लखनऊ : माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से प्रदेश के सभी राजकीय इंटर कॉलेज में स्किल सर्टिफिकेशन कोर्स (Skill certification course) शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं. स्किल सर्टिफिकेट 12वीं के विद्यार्थियों को न केवल खुद को स्वावलंबी बनाने बल्कि स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद बाहर निकलने पर अपनी आजीविका कमाने का भी अवसर देगा. उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के अन्तर्गत राजकीय विद्यालयों में इन सभी कोर्सों के माध्यम से छात्र-छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इन कोर्सों का लाभ अधिक छात्र-छात्राओं को मिले इसके लिए व्यावसायिक कुशलता में अभिरुचि रखने वाले छात्र-छात्राओं को चिन्हित भी किया जाएगा. कोर्स का संचालन सही हो इसकी सूचना जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी अथवा जिला समन्वयक उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन को उपलब्ध करवाई जाएगी.
स्किल सर्टिफिकेशन कोर्स (Skill certification course) निर्धारित अवधि में ही पूर्ण हो इसके लिए उत्तर प्रदेश कौशल मिशन द्वारा व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्र-छात्राओं की उपस्थिति ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लिए जाने की भी व्यवस्था की गई है. छात्रों के हित में इसका प्रचार प्रसार भी किया जाएगा. स्किल कोर्स समय से शुरू हो छात्रों को इसका लाभ मिले इसके लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ महेंद्र देव ने आदेश जारी किया है, वहीं लखनऊ मंडल में आने वाले सभी जिलों की जेडी माध्यमिक सुरेन्द्र तिवारी निगरानी कर रहे हैं. जेडी माध्यमिक ने बताया कि सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. साथ ही कोर्सों का लाभ पाने वाले छात्रों का डाटा भी तैयार किया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार की ओर से राजकीय माध्यमिक विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को स्वावलम्बी बनाने के उद्देश्य से सरकार द्वारा विशेष योजना चलाई जा रही है. सभी डीआईओएस को दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. डीआईओएस छात्राओं के कौशल प्रशिक्षण के लिए सम्बन्धित विद्यालय प्रबन्ध समन्वय बनाते हुए उनके स्किल सर्टिफिकेशन कोर्स का लगातार अनुश्रवण करेंगे.
जेडी सुरेंद्र तिवारी ने बताया कि कौशल विकास मिशन के तहत माध्यमिक शिक्षा विभाग के तहत आने वाले राजकीय और कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में पढ़ रहे छात्रों को इसमें शामिल किया गया है. इसके पहले चरण में करीब 20 हजार छात्रों के प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया था. अब इसे बढ़ाकर प्रदेश के सभी राजकीय स्कूलों में लागू कर दिया गया. इसी कड़ी में लखनऊ मंडल के सभी राजकीय विद्यालयों के छात्रों से चर्चा करके तय करेंगे कि कहां पर कौन सा प्रशिक्षण दिया जाना उचित होगा. फिलहाल छात्रों के इनरोलमेंट शुरू हो गए हैं. इनरोलमेंट के बाद बैच बनाकर प्रशिक्षण कार्यक्रम जल्द से जल्द शुरू कर दिया जाएगा. 12वीं में प्रशिक्षण पाने वाले छात्रों का सेवायोजन में इनरोलमेंट भी किया जाएगा, ताकि उन्हें रोजगार के साधन उपलब्ध कराए जा सकें.
यह भी पढ़ें : ख्वाजा मुईनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के सेमेस्टर एग्जाम 19 जनवरी से