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रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री के चीफ डिपो मैटेरियल सहित 3 अफसर गिरफ्तार; सप्लाई के बदले मांग रहे थे घूस - CBI Action in UP

सेफ्टी चश्मे बनाने वाली फर्म ने की थी शिकायत, मुंबई की CBI टीम ने दबोचा, 6 से अधिक जगहों पर रेड

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CBI ने रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री के अधिकारी समेत 3 को पकड़ा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 7, 2024, 12:44 PM IST

रायबरेली: मुंबई की फर्म से सेफ्टी चश्मों की आपूर्ति के बदले रिश्वत मांग रहे रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री के अधिकारी सहित तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. सीबीआई टीम मुंबई से आई थी. तीनों का मेडिकल कराने के बाद लखनऊ लाया गया है, जिन्हें सोमवार को सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा.

बता दें कि रविवार को मुंबई से आई सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री समेत आरोपियों के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापा मारा. टीम ने फैक्ट्री के चीफ डिपो मेटीरियल सुप्रीटेंडेंट रंजीत यादव, वार्ड अफसर अरविंद कुमार और बाहरी व्यक्ति रिंकू कुमार को गिरफ्तार कर लिया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनका मेडिकल चेकअप कराने के बाद टीम उन्हें लखनऊ लेकर आ गई.

सूत्रों के मुताबिक मुंबई के प्रभादेवी स्टेशन के पास राधा मेडिटेक फर्म के प्रोपराइटर अंधेरी निवासी सुधीर सनुगले ने सीबीआई से शिकायत की थी कि उनकी फर्म ने सरकारी विभागों में सेफ्टी चश्मों की आपूर्ति करती है.

मई में उन्हें रेल कोच फैक्ट्री, रायबरेली में चश्मों की आपूर्ति के लिए ऑनलाइन निविदा के तहत काम मिला था, जिसके बाद जून में उन्होंने चश्मे का सैंपल भेज दिया था, जिसे एक जुलाई को स्वीकृत कर दिया गया. फिर उन्होंने 16 जुलाई को दो तरह के चश्मों की आपूर्ति कर दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि आपूर्ति के बाद उनके पास कुछ फोन कॉल्स आईं, जो खुद को फैक्ट्री का चीफ डिपो मेटीरियल सुप्रीटेंडेंट रंजीत, वार्ड अफसर अरविंद और कारपेंटरी एंड टेस्टिंग विभाग के एसपी विश्वकर्मा बता रहे थे. ये लोग आपूर्ति को स्वीकृति देने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे. शुरुआत में उन्होंने इसे फर्जी कॉल समझकर नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने सीबीआई को बताया कि इसके बाद 28 अगस्त को उनके पास आपूर्ति किए गए चश्मों की एक किस्म को निरस्त करने का पत्र आया. साथ ही, फिर से रिश्वत देने के लिए फोन आने लगे, जिसमें आर्डर मंजूर करने के लिए जी-पे पर रिश्वत की रकम भेजने को कहा गया.

सीबीआई ने उनकी शिकायत को प्रारंभिक जांच में सही पाया, जिसके बाद रंजीत यादव, अरविंद कुमार और रिंकू कुमार के खिलाफ केस दर्ज करके टीम को रायबरेली भेजा गया. जांच में सामने आया कि सुधीर सनुगले को रिंकू कुमार और जितेंद्र कुमार के खाते में रिश्वत की रकम भेजने को कहा गया.

रिंकू कुमार ने अपने बैंक खाते की जानकारी सुधीर को भेजी थी, जिसमें अरविंद को दी जाने वाली रिश्वत की रकम ट्रांसफर करनी थी. हालांकि, सीबीआई की इस कार्रवाई पर रेलकोच फैक्ट्री की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है.

ये भी पढ़ेंः आगरा रिश्वत कांड में बड़ी कार्रवाई; SP विजिलेंस शगुन गौतम का तबादला, अब CBCID करेगी जांच

रायबरेली: मुंबई की फर्म से सेफ्टी चश्मों की आपूर्ति के बदले रिश्वत मांग रहे रायबरेली रेल कोच फैक्ट्री के अधिकारी सहित तीन लोगों को सीबीआई ने गिरफ्तार किया है. सीबीआई टीम मुंबई से आई थी. तीनों का मेडिकल कराने के बाद लखनऊ लाया गया है, जिन्हें सोमवार को सीबीआई अदालत में पेश किया जाएगा.

बता दें कि रविवार को मुंबई से आई सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच की टीम ने मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री समेत आरोपियों के आधा दर्जन से अधिक ठिकानों पर छापा मारा. टीम ने फैक्ट्री के चीफ डिपो मेटीरियल सुप्रीटेंडेंट रंजीत यादव, वार्ड अफसर अरविंद कुमार और बाहरी व्यक्ति रिंकू कुमार को गिरफ्तार कर लिया. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उनका मेडिकल चेकअप कराने के बाद टीम उन्हें लखनऊ लेकर आ गई.

सूत्रों के मुताबिक मुंबई के प्रभादेवी स्टेशन के पास राधा मेडिटेक फर्म के प्रोपराइटर अंधेरी निवासी सुधीर सनुगले ने सीबीआई से शिकायत की थी कि उनकी फर्म ने सरकारी विभागों में सेफ्टी चश्मों की आपूर्ति करती है.

मई में उन्हें रेल कोच फैक्ट्री, रायबरेली में चश्मों की आपूर्ति के लिए ऑनलाइन निविदा के तहत काम मिला था, जिसके बाद जून में उन्होंने चश्मे का सैंपल भेज दिया था, जिसे एक जुलाई को स्वीकृत कर दिया गया. फिर उन्होंने 16 जुलाई को दो तरह के चश्मों की आपूर्ति कर दी.

उन्होंने आरोप लगाया कि आपूर्ति के बाद उनके पास कुछ फोन कॉल्स आईं, जो खुद को फैक्ट्री का चीफ डिपो मेटीरियल सुप्रीटेंडेंट रंजीत, वार्ड अफसर अरविंद और कारपेंटरी एंड टेस्टिंग विभाग के एसपी विश्वकर्मा बता रहे थे. ये लोग आपूर्ति को स्वीकृति देने के लिए रिश्वत की मांग कर रहे थे. शुरुआत में उन्होंने इसे फर्जी कॉल समझकर नजरअंदाज कर दिया.

उन्होंने सीबीआई को बताया कि इसके बाद 28 अगस्त को उनके पास आपूर्ति किए गए चश्मों की एक किस्म को निरस्त करने का पत्र आया. साथ ही, फिर से रिश्वत देने के लिए फोन आने लगे, जिसमें आर्डर मंजूर करने के लिए जी-पे पर रिश्वत की रकम भेजने को कहा गया.

सीबीआई ने उनकी शिकायत को प्रारंभिक जांच में सही पाया, जिसके बाद रंजीत यादव, अरविंद कुमार और रिंकू कुमार के खिलाफ केस दर्ज करके टीम को रायबरेली भेजा गया. जांच में सामने आया कि सुधीर सनुगले को रिंकू कुमार और जितेंद्र कुमार के खाते में रिश्वत की रकम भेजने को कहा गया.

रिंकू कुमार ने अपने बैंक खाते की जानकारी सुधीर को भेजी थी, जिसमें अरविंद को दी जाने वाली रिश्वत की रकम ट्रांसफर करनी थी. हालांकि, सीबीआई की इस कार्रवाई पर रेलकोच फैक्ट्री की तरफ से अभी कोई बयान नहीं आया है.

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