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बच्चों की मौत के झंठे आंकड़े पेश करना अखिलेश की बचकानी हरकत है: सिद्धार्थनाथ सिंह - स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह

यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी से बीआरडी में 1200 बच्चों की मौत का हिसाब मांगा था. योगी सरकार में मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश के इस आंकड़ों को गलत करार दिया.

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सिद्धार्थनाथ सिंह का अखिलेश यादव पर हमला.
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Published : Jan 8, 2020, 2:54 PM IST

लखनऊ: राजथान में सौ से ज्यादा बच्चों की मौत पर यूपी में सियासी घमासान शुरु हो गया है. बच्चों की मौत पर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा तो अखिलेश बचाव में उतर आए. अखिलेश ने कहा कि पहले योगी सरकार बीआरडी में हुई बच्चों की मौत का हिसाब दे. अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर एक सूची जारी कर कहा कि बीआरडी में 1200 बच्चों की मौत हुई थी. बीजेपी ने अखिलेश के इन आंकड़ों को झूठा बताया और इसे अखिलेश की बचकानी हरकत करार दिया.

राजस्थान के कोटा में हुई बच्चों की मौत पर उत्तर प्रदेश में शुरु हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बच्चों की मौत पर बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के बचाव में उतर पड़ें. अखिलेश ने कहा कि पहले योगी सरकार बीआरडी में हुई 1200 बच्चों की मौत का हिसाब दे.

सिद्धार्थनाथ सिंह का अखिलेश यादव पर हमला.

योगी सरकार दे बच्चों की मौत का हिसाब
इस पर बीजेपी ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अखिलेश के पास क्या आंकडा है. अगर उनके पास कोई आंकड़ा है तो पेश करे सरकार पर बिना तथ्य के आरोप न लगाए. इसके बाद अखिलेश यादव ने मंगलवार को फिर से प्रेस कांफ्रेंस की और बीआरडी में हुई बच्चों की मौत की लिस्ट मीडिया के समक्ष पेश की. हालांकि लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया.

झूठे आंकड़े पेश कर भ्रमित कर रहे हैं अखिलेश
योगी सरकार में मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव झंठे आंकड़े पेश कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं, वो बचकानी हरकतें कर रहे हैं. हम लोगों ने अनेक मंच से यहां तक कि मैं खुद विधानसभा में आंकड़े दे चुका हूं. वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बाहर के अखबारों ने भी योगी सरकार की जेई जैसी बीमारी को रोकने में मिली सफलता को लेकर सराहना की है, लेकिन मैं फिर से जनता के बीच आंकड़े रख देता हूं.

अखिलेश को नहीं पता जेई और एईएस
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा ये दुर्भाग्य की बात है कि अखिलेश जी पांच साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन आपको यह भी नहीं समझ आया कि जेई क्या है और एईएस क्या है. आप तो कल जेई के बारे में बोल गए, निको के अंदर वे बच्चे मरते हैं जो कुपोषित होते हैं. निको में इस तरह के बच्चों की मौत को शामिल किया जाता है. अगर यह अंतर समझ आ जाता तो अखिलेश जी 2014 से 2017 के बीच इतने बच्चों की मौत नहीं हुई होती.

कम हुईं है घटनाएं
मगर आपको तो हर मुद्दे पर राजनीति करनी है. इसीलिए आपने बच्चों की मौत पर भी राजनीति की. उन्होंने बताया कि 2016 में जेई की जो घटनाएं होती थी, आज उसमें 65 से 70 फीसद कम हुई हैं. केस भी 70 से 80 फीसद गिरे हैं. एईएस की घटना भी कम हुई है न के बराबर तक पहुंचा दिया गया है. उसका एक ही कारण है इसके लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम हो सकता है.

38 जिलों को किया ओडीएफ
हम लोगों ने 2017 से लेकर 2018, 2019 के अंदर डेढ़ करोड़ वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाए थे. एईएस के लिए कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं है, इसलिए उसका बचाव केवल सावधानी ही है, साफ सफाई रखना है. इसलिए 38 जिलों को ओडीएफ किया गया है. घरों में यूनिसेफ के साथ दस्तक अभियान के तहत पहुंचा गया.

हमारी सरकार प्रतिबद्ध है
दस्तक अभियान 11 विभागों ने मिलकर तीन चरणों में चलाया. इसमें केवल 229 केस सामने आए हैं और 18 मौतें हुई हैं. एईएस की बात करें तो पहले करीब 4000 से ऊपर उसके केस सामने आते थे. वह घटकर 2000 के आसपास आ गए हैं, इसमें सौ के आसपास मौतें हुई हैं. यह आंकड़ा पहले की अपेक्षा बहुत नीचे आया है, लेकिन हमारी सरकार इसे एकदम कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और काम कर रही है.

