आजमगढ़ : यूपी के बाराबंकी जिले में बीते दिसंबर महीने में खतना कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराने के मामले में किशोर को आजमगढ़ लाया गया. शुक्रवार को किशोर को बयान दर्ज कराने के लिये किशोर न्याय बोर्ड लाया गया. चाइल्ड कमेटी के चेयरमैन का कहना है कि किशोर को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.
इस संबंध में किशोर न्याय बोर्ड के बेंच ऑफ मजिस्ट्रेट अखिलेश सिंह ने बताया कि एक मामला आया है. बच्चा बिना बताए घर से भाग गया था. बच्चे ने बताया कि मुर्शीद नाम के लड़के से उसकी दोस्ती हो गई थी. वह उसे बहला फुसलाकर काम दिलाने के बहाने बाराबंकी लेकर चला गया था. मुर्शीद ने इस बच्चे को एक होटल में काम दिलवा दिया था, फिर उसका खतना करवाकर धर्म परिवर्तन करा दिया. जिस होटल में यह बच्चा काम करता था, कुछ लोग वहां खाना खाने गए थे. जिनको बच्चे ने आप बीती बताई थी.
उन्होंने बताया कि इस मामले में बाराबंकी में तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. बच्चा डेढ़ महीने से बाल सुधार गृह में था, उसके बाद पुलिस लेकर यहां आई है. बच्चे को उसकी मां के सुपुर्द कर दिया गया है. बच्चे की काउंसलिंग की गई है. उन्होंने बताया कि बच्चा अभी डरा हुआ है, इसलिए पूरी बात नहीं बता रहा है.
इस मामले में चाइल्ड कमेटी के चेयरमैन रजनीश श्रीवास्तव ने बताया कि बाराबंकी में मुकदमा दर्ज हुआ है. जिले का मामला होने के कारण बाराबंकी से इसे हमारे यहां ट्रांसफर किया गया है. इसमें लड़के का धर्म परिवर्तन कराकर खतना करने और नमाज पढ़वाने का आरोप है. शुक्रवार को किशोर को इस मामले में बयान दर्ज कराने के लिए बुलाया गया था.
यह था मामला : यूपी के बाराबंकी में बीते दिसंबर माह में एक किशोर का खतना कराकर उसका धर्म परिवर्तन कराने का सनसनीखेज मामला सामने आया था. बजरंगदल के जिला संयोजक की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था. रामसनेहीघाट बाराबंकी निवासी बजरंग दल के जिला संयोजक विनय सिंह राजपूत ने बताया था कि वह अपने सहयोगी बृजेश कुमार वैश्य जिलाध्यक्ष विश्व हिंदू परिषद के साथ गुरुवार को बाराबंकी में निजी काम से गए थे.
वे लोग जब नगर कोतवाली के पल्हरी चौराहे के पास पहुंचे ही थे कि वहीं पर एक रेस्टोरेंट के बगल में मेडिकल स्टोर के पास वे दोनों लोग खड़े होकर कुछ बात कर रहे थे. तभी एक लड़का हम लोगों के पास आया था. उसने बताया था कि आरोपी उसे एक अस्पताल में ले गए और उसका खतना करवा दिया. फिर उसका नाम नूर मोहम्मद रख दिया था.