यक्तियों के लिए था, जिन्हें मजिस्ट्रेट के द्वारा 2 साल के लिए निरुद्ध घोषित किया जाता था.
क्या होता है भिक्षुक गृह
बता दें, भिक्षुक गृह में ऐसे भिखारियों को लाया जाता है, जिनको आरपीएफ टीम ने ट्रेनों में भीख मांगते पकड़ा हो. इनको जज के सामने पेश किया जाता है. जज इन भिखारियों को 2 साल के लिए निरुद्ध कर भिक्षुक गृह में भेज देते हैं. यहां भिखारियों को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई, कढ़ाई, बेत शिल्प सहित तमाम चीजों के बारे में सिखाया जाता है. इसके साथ ही समाज कल्याण विभाग इन भिखारियों को खाना, रहना, कपड़ा और भी जरूरत की चीजे देता है.
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जिला समाज कल्याण अधिकारी ने दी जानकारी
जिला समाज कल्याण अधिकारी अमरनाथ यति ने बताया कि भिक्षुक गृह में तैनात सभी कर्मचारियों को दूसरी जगह स्थानांतरित कर दिया गया है. अब उस बिल्डिंग में कोई भी काम नहीं करता है. निदेशालय से आर्डर आया था कि जल्द से जल्द बिल्डिंग में तैनात कर्मचारियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया जाए, इस आदेश के बाद भिक्षुक गृह में तैनात सभी कर्मचारियों को दूसरी जगह शिफ्ट कर दिया गया.