यह भी पढ़ें- दिवाली के पटाखों ने जिंदगी में घोला जहर, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

लखनऊ: राजथान में सौ से ज्यादा बच्चों की मौत पर यूपी में सियासी घमासान शुरु हो गया है. बच्चों की मौत पर बीजेपी ने कांग्रेस पर निशाना साधा तो अखिलेश बचाव में उतर आए. अखिलेश ने कहा कि पहले योगी सरकार बीआरडी में हुई बच्चों की मौत का हिसाब दे. अखिलेश ने प्रेस कांफ्रेंस कर एक सूची जारी कर कहा कि बीआरडी में 1200 बच्चों की मौत हुई थी. बीजेपी ने अखिलेश के इन आंकड़ों को झूठा बताया और इसे अखिलेश की बचकानी हरकत करार दिया.

राजस्थान के कोटा में हुई बच्चों की मौत पर उत्तर प्रदेश में शुरु हुई सियासत थमने का नाम नहीं ले रही है. बच्चों की मौत पर बीजेपी ने कांग्रेस पर हमला बोला तो सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव कांग्रेस के बचाव में उतर पड़ें. अखिलेश ने कहा कि पहले योगी सरकार बीआरडी में हुई 1200 बच्चों की मौत का हिसाब दे.

सिद्धार्थनाथ सिंह का अखिलेश यादव पर हमला.

योगी सरकार दे बच्चों की मौत का हिसाब
इस पर बीजेपी ने सोमवार को एक प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि अखिलेश के पास क्या आंकडा है. अगर उनके पास कोई आंकड़ा है तो पेश करे सरकार पर बिना तथ्य के आरोप न लगाए. इसके बाद अखिलेश यादव ने मंगलवार को फिर से प्रेस कांफ्रेंस की और बीआरडी में हुई बच्चों की मौत की लिस्ट मीडिया के समक्ष पेश की. हालांकि लिस्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया.

झूठे आंकड़े पेश कर भ्रमित कर रहे हैं अखिलेश
योगी सरकार में मंत्री और प्रवक्ता सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश पर जमकर हमला किया. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव झंठे आंकड़े पेश कर जनता को भ्रमित कर रहे हैं, वो बचकानी हरकतें कर रहे हैं. हम लोगों ने अनेक मंच से यहां तक कि मैं खुद विधानसभा में आंकड़े दे चुका हूं. वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बाहर के अखबारों ने भी योगी सरकार की जेई जैसी बीमारी को रोकने में मिली सफलता को लेकर सराहना की है, लेकिन मैं फिर से जनता के बीच आंकड़े रख देता हूं.

अखिलेश को नहीं पता जेई और एईएस
सिद्धार्थनाथ सिंह ने कहा ये दुर्भाग्य की बात है कि अखिलेश जी पांच साल मुख्यमंत्री रहे, लेकिन आपको यह भी नहीं समझ आया कि जेई क्या है और एईएस क्या है. आप तो कल जेई के बारे में बोल गए, निको के अंदर वे बच्चे मरते हैं जो कुपोषित होते हैं. निको में इस तरह के बच्चों की मौत को शामिल किया जाता है. अगर यह अंतर समझ आ जाता तो अखिलेश जी 2014 से 2017 के बीच इतने बच्चों की मौत नहीं हुई होती.

कम हुईं है घटनाएं
मगर आपको तो हर मुद्दे पर राजनीति करनी है. इसीलिए आपने बच्चों की मौत पर भी राजनीति की. उन्होंने बताया कि 2016 में जेई की जो घटनाएं होती थी, आज उसमें 65 से 70 फीसद कम हुई हैं. केस भी 70 से 80 फीसद गिरे हैं. एईएस की घटना भी कम हुई है न के बराबर तक पहुंचा दिया गया है. उसका एक ही कारण है इसके लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम हो सकता है.

38 जिलों को किया ओडीएफ
हम लोगों ने 2017 से लेकर 2018, 2019 के अंदर डेढ़ करोड़ वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाए थे. एईएस के लिए कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं है, इसलिए उसका बचाव केवल सावधानी ही है, साफ सफाई रखना है. इसलिए 38 जिलों को ओडीएफ किया गया है. घरों में यूनिसेफ के साथ दस्तक अभियान के तहत पहुंचा गया.

हमारी सरकार प्रतिबद्ध है
दस्तक अभियान 11 विभागों ने मिलकर तीन चरणों में चलाया. इसमें केवल 229 केस सामने आए हैं और 18 मौतें हुई हैं. एईएस की बात करें तो पहले करीब 4000 से ऊपर उसके केस सामने आते थे. वह घटकर 2000 के आसपास आ गए हैं, इसमें सौ के आसपास मौतें हुई हैं. यह आंकड़ा पहले की अपेक्षा बहुत नीचे आया है, लेकिन हमारी सरकार इसे एकदम कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और काम कर रही है.

