लखनऊ : नगर निकाय चुनाव में जीत को लेकर सभी राजनीतिक दलों की तरफ से जोर आजमाइश तेज हो गई है. सभी दलों में उम्मीदवार दावेदारी पेश कर चुके हैं. समाजवादी पार्टी में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का विलय हो चुका है और शिवपाल सिंह यादव सपा के राष्ट्रीय महासचिव बना दिए गए हैं, लेकिन उनके करीबियों का समायोजन ठीक ढंग से नहीं हो पाया. अब शिवपाल के करीबियों को निकाय चुनाव में टिकट भी नहीं मिल पाए हैं, जिससे उनके करीबियों की नाराजगी बढ़ गई है. कई करीबियों ने भाजपा का दामन थाम लिया है. माना जा रहा है कि इससे समाजवादी पार्टी को नुकसान भी कुछ न कुछ जरूर होगा. लंबे समय से शिवपाल के साथ जुड़े रहे नेताओं ने साथ छोड़ दिया है.
दरअसल, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव का तो समायोजन ठीक ढंग से कर दिया और उन्हें पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी भी दे दी, लेकिन उनके साथ जो लोग जुड़े रहे उन्हें निकाय चुनाव या अन्य संगठन में बहुत ज्यादा तवज्जो नहीं दी गई. यही कारण है कि जब नगर निकाय चुनाव में टिकट वितरण की बात शुरु हुई, उम्मीदवारों की तरफ से दावेदारी पेश की गई तो शिवपाल के करीबियों को टिकट नहीं दिए गए. इससे नाराजगी बढ़ना शुरू हो गई और समाजवादी पार्टी में अपना भविष्य अंधकार में देखते हुए बसपा से शिवपाल के साथ समाजवादी पार्टी में आने वाले नेताओं ने साइकिल छोड़ने का ही फैसला कर लिया. शिवपाल सिंह यादव के साथ प्रगतिशील समाजवादी पार्टी और उससे पहले सपा में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों का निर्वहन कर चुके अजय त्रिपाठी उर्फ मुन्ना शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. अजय त्रिपाठी समाजवादी पार्टी और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में प्रदेश महासचिव के साथ-साथ कई अन्य पदों पर रहे हैं. इसके साथ ही वह व्यापारी समाज को समाजवादी पार्टी व उससे पहले प्रगतिशील समाजवादी पार्टी में जोड़ने का काम करते रहे हैं.
अजय त्रिपाठी के अलावा भी तमाम ऐसे नेता भारतीय जनता पार्टी में शामिल हुए हैं. कुछ ऐसे भी नेता हैं जो पूरी तरह से समाजवादी पार्टी से नाराज हो गए हैं. यह नहीं है कि शिवपाल सिंह यादव ने ऐसे नेताओं को मनाने की कोशिश नहीं की. सूत्र बताते हैं कि जिन लोगों को टिकट नहीं मिला उनसे शिवपाल सिंह यादव ने बात की, लेकिन बात नहीं बनी. समाजवादी पार्टी में अपना चुनावी भविष्य अंधकार में देखते हुए नेताओं ने सपा से दूर होने का ही फैसला किया.
समाजवादी पार्टी के पूर्व प्रदेश सचिव एवं प्रसपा के पूर्व प्रदेश महासचिव अजय त्रिपाठी 'मुन्ना' ने हजारों समर्थकों समेत भाजपा की सदस्यता ग्रहण की. समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता एवं उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की पूर्व सदस्य सुमन सिंह, प्रसपा के पूर्व प्रदेश महासचिव राजेश शुक्ला, प्रसपा यूथ ब्रिगेड के पूर्व प्रमुख राष्ट्रीय महासचिव शेर जंग सिंह यादव, समाजवादी पार्टी के पूर्व पार्षद, पूर्व प्रदेश महासचिव काशीराम रावत, प्रसपा के पूर्व पार्षद व पूर्व प्रमुख महासचिव अजय अवस्थी बन्टी, प्रसपा के पूर्व जिलाध्यक्ष संतोष शुक्ला, प्रसपा लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश महासचिव सौरभ सिंह, प्रसपा के पूर्व प्रदेश सचिव शशिकान्त मिश्रा, प्रसपा के पूर्व प्रदेश सचिव व किसान यूनियन के मंडल प्रभारी प्रशांत मिश्रा, प्रसपा के पूर्व प्रदेश सचिव राम दवन पटवा, प्रसपा युवजन सभा के प्रदेश महासचिव विमल यादव, मोहान विधानसभा से पूर्व प्रत्याशी नीतू कनौजिया, सपा के संस्थापक सदस्य मनोज तिवारी सहित अन्य नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है.
समाजवादी चिंतक डॉ दीपक मिश्रा कहते हैं कि 'शिवपाल सिंह यादव के साथ वह लोग जुड़े रहे और वह लोग जुड़े हुए हैं जो प्रतिबद्ध समाजवादी हैं जो लोहिया और जयप्रकाश में आस्था रखते हैं. नेताजी और जनेश्वर मिश्र के मार्गदर्शन में काम किया है वह सभी लोग समाजवादी विचारधारा को सशक्त करने में लगे हुए हैं. सुना हमने भी है कि एक दो लोगों को टिकट नहीं मिला तो वह नाराज हो गए हैं. ऐसी संख्या कुछ ही लोगों की है, लेकिन 99 फीसद लोग पूरी ताकत के साथ समाजवादी पार्टी के साथ प्रतिबद्धता पूर्ण तरीके से खड़े हैं. कुछ लोग अगर जा रहे हैं तो इससे समाजवादी पार्टी पर कोई असर नहीं पड़ेगा. समाजवादी विचारधारा के लोग पूरी ताकत के साथ खड़े हैं और सोशलिस्ट पक्ष को मजबूत करने का काम कर रहे हैं.'