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केजीएमयू में जल्द शुरू होगा स्किन बैंक, गंभीर मरीजों के इलाज में मिलेगी मदद

केजीएमयू में स्किन बैंक (Skin bank will start soon in KGMU) जल्द शुरू होगा. इलले गंभीर मरीजों के इलाज में मदद मिलेगी.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 1, 2024, 7:56 AM IST

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Etv Bharat Kgmu Skin bank in KGMU केजीएमयू में स्किन बैंक

लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (Skin bank will start soon in KGMU) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में जल्द ही स्किन बैंक शुरू (Skin bank will start soon in KGMU) हो जाएगा. इसके शुरू होने से 60 से 70 फीसदी तक जल चुके मरीजों की जान बचाने में डॉक्टरों को मदद मिलेगी. विभाग में स्किन रखने के लिए जगह भी बनकर तैयार है. जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की तरफ से लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.

केजीएमयू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने बताया है कि साल 2024 के अप्रैल महीने में स्किन बैंक की शुरूआत करने का प्रयास है. स्किन बैंक में दान किए गए स्किन को करीब छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है. जिसका प्रयोग जले हुए मरीजों के इलाज में होगा. उन्होंने बताया कि स्किन बैंक में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो गई है. जगह को भी विकसित कर लिया गया है. जल्द ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.

60 से 70 फीसदी तक जलने वाले मरीजों को खतरा अधिक: डॉ. विजय कुमार ने बताया कि 60 से 70 फीसदी तक जलने पर मरीज में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है. इसके पीछे की वजह घाव का खुला होना होता है. घाव पर स्किन न होने से घाव ठीक नहीं होता. ऐसे में मरीजों के जान को खतरा बना रहता है. ऐसे में स्किन बैंक बन जाने से बर्न मरीजों को स्किन लगाने में आसानी होगी और मरीजों की जान बच सकेगी. डॉ. विजय ने बताया कि स्किन प्रत्यारोपण के लिए स्किन ब्रेन डेड मरीजों अथवा सामान्य मृत्यु होने पर देहदान करने पर प्राप्त होगी. हर उम्र के लोगों की स्किन प्रत्यारोपण के लिए कारगर है. समाज में बढ़ रही देहदान के प्रति जागरुकता लोगों की जिंदगी बचाने में अहम साबित होगी.

केजीएमयू में आज से लागू होगी ई-ऑफिस व्यवस्था: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में जल्द ही ई-ऑफिस पोर्टल की शुरूआत होने जा रही है. इससे कागज रहित व्यवस्था, फाइल प्रबंधन और ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर की शुरुआत भी हो सकेगी. केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित व्यस्था से आंतरिक कार्य प्रणाली में सुधार होगा. एक जनवरी से इसकी शुरुआत हो जाएगी. इसके बाद तकनीक के उपयोग से काम में तेजी आएगी. इससे पहले केजीएमयू में ई-हॉस्पिटल तथा मानव संपदा जैसे पोर्टल को अपनाया जा चुका है.

केजीएमयू के डॉ. अर्पित को एओ ट्रॉमा फेलोशिप: केजीएमयू हड्डी रोग विभाग के डॉ. अर्पित सिंह को प्रतिष्ठित एओ ट्रामा फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. यह फेलोशिप उन्हें स्वीडन के सबसे बड़े उप्साला विश्वविद्यालय में मिली है. डॉ. अर्पित फेलोशिप के दौरान आधुनिक आर्थोपेडिक तकनीकों और ऑपरेशन की प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. वह स्वीडन के प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञों के साथ घनिष्ठ सहयोग से भी काम करेंगे.

ये भी पढ़ें- प्राण प्रतिष्ठा के लिए रामलला की मूर्ति का चयन: पांच साल के बच्चे की कोमलता, विष्णु अवतार व राजा के पुत्र के होंगे दर्शन

लखनऊ: किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (Skin bank will start soon in KGMU) के प्लास्टिक सर्जरी विभाग में जल्द ही स्किन बैंक शुरू (Skin bank will start soon in KGMU) हो जाएगा. इसके शुरू होने से 60 से 70 फीसदी तक जल चुके मरीजों की जान बचाने में डॉक्टरों को मदद मिलेगी. विभाग में स्किन रखने के लिए जगह भी बनकर तैयार है. जल्द ही प्लास्टिक सर्जरी विभाग की तरफ से लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.

केजीएमयू में प्लास्टिक सर्जरी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. विजय कुमार ने बताया है कि साल 2024 के अप्रैल महीने में स्किन बैंक की शुरूआत करने का प्रयास है. स्किन बैंक में दान किए गए स्किन को करीब छह महीने तक सुरक्षित रखा जा सकता है. जिसका प्रयोग जले हुए मरीजों के इलाज में होगा. उन्होंने बताया कि स्किन बैंक में इस्तेमाल होने वाले उपकरणों की खरीद की प्रक्रिया पूरी हो गई है. जगह को भी विकसित कर लिया गया है. जल्द ही लाइसेंस के लिए आवेदन किया जाएगा.

60 से 70 फीसदी तक जलने वाले मरीजों को खतरा अधिक: डॉ. विजय कुमार ने बताया कि 60 से 70 फीसदी तक जलने पर मरीज में संक्रमण फैलने का खतरा अधिक होता है. इसके पीछे की वजह घाव का खुला होना होता है. घाव पर स्किन न होने से घाव ठीक नहीं होता. ऐसे में मरीजों के जान को खतरा बना रहता है. ऐसे में स्किन बैंक बन जाने से बर्न मरीजों को स्किन लगाने में आसानी होगी और मरीजों की जान बच सकेगी. डॉ. विजय ने बताया कि स्किन प्रत्यारोपण के लिए स्किन ब्रेन डेड मरीजों अथवा सामान्य मृत्यु होने पर देहदान करने पर प्राप्त होगी. हर उम्र के लोगों की स्किन प्रत्यारोपण के लिए कारगर है. समाज में बढ़ रही देहदान के प्रति जागरुकता लोगों की जिंदगी बचाने में अहम साबित होगी.

केजीएमयू में आज से लागू होगी ई-ऑफिस व्यवस्था: किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में जल्द ही ई-ऑफिस पोर्टल की शुरूआत होने जा रही है. इससे कागज रहित व्यवस्था, फाइल प्रबंधन और ट्रैकिंग सॉफ़्टवेयर की शुरुआत भी हो सकेगी. केजीएमयू की कुलपति प्रो. सोनिया नित्यानंद ने बताया कि नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर और उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकसित व्यस्था से आंतरिक कार्य प्रणाली में सुधार होगा. एक जनवरी से इसकी शुरुआत हो जाएगी. इसके बाद तकनीक के उपयोग से काम में तेजी आएगी. इससे पहले केजीएमयू में ई-हॉस्पिटल तथा मानव संपदा जैसे पोर्टल को अपनाया जा चुका है.

केजीएमयू के डॉ. अर्पित को एओ ट्रॉमा फेलोशिप: केजीएमयू हड्डी रोग विभाग के डॉ. अर्पित सिंह को प्रतिष्ठित एओ ट्रामा फेलोशिप से सम्मानित किया गया है. यह फेलोशिप उन्हें स्वीडन के सबसे बड़े उप्साला विश्वविद्यालय में मिली है. डॉ. अर्पित फेलोशिप के दौरान आधुनिक आर्थोपेडिक तकनीकों और ऑपरेशन की प्रक्रियाओं में प्रशिक्षण प्राप्त करेंगे. वह स्वीडन के प्रमुख हड्डी रोग विशेषज्ञों के साथ घनिष्ठ सहयोग से भी काम करेंगे.

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