लखनऊ: देश में जारी लाउडस्पीकर विवाद पर प्रसपा मुखिया शिवपाल यादव ने कहा कि सबसे पहले अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ को जानने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि सैंकड़ों सालों से देश में गंगा-जमुनी तहजीब में भजन-कीर्तन, अजान और गुरुवाणी के स्वर सहअस्तित्व के साथ गूंजते रहें हैं. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर के आविष्कार के पहले तो किसी ने इस पर सवाल नहीं उठाया. ईश्वर न तब बहरा था और न अब बहरा है. बुनियादी सवाल है कि अचानक शुरू हुए इस फसाद की जड़ कौन है? दरअसल, उन्होंने ये बातें ट्वीट कर कही.
वहीं, लाउडस्पीकर को हटाए जाने को लेकर जारी सियासत पर सूबे के भाजपा अध्यक्ष व जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने ट्वीट कर लिखा कि यूपी में है दम, क्योंकि शोर यहां है कम. वहीं, मस्जिद हो या मंदिर हजारों की संख्या में लाउडस्पीकर धार्मिक स्थलों से हटाए जा चुके हैं. जिसको लेकर जमकर सियासत की जा रही है. लाउडस्पीकर हटाने को लेकर महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के अध्यक्ष राज ठाकरे ने शिवसेना सरकार को निशाने पर लिया है. जिसमें उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने दिखा दिया है कि कानून का राज क्या होता है, जो कि शिवसेना और महाअघाड़ी की सरकार महाराष्ट्र में नहीं कर सकी है. इधर, प्रदेश भाजपा प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा कि निश्चित तौर पर योगी आदित्यनाथ सरकार ने यह आदेश सभी पंथों के लिए जारी किया है. जिससे लोग खुद ही लाउडस्पीकर हटा रहे हैं. जो एक बहुत ही अच्छा निर्णय है.
गौरतलब है कि कर्नाटक में हिजाब पर उठा विवाद सड़कों पर नमाज के रास्ते मंदिरों-मस्जिदों में लाउडस्पीकर तक पहुंच गया. देश भर में चल रहे इन विवादों के दरमियान, उत्तर प्रदेश में बड़े स्तर पर एक्शन हुआ है. वहीं, यूपी में हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब तक 6031 लाउडस्पीकर उतरवाए गए हैं. इसके अलावा 29674 धार्मिक स्थलों पर लाउडस्पीकरों की आवाज कम की गई है. वहीं पुराने लखनऊ में 433 लाउडस्पीकर हटाए गए. इसमें मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे सभी शामिल हैं.
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