यह भी पढ़ें- दिवाली के पटाखों ने जिंदगी में घोला जहर, अस्पताल में बढ़ी मरीजों की संख्या

Intro:लखनऊ: बच्चों की मौत पर सियासत में वार-पलटवार जारी लखनऊ। राजस्थान के कोटा में बच्चों की मौत पर उत्तर प्रदेश में जो सियासत शुरू हुई, वह थमने का नाम नहीं ले रही। कोटा में बच्चों की मौत पर योगी सरकार ने कांग्रेस नेतृत्व पर हमला बोला। फिर इस जुबानी जंग में सपा मुखिया अखिलेश यादव कूद पड़े। गत सोमवार को अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पूर्वांचल में 1200 से अधिक बच्चों की मौत हुई लेकिन योगी सरकार बीमारी का नाम बदल कर आंकड़े कम बता रही। इस पर आज योगी सरकार का पक्ष आया। कैबिनेट बैठक के बाद प्रेसवार्ता के दौरान सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने अखिलेश यादव पर एक बार फिर पलटवार किया है।


Body:योगी सरकार के प्रवक्ता व मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि थूको और भाग लो। उसमें वास्तविकता नहीं होती है लेकिन भ्रमित जरूर करेंगे। कल उन्होंने (अखिलेश यादव) जैपनीज इंसेफेलाइटिस के बारे में कहा है। जोकि केवल झूठ, झूठ और झूठ ही है। वह कहां से आंकड़े लाते हैं उन्हीं को मुबारक हों। हम लोगों ने अनेक मंच से यहां तक कि मै खुद विधानसभा के अंदर वह आंकड़ा दे चुका हूं। यही नहीं अखिलेश जी को शायद चुभ रहा होगा लेकिन वाशिंगटन पोस्ट और न्यूयॉर्क टाइम्स जैसे बाहर के अखबारों ने भी योगी सरकार की जेई जैसी बीमारी को रोकने में मिली सफलता को लेकर सराहना की है। लेकिन मै फिर से जनता के बीच आंकड़े रख देता हूं। सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि अखिलेश जी आप पांच साल मुख्यमंत्री रहे। आपको यह भी नहीं समझ आया कि जेई क्या है और एईएस क्या है। आप तो कल जेई के बारे में बोल गए। निको के अंदर वे बच्चे मरते हैं जो कुपोषित होते हैं। निकों में इस तरह के बच्चों की मौत को शामिल किया जाता है। अगर यह अंतर समझ आ जाता तो अखिलेश जी 2014 से 2017 के बीच इतने बच्चों की मौत नहीं हुई होती। मगर आप लोगों को राजनीति करनी है। राजनीति किसी चीज पर करनी है। आपने बच्चों की मौत पर भी राजनीति की। उस पर भी राजनीति करने के लिए उतर आये। उन्होंने बताया कि 2016 में जेई की जो घटनाएं होती थी। आज उसमे 65 से 70 फीसद कम हुई हैं। केस भी 70 से 80 फीसद गिरे हैं। एईएस की घटना भी कम हुई है। ना के बराबर तक पहुंचा दिया गया है। उसका एक ही कारण है। इसके लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम हो सकता है। हम लोगों ने इसकी मुहिम चलाई थी। 2017 से लेकर 2018, 2019 के अंदर डेढ़ करोड़ वैक्सीनेशन प्रोग्राम चलाए गए। एईएस के लिए कोई वैक्सीनेशन प्रोग्राम नहीं है। इसलिए उसका केवल सावधानी ही है। साफ सफाई रखना ही है। इसलिए 38 जिलों को ओडीएफ किया गया। घरों में यूनिसेफ के साथ दस्तक अभियान के तहत पहुंचा गया। दस्तक अभियान 11 विभागों ने मिलकर तीन चरणों में चलाया। भारी मात्रा में रोकथाम में सफलता मिली है। इसमें केवल 229 केस सामने आए हैं और 18 मौतें हुई हैं। एईएस की बात करें तो पहले करीब 4000 से ऊपर उसके केस सामने आते थे। वह घटकर 2000 के आसपास आ गए हैं। इसमें सौ के आसपास मौतें हुई हैं। यह आंकड़ा पहले की अपेक्षा बहुत नीचे आया है। लेकिन हमारी सरकार इसे एकदम कम करने के लिए प्रतिबद्ध है और काम कर रही है। बाईट- स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने अखिलेश यादव के इस प्रकार के बयान को बचकानी हरकत करार दिया है। उन्होंने कहा अखिलेश यादव जी मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनमें इतनी गंभीरता होनी चाहिए। उन्हें इस प्रकार की बात नहीं करनी चाहिए। इस पर वह कहां से आंकड़े लाए हैं। यह किसी को नहीं पता है। उन्हें ऐसी चीजों पर राजनीति करने से बचना चाहिए। दिलीप शुक्ला, 9450663213


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