ETV Bharat / state

School Closed: घरों में कैद छोटे बच्चे हो रहे चिड़चिड़े, 70% पढ़ाई से हुए हैं दूर - ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं

उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण और सर्दी के कारण बंद चल रहे स्कूलों को अब खुलवाने पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर अलग-अलग तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के बर्ताव में बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं.

Up school reopen,  lucknow latest news  etv bharat up news  School Closed  घरों में कैद छोटे बच्चे  बच्चे हो रहे चिड़चिड़े  70% पढ़ाई से हुए हैं दूर  Small children imprisoned in homes  irritable due to the closure of the school  उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण  लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन  ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं  ऑनलाइन क्लास करना कठिन
Up school reopen, lucknow latest news etv bharat up news School Closed घरों में कैद छोटे बच्चे बच्चे हो रहे चिड़चिड़े 70% पढ़ाई से हुए हैं दूर Small children imprisoned in homes irritable due to the closure of the school उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन ऑनलाइन पढ़ाई संभव नहीं ऑनलाइन क्लास करना कठिन
author img

By

Published : Jan 31, 2022, 11:45 AM IST

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण और सर्दी के कारण बंद चल रहे स्कूलों को अब खुलवाने पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर अलग-अलग तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के बर्ताव में बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं. 70 परसेंट इस समय पढ़ाई से दूर है. एसोसिएशन का कहना है कि 6 साल से कम उम्र वाले इन बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई संभव ही नहीं है.

अभिभावक पिछले दो साल से ऑनलाइन क्लास कराकर त्रस्त है और अब वो प्री-स्कूल पर दबाव बना रहे हैं कि आप उनके बच्चों को बिना और देरी के प्री-स्कूल भेजन की अनुमति दें. सरकारी ओदश के कारण प्री-स्कूल असमर्थ महसूस कर रहे है. प्री-स्कूल में 6 साल से कम उम्र के बच्चें पढ़ते है जिनके लिए ऑनलाइन क्लास करना काफी कठिन है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 6 फरवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है.

बच्चे हो रहे चिड़चिड़े
बच्चे हो रहे चिड़चिड़े

इसे भी पढ़ें - मम्मी-पापा का हर वोट बच्चे को Annual Exam में दिलवाएगा Extra marks

ये है प्री स्कूल खोलने को लेकर तर्क

  • 1. अभिभावकों के लिए बच्चों को ऑनलाइन क्लास करवाना काफी कठिन है.
  • 2. ऑनलाइन क्लास में बच्चों का आपस में कोई भी संबंध नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से उन्हें ये परेशानी का सामना करना पड़ता है.
  • 3. मानसिक स्वास्थ्य ये बच्चें चिड़चिड़े हो चुके हैं, जिसकी वजह बहुत हद तक दो साल से स्कूल ना जाना है.
  • 4. तीन महीने की ऑफलाइन क्लास से बच्चों में काफी बदलाव आया था और अगर प्री-स्कूल कुछ दिन और बंद रहे तो बच्चें पर सारी मेहनत बेकार हो जाएगी.
  • 5. जब 3 महीने के लिए स्कूल खुले थे तो एक भी बच्चे में संक्रमण नहीं मिला.
  • 6. बच्चों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। बच्चे बुनियादी चीजे जैसे अंक, अक्षर और शब्द को नहीं समझ पा रहे हैं.
  • 7. 70 प्रतिशत से ज्यादा प्री- प्राइमरी के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से भी वंचित है। इन बच्चों को शून्य शिक्षा प्राप्त हुई है जो कि देश के विकास के लिए बाधक है.
  • 8. ज्यादातर देशों में स्कूल खोलने को प्राथमिकता दी गई मगर दुर्भाग्यवश हमारे देश में इसके विपरीत हुआ.
70% पढ़ाई से हुए हैं दूर
70% पढ़ाई से हुए हैं दूर

लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल का कहना है कि 90 प्रतिशत मानसिक विकास छः साल से कम उम्र में हो जाता है और लगभग दो साल से बगैर किसी वैज्ञानिक सुबूत के स्कूलों को बंद रखा गया है. एसोसिएशन के सचिव डॉ. तुषार चेतावनी का कहना है कि जब बच्चों को पार्क, चिडि़याघर, माल में जाने की अनुमति है तो उन्हें स्कूल क्यों नहीं जाने दिया जा रहा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

