लखनऊः सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन लिमिटेड (UPPCL) पीएफ घोटाला मामले में निरुद्ध उप्र स्टेट पॉवर सेक्टर इम्पलाईज ट्रस्ट के तत्कालीन सचिव प्रवीण कुमार गुप्ता की दूसरी जमानत अर्जी खारिज कर दी है. कोर्ट ने अर्जी खारिज करते हुए अपने आदेश में कहा है कि इसमें कोई नया तथ्य नहीं है.
कोर्ट के समक्ष सीबीआई ने जमानत अर्जी का विरोध करते हुए दलील दी मुल्जिम द्वारा सचिव ट्रस्ट के पद पर रहते हुए अन्य लोकसेवकों के साथ एक साजिश के तहत भारत सरकार की गाइड लाइन का उल्लघंन कर सीपीएफ व जीपीएफ का कुल 2 हजार 267 करोड़ की रकम प्राइवेट फाइनेंस कम्पनियों में गलत तरीके से निवेश किया.
सीबीआई का यह भी कहना था कि 12 मार्च, 2020 को मुल्जिम की पहली जमानत अर्जी खारिज हो चुकी है. तब से अब तक कोई नया तथ्य प्रकाश में नहीं आया है. जबकि सीबीआई की विवेचना अभी लंबित है. लिहाजा यह अर्जी भी खारिज की जाए. जिसके बाद सीबीआई के विशेष जज अजय विक्रम सिंह आरोपी प्रवीण कुमार गुप्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी. बता दें कि 2 नवंबर 2019 को यूपीपीसीएल के इस पीएफ घोटाला मामले की एफआईआर वर्तमान सचिव ट्रस्ट आईएम कौशल ने थाना हजरतगंज में दर्ज कराई थी.