लखनऊ: उत्तर प्रदेश में कोरोना संक्रमण और सर्दी के कारण बंद चल रहे स्कूलों को अब खुलवाने पर जोर दिया जा रहा है. इसको लेकर अलग-अलग तरह के तर्क दिए जा रहे हैं. लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन का दावा है कि लंबे समय से घरों में कैद बच्चों के बर्ताव में बदलाव देखने को मिल रहा है. बच्चे चिड़चिड़े हो रहे हैं. 70 परसेंट इस समय पढ़ाई से दूर है. एसोसिएशन का कहना है कि 6 साल से कम उम्र वाले इन बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई संभव ही नहीं है.

अभिभावक पिछले दो साल से ऑनलाइन क्लास कराकर त्रस्त है और अब वो प्री-स्कूल पर दबाव बना रहे हैं कि आप उनके बच्चों को बिना और देरी के प्री-स्कूल भेजन की अनुमति दें. सरकारी ओदश के कारण प्री-स्कूल असमर्थ महसूस कर रहे है. प्री-स्कूल में 6 साल से कम उम्र के बच्चें पढ़ते है जिनके लिए ऑनलाइन क्लास करना काफी कठिन है. बता दें कि उत्तर प्रदेश में 6 फरवरी तक सभी शिक्षण संस्थानों को बंद किया गया है.

बच्चे हो रहे चिड़चिड़े
बच्चे हो रहे चिड़चिड़े

इसे भी पढ़ें - मम्मी-पापा का हर वोट बच्चे को Annual Exam में दिलवाएगा Extra marks

ये है प्री स्कूल खोलने को लेकर तर्क

  • 1. अभिभावकों के लिए बच्चों को ऑनलाइन क्लास करवाना काफी कठिन है.
  • 2. ऑनलाइन क्लास में बच्चों का आपस में कोई भी संबंध नहीं हो पाता है. जिसकी वजह से उन्हें ये परेशानी का सामना करना पड़ता है.
  • 3. मानसिक स्वास्थ्य ये बच्चें चिड़चिड़े हो चुके हैं, जिसकी वजह बहुत हद तक दो साल से स्कूल ना जाना है.
  • 4. तीन महीने की ऑफलाइन क्लास से बच्चों में काफी बदलाव आया था और अगर प्री-स्कूल कुछ दिन और बंद रहे तो बच्चें पर सारी मेहनत बेकार हो जाएगी.
  • 5. जब 3 महीने के लिए स्कूल खुले थे तो एक भी बच्चे में संक्रमण नहीं मिला.
  • 6. बच्चों का भविष्य दाव पर लगा हुआ है। बच्चे बुनियादी चीजे जैसे अंक, अक्षर और शब्द को नहीं समझ पा रहे हैं.
  • 7. 70 प्रतिशत से ज्यादा प्री- प्राइमरी के बच्चे ऑनलाइन शिक्षा से भी वंचित है। इन बच्चों को शून्य शिक्षा प्राप्त हुई है जो कि देश के विकास के लिए बाधक है.
  • 8. ज्यादातर देशों में स्कूल खोलने को प्राथमिकता दी गई मगर दुर्भाग्यवश हमारे देश में इसके विपरीत हुआ.
70% पढ़ाई से हुए हैं दूर
70% पढ़ाई से हुए हैं दूर

लखनऊ प्री-स्कूल एसोसिएशन के अध्यक्ष अनूप अग्रवाल का कहना है कि 90 प्रतिशत मानसिक विकास छः साल से कम उम्र में हो जाता है और लगभग दो साल से बगैर किसी वैज्ञानिक सुबूत के स्कूलों को बंद रखा गया है. एसोसिएशन के सचिव डॉ. तुषार चेतावनी का कहना है कि जब बच्चों को पार्क, चिडि़याघर, माल में जाने की अनुमति है तो उन्हें स्कूल क्यों नहीं जाने दिया जा रहा